हमारे देश में कई तरह की सब्ज़ियों की खेती (Vegetable Farming) होती है, जिसमें सेम की खेती यानि फ्रेंच बीन (French Bean Cultivation) का अपना एक अलग स्थान है. वैसे मौजूदा समय में सेम की खेती कई राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व तमिलनाडु में बड़े स्तर पर की जा रही है. मगर आज भी कई किसान ऐसे हैं, जिन्हें सेम की खेती के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है कि कौनसी किस्म का क्या फायदा है और वे कितनों दिनों में कितना उत्पादन देगी. ऐसे में आज हम किसान भाईयों को सेम की ऐसी 5 किस्मों के बारे में बतायेंगे जो 70 से 100 दिनों में 20 से 24 टन/हेक्टेयर तक उपज दे सकती हैं. तो आइये जानते हैं उनके बारे में विस्तार से....
अकरा अर्जुन (Akra Arjun)
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अकरा अर्जुन एक झाड़ीदार, मजबूत और असंवेदनशील किस्म है.
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यह रबी और गर्मी दोनों के लिए उपयुक्त है.
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यह मूंग येलो मोज़ेक वायरस (MYMV) रोग के लिए प्रतिरोधी है.
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यह किस्म 70 दिनों में 17 टन प्रति हेक्टेयर उपज देती है.
अकरा अनूप (Akra Anoop)
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अकरा अनूप एक झाड़ीदार और असंवेदनशील किस्म है (अर्का बोल्ड x अर्का कोमल)
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इसकी फली लंबी, सपाट और सीधी होती है
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यह जंग और बैक्टीरियल ब्लाइट रोग दोनों की प्रतिरोधी किस्म है.
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इस किस्म की उपज 70-75 दिनों में 20 टन/हेक्टेयर होती है.
अकरा बोल्ड (Akra Bold)
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अकरा बोल्ड असंवेदनशील और झाड़ीदार किस्म है.
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इस किस्म की फली चपटी, मांसल, कुरकुरी, अतिरिक्त बड़ी (16 सेमी) और लंबाई में मध्यम होती है
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यह जंग रोग के लिए प्रतिरोधी किस्म है.
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इस किस्म की उपज 70 दिनों में 15 टन प्रति हेक्टेयर है.
अकरा कोमल (Akra Komal)
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अकरा कोमल झाड़ीदार, प्रकाश-असंवेदनशील किस्म है.
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यह किस्म की फली सीधी, लंबी और सपाट होती है.
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यह जंग और बैक्टीरियल ब्लाइट प्रतिरोध दोनों है.
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इस किस्म की उपज 70-75 दिनों में 20 टन/हेक्टेयर होती है.
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अकरा सुकोमल (Akra Sukomal (New Release)
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उच्च उपज देने वाली जंग प्रतिरोधी पोल बीन किस्म है.
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इस किस्म के पौधे अनिश्चित होते हैं और 2.0 मीटर से अधिक ऊंचाई तक बढ़ते हैं.
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पहली फसल के लिए किस्म को 60 दिन लगते हैं.
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इस किस्म की फली कड़े, अंडाकार, हरी और लंबी (23 सेमी) होती है.
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यह किस्म खरीफ और रबी दोनों मौसमों के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
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इस किस्म की उपज 100 दिनों में 24 टन/हेक्टेयर होती है.