PMFBY: 35 लाख किसानों को मिली बड़ी राहत, 3900 करोड़ की पहली फसल बीमा किस्त जारी दिल्ली, हरियाणा और यूपी समेत देशभर में 16 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट, जानें अपने शहर के मौसम का हाल खुशखबरी! डेयरी फार्मिंग के लिए 42 लाख तक का मिलेगा लोन और अनुदान, जानें राज्य सरकार का पूरा प्लान किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 27 March, 2023 12:00 AM IST
छुट्टा जानवरों के आतंक का जिम्मेदार कौन

कृषि मीडिया बलिया उत्तरप्रदेश: खेतों और सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं से हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है. ऐसे में शासन द्वारा पशु आश्रय स्थल में आवारा पशुओं को रखने की कवायद  की गई. जिले में यह योजना फेल होती दिखाई दे रही है. जिले में छुट्टे पशुओं को पशु आश्रय स्थल में संरक्षित करने में लापरवाही जारी है. छुट्टे पशु फसलों को बर्बाद कर रहे हैं, लेकिन इसको लेकर जिम्मेदार कौन है. सरकारी आंकड़ों में ही 491 छूट्टे पशु घूम रहे हैं, जबकि कई गौशालाओं में मानक से कम पशु संरक्षित है. इस पर हर महीने लाखों का बजट भी खर्च हो रहा है.

वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने छूट्टा मवेशियों को रखने के लिए पशु आश्रय स्थल बनाने की कवायद शुरू की थी. हालांकि शुरुआती दौर में अस्थाई केंद्र खोलकर उसमें छोटे मवेशियों को रखा जाने लगा. जनपद में अलग-अलग वर्षों में दो वृहद पशु आश्रय स्थल संचालित है, जबकि एक वृहद पशु आश्रय स्थल निर्माणाधीन है. इसके अलावा छुट्टे मवेशियों को पकड़कर रखने के लिए जिले में 26 अस्थाई पशु आश्रय स्थल बनाए हैं. इस में ग्रामीण क्षेत्रों के 16 ब्लाकों में से एक -एक व नगर पालिका व आठ नगर पंचायतों में कुल एक-एक हैं. समय-समय पर शासन की ओर से अभियान चलाकर छुट्टे पशुओं को पशु आश्रय स्थलों में रखने का निर्देश दिया जाता है.

ये भी पढ़ेंः छुट्टा जानवरों से किसानों को मिलेगा छुटकारा, जानिए कैसे?

इसके बावजूद भी सड़क से लेकर खेतों तक छुट्टे पशु को धूमते हुए देखा जा सकता है. सबसे अधिक छुट्टा पशुओं से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले के पशु आश्रय स्थलों में कुल 2928 पशुओं को संरक्षित किया गया है. इसके अलावा सौभाग्य योजना के तहत 407 पशु संरक्षित है.

रबीन्द्रनाथ चौबे कृषि मीडिया बलिया उत्तरप्रदेश

English Summary: The stray animals are ruining the crops, who is responsible for the carelessness in the animal shelter
Published on: 27 March 2023, 06:14 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now