मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 19 November, 2020 4:05 PM IST
Potato Cultivation

आलू रबी का खास फसलों में से एक है और सर्दियों की शुरूआत होते ही किसान आलू की बुवाई में लग गए हैं लेकिन कभी-कभी मौसम किसानों का साथ नहीं देता. अगर बिन मौसम बारिश होने लगे और किसान ये सोचकर बुवाई से डरें कि फसल बर्बाद हो जाएगी तो इसका भी वैज्ञानिक तरीका है. 

जब आलू की बुवाई के समय बारिश होने लगे तो वैज्ञानिकों की किसानों को क्या सलाह है विस्तार से जानते हैं.

कृषि वैज्ञानिकों की सलाह (Agriculture scientists advice)

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि आलू के बीज को दवा के घोल में भिगोकर रख दें. इसके बाद छायादार स्थान पर सुखाकर बुवाई  के प्रयोग में लाएं. इससे आलू की फसल से बेहतर उत्पादन मिलेगा. वैसे भी आलू की खेती में काफी लागत लगती है, इसलिए आलू उत्पादक किसानों को थोड़ी सजगता बरतनी चाहिए. कभी-खबी बारिश होने की वजह से खेतों में भरपूर नमी आ जाती है. इससे निचले क्षेत्र के खेतों में पानी भरने से फसल बर्बाद होने का डर रहता है.

इस वजह से लगभग 3 से 4  दिन बाद ही आलू की बुवाई करना सही रहता है. बुवाई के लिए जो आलू है वो बर्बाद ना हो इससे बचने के लिए कई सावधानियां बरतने की जरूरत है. महंगे आलू की वजह से लागत प्रति हेक्टयर सवा से डेढ़ लाख रुपए लग रही है. ऐसे में किसानों को कृषि विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार ही बुवाई करना चाहिए, ताकि फसल से बेहतर उत्पादन भी प्राप्त हो सके.

आलू की उन्नत किस्मों की बुवाई (Sowing of improved varieties of potatoes)

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को आलू की खेती में उन्नत किस्मों की ही बुवाई करना चाहिए. अगर किसान आलू की कुफरी बादशाह, कुफरी अलंकार, कुफरी ज्योति, कुफरी बहार और कुफरी चंद्रमुखी की बुवाई करते हैं, तो इससे फसल का बेहतर उत्पादन प्राप्त होगा. इसके अलावा सुगर र्फी आलू की खेती के लिए चिपसोना अच्छी किस्म साबित होगी. 

आलू के खेती की तैयारी (Potato cultivation preparation)

किसान खेत तैयार करते समय मृदा परीक्षण ज़रूर कराएं. इसके बाद ही उवर्रकों का प्रयोग करें. इसके साथ ही खेती में जैविक खाद का अधिक उपयोग करें. 

आलू के बीज का उपचार (Potato seed treatment)

इसके लिए 1 लीटर पानी में  लगभग 2  ग्राम मेनकोजेब और 1 ग्राम कार्बेण्डाजिम के हिसाब से दवा का घोल तैयार कर लें. इसके बाद आलू की बीज को लगभग 5 मिनट तक भिगोकर रख दें.

अब बीज को अच्छी तरह सूखा लें. जब यह  प्रक्रिया पूरी हो जाए, तो बीज की बुवाई कर दें. इस तरह आलू उत्पादकों को फसल से बेहतर उत्पादन प्राप्त होगा. ध्यान रहे कि आलू उत्पादक किसानों को खेती में सजगता बरतनी है,

English Summary: Advice of agricultural scientists for sowing of potatoes
Published on: 19 November 2020, 04:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now