Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 10 September, 2020 12:43 PM IST
Moong Cultivation

मूंग गर्मी और खरीफ, दोनों मौसम की कम समय में पकने वाली एक प्रमुख दलहनी फसल है. मूंग को एक महत्पूर्ण दलहनी फसल की श्रेणी में रखा जाता है. इसी कड़ी में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों ने मूंग की नई रोग प्रतिरोधी किस्म विकसित की है. इस किस्म को एमएच 1142 से जाना जाएगा. इस किस्म को विश्वविद्यालय के आनुवंशिकी और पौध प्रजनन विभाग के दलहन अनुभाग ने विकसित किया है. इससे पहले भी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मूंग की आशा, मुस्कान, सत्या, बसंती, एमएच 421 व एमएच 318 किस्में विकसित की हैं.

खरीफ मौसम में होगी नी किस्म की बुवाई

भारत के उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व के मैदानी इलाकों के किसान मूंग की एमएच 1142 किस्म की बुवाई कर सकते हैं. इस किस्म की बुवाई खरीफ मौसम में आसानी से की जा सकती है. बता दें कि इन क्षेत्रों में यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिमी बंगाल समेत असम का नाम शामिल हैं.

नई किस्म की खासियत

  • खरीफ में काश्त की जाने वाली मूंग की इस किस्म की खासियत है कि इसकी फसल एक साथ पककर तैयार हो जाएगी.

  • इस किस्म की फलियां काले रंग की होती हैं.

  • बीज मध्यम आकार के हरे और चमकीले होते हैं.

  • इस किस्म का पौधा कम फैलावदार, सीधा और सीमित बढ़वार वाला होता है.

  • फसल की कटाई आसानी से कर सकते हैं.

  • यह किस्म कई राज्यों में 63 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.

  • इसकी औसत पैदावार भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार 12 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर प्राप्त कर सकते हैं.

रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली किस्म मूंग की इस नई किस्म की खासियत है कि इसमें पीला मौजेक, पत्ता झूरी, पत्ता मरोड़ जैसे विषाणु रोग और सफेद चुर्णी जैसे फफूंद रोगों से लड़ने की क्षमता है. इसके अलावा मूंग की इस किस्म में सफेद मक्खी और थ्रिप्स जैसे रस चूसक कीट और अन्य फली छेदक कीटों का प्रभाव भी पहले वाली किस्मों की तुलना में बहुत कम होता है. बताया जा रहा है कि इस किस्म का बीज अगले साल किसानों के लिए उपलब्ध करवा दिया जाएंगे.
English Summary: Agricultural scientists of Haryana Agricultural University have developed a new MH 1142 variety of moong
Published on: 10 September 2020, 12:50 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now