Mahindra Tractors ने अप्रैल 2024 में बेचे 37,039 ट्रैक्टर्स, निर्यात बिक्री में 23% की वृद्धि IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित LPG Price Cut: महंगाई से बड़ी राहत! घट गए एलपीजी सिलेंडर के दाम, जानें नए रेट Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 29 January, 2021 12:00 AM IST
राकेश टिकैट

पुलिस और फोर्स की भारी मौजूदगी के बाद भी किसान आंदोलन का एक नेता खड़ा होता है और कहता है मुझे गोली मार दो, लेकिन आंदोलन खत्म नहीं होगा. इस नेता के इतना कहते ही मानो पूरी हवा बदल जाती है और किसान एक बार फिर उसी हौंसले के साथ बोर्डर पर बैठ जाते हैं. पुलिस को चैलेंज करने वाले इस नेता का नाम है राकेश टिकैट, जिन्हें इस किसान आंदोलन के बाद से लगभग हर कोई जानता ही है.

किसी के लिए नायक किसी के लिए खलनायक

कल पूरे भारत ने देखा कि कैसे गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद दम तोड़ते किसान आंदोलन को एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर से संजीवनी मिली. राकेश उन किसानों के लिए मसीहा हैं, जो उनकी एक आवाज पर पुलिस की गोली खाने को तैयार हो जाते हैं, तो कुछ लोगो के लिए खलनायक. राइट विंग तो कई बार उनपर देश तोड़ने और किसानों को भटकाने तक का आरोप लगा चुका है. लेकिन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत आखिर किस तरह देश के एक बड़े किसान वर्ग का चेहरा बन गए इसके पीछे की कहानी दिलचस्प है.

पिता से विरासत में मिला विरोधी तेवर

दरअसल राकेश टिकैत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के बेटे हैं, जी हां वहीं महेंद्र टिकैट जिन्होंने 90 के दशक में केंद्र सरकार की नींद उड़ा दी थी. राकेश ने अपने पिता के उस समय को देखा है जब 1987 में बिजली के दामों को लेकर किसानों का आंदोलन अपने शिखर पर चल रहा था और दो किसान पुलिस की गोली लगने से मारे गए थे. उस समय भी राकेश ने पिता महेंद्र सिंह के साथ मिलकर सरकार को चारों तरफ से सवालो से घेर लिया था.

दिल्ली पुलिस में रह चुके हैं सब इंस्पेक्टर

हालांकि ऐसा नहीं था कि राकेश टिकैत हमेशा से किसानी ही करते रहे हैं, एक समय तक वो दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर भी रहे हैं. शायद यही कारण है कि पुलिस और प्रशासन के हर दांवपेच को वो गहराई से समझते हैं.

44 बार गए हैं जेल

पिता की मृत्यु के बाद राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभालते हैं. हर छोटे बड़े किसान आंदोलनों में सरकार के खिलाफ बोलने के लिए वो 44 बार जेल जा चुके हैं. मध्यप्रदेश के एक भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ आंदोलन केस में तो उन्हें 39 दिनों तक जेल रहना पड़ा था.

क्या खत्म होगा आंदोलन

अब देखना यह है कि क्या दम तोड़ रहा किसान आंदोलन एक बार फिर राकेश टिकैत की बदौलत उठ खड़ा होता है या 2 महीनों से अधिक समय तक हुआ यह विरोध निराधार रह जाता है.

English Summary: who is rakesh Rakesh Tikait know more about his past life career and politics
Published on: 29 January 2021, 03:16 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now