Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 4 April, 2019 12:00 AM IST

यह बात तो सभी दल जानते हैं कि किसानों को साथ लिए बिना संसद का दरवाजा खोलना नामुमकिन है. देश में 60-70 प्रतिशत ग्रामीण हैं और इसी वजह से कृषि आबादी को साथ लेकर चलना ही पड़ेगा. अब इसे मजबूरी बोलें या जरुरत, लेकिन उन्हें साथ रखना तो है ही. चुनाव के पहले राजनीतिक पार्टियों के द्वारा किसानों के लिए चुनावी फसल बोना कोई नयी बात नहीं है. ऐसा शायद हर बार देखने को मिलता है. केंद्र सरकार ने भी चुनाव को देखते हुए आपा-धापी में इस योजना की घोषणा अंतरिम बजट के दौरान की. इस योजना को छोटे और सिमांत किसानों को ध्यान में रखकर शुरु किया गया. योजना के द्वारा 12.5 करोड़ किसानों को लाभान्वित करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन जहां किसानों को इस योजना का लाभ जल्द पहुंचाने की बात कही जा रही है वहीं अभी तक यह योजना केवल पौने तीन करोड़ किसानों तक ही पहुंच पाई है. यह आंकड़ा अख़बार के माध्यम से जुटाया गया है.

योजना का मकसद  छोटे व सिमांत किसानों को नकद मुहैया कराने का है, जिससे उनको बीज, खाद और अन्य इन्पुट उपलब्ध करने में मदद मिल सके. मतलब सिर्फ ऐसे किसानों को ही इसका लाभ मिलेगा जिसके पास दो हेक्टेयर खेती वाली जमीन है. योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरप्रदेश के गोरखपुर से की थी और पहले दिन योजना की राशि 1 करोड़ किसानों के खाते में पहुंचाई गयी थी. योजना के तहत 2000 रुपए की तीन किस्त किसानों के खाते में दी जाएगी. इसके लिए 20 हजार करोड़ का एडवांस बजटीय प्रावधान रखा गया है और इसका एक साल का बजट है - 20 हजार करोड़.

किसानों तक राशि पहुंचने की वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन एक बड़ी वजह यह भी बताई जा रही है कि गैर भाजपा शासित राज्यों ने योजना से दूरी बना रखी है. ऐसी खबरे हैं कि किसानों की सही जानकारी नहीं दी जा रही जिसके कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. खैर, राजनीतिक माहौल है और आरोप-प्रत्यारोप तो चलता रहेगा. योजना चाहे कितनी भी डिजिटल प्रणाली के माध्यम से शुरु की गई हो लेकिन जरुरी है कि किसानों तक उसका फायदा पहुंचे और ज्यादा से ज्यादा किसान इससे लाभान्वित हों.

English Summary: pm samman nidhi yojna pass or fail
Published on: 04 April 2019, 12:13 IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now