कोरोना वायरस कई प्रकार के वायरस का समूह है जोकि स्तनधारियों और पक्षियों में निम्न स्तर के संक्रमण उत्पन्न करता है. कोरोना वायरस (कोविड -19) की बीमारी, सक्रमण से फैलती है. यह एक नए वायरस की वजह से होती है. इनके कारण मानव में रेस्पिरेटरी सिस्टम संक्रमित हो सकता है.
इस बीमारी की वजह से सांस की बीमारी (जैसे कि फ़्लू) होती है. इसके अलावा, खांसी, बुखार, और ज़्यादा गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ़ होना इस बीमारी के लक्षण हैं. खुद को सुरक्षित रखने के लिए, अपने हाथों को बार-बार धोएं, इसके अलावा, अपने चेहरे को छूने से बचें और जो लोग बीमार हैं उनसे (एक मीटर या तीन फ़ीट की) दूरी बनाए रखें. चीन के वुहान शहर से उत्पन्न होने वाला कोविड-19 वायरस एक नया स्ट्रेन का वायरस जिसका प्रकोप लगभग पुरे विश्व में फैला हुआ है. इसीलिए डब्लू•एच•ओ• ने इसे वैश्विक महामारी घोषित की है तथा इसका नाम नोबल कोरोना वायरस -2019 रखा है. इस वायरस के उपचार और रोकथाम के लिए ना तो अभी तक कोई विशेष एंटीवायरल दवा बनी है और ना ही कोई टीका उपलब्ध है.
कोविड-19कैसे फैलता है?
कोवीड-19 मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने पर उसके मुँह और नाक से निकलने वाले ड्रॉप्लेट्स से यह बीमारी दूसरे लोगों में फ़ैल रही है. यह बीमारी तब भी फैल रही है जब कोई व्यक्ति उस सतह को छूता है, जो संक्रमित है या वहाँ वायरस है . इसके बाद वह अपने आंख, नाक या मुँह को छूता है.
क्या जानवरो से इंसानों में नावेल कोरोना वायरस फैल रहा है?
कोरोना वायरस को लेकर बहुत सी भ्रांतियां सामने आ रही हैं. लोगों का कहना है कि इससे पालतू जानवर भी प्रभावित हो सकते हैं और ये संक्रमण लोगों तक फैला सकते हैं. इससे स्थिति और विस्फोटक हो सकती है. कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां सामने आ रही हैं. लोगों का कहना है कि इससे पालतू जानवर भी प्रभावित हो सकते हैं और ये संक्रमण लोगों तक फैला सकते हैं. इससे स्थिति और विस्फोटक हो सकती है.एक शोध में खुलासा हुआ है कि वायरस का असर जानवरों पर काफी निचले स्तर पर होता है. हांगकांग कृषि और मत्स्य विभाग के अनुसार अभी तक पशुओं में यह संक्रमण नहीं पाया था और अगर उनमें लक्षण होगा भी तो वह नाममात्र होगा.
इस शोध के लिए कुत्तों पर परीक्षण किया गया. यूनिवर्सिटी आफ हांगकांग और विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कुत्तों में यह संक्रमण काफी निम्न स्तर का होता है. ऐसे में जनता को अपने मन से ये भ्रांति दूर करनी चाहिए कि वे अपने पालतू जानवर के जरिए भी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते हैं.
गौरतलब है कि 2003 सार्स के फैलने के बाद भी यही बात सामने आई थी. इस दौरान शोध में पाया गया था कि बिल्ली और कुत्ते इस वायरस को फैला नहीं सकते हैं. इस दौरान कई पालतू जानवर पॉजिटिव पाए गए, मगर इससे वह बीमार नहीं पड़े. इस दौरान एक पौमेंरियन नस्ल के कुत्ते में यह संक्रमण पाया गया था, मगर इस वायरस का असर उस पर बिल्कुल भी नहीं पड़ा.सेंटर ऑफ़ डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन का कहना है कि जानवरों से यह फैल नहीं सकता है. मगर पालतू जानवरों को रखने वालों को ऐहतियात के तौर पर अपने हाथ को हमेंशा साफ रखना चाहिए. जानवरों को छूने के बाद तुरंत अपने हाथों को साबुन से धोने की आवश्यकता है.
क्या लोगों में कोविड -19 के लिए जानवर जिम्मेदार हैं?
कोविड -19 के संचरण का प्रमुख मार्ग मानव से मानव तक है. वर्तमान में कुछ वैज्ञानिक बताते हैं कि कोविड -19 वायरस एक पशु स्रोत से उभरा है. उस स्रोत को खोजने के लिए जांच चल रही है, और इस बीमारी में एक पशु जलाशय की संभावित भूमिका स्थापित करते हैं. हालांकि, आज तक, स्रोत की पहचान करने या जानवरों के स्रोत से मनुष्यों तक संचरण के मूल मार्ग की व्याख्या करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक सबूत नहीं हैं.
कोरोना वायरस रोकथाम- कोरोना वायरस (कोविड -19) को रोकने के लिए, फ़िलहाल किसी तरह का टीका नहीं है. आप वायरस से खुद को बचाने के साथ ही इसे फैलने से रोकने में भी मदद कर सकते हैं. इसके लिए आप डब्ल्यू•एच •ओ• द्वारा जारी निर्देशानुसार अनुसरण कर सकते हैं .
कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करें ?
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नियमित रूप से साबुन और पानी से या अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइज़र से 20 सेकंड तक हाथ धोएं.
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खांसने और छींकने के दौरान डिस्पोज़ेबल टिशू से या कोहनी को मोड़कर, अपनी नाक और मुंह को ढकें.
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जो लोग बीमार हैं उनसे (एक मीटर या तीन फ़ीट की) दूरी बनाए रखें.
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घर पर ही रहें और अगर आप बीमार हैं, तो खुद को परिवार के सभी लोगों से अलग कर लें .
ऐसा ना करें
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अगर आपके हाथ साफ़ नहीं हैं, तो अपनी आंख, नाक या मुंह को न छुएं .
उपचार - कोरोना वायरस (COVID-19) को रोकने या इसके उपचार के लिए कोई भी खास दवा या टीका अभी तक नहीं है. हो सकता है कि लोगों को सांस लेने में होने वाली दिक्क्त से बचने के लिए, मेंडिकल सहायता लेनी पड़े.
डॉ हेमंत कुमार*1, डॉ अमित सिंह विशेन*2, डॉ प्रियंका तिवारी*3
1 (असिस्टेंट प्रोफेसर, वेटरनरी सर्जरी एंड रेडियोलोजी विभाग, महात्मा ज्योतिबाफुले कॉलेज ऑफ़ वेटरनरी एंड एनिमल साइंस, चौमू जयपुर. पिन कोड -303702)
2 (गेस्ट फैकल्टी, डिपार्टमेंट ऑफ वेटेरिनरी एनाटोमी, कॉलेज ऑफ वेटेरिनरी एंड अनिमल साइंस, आचार्य नरेन्द्र देव यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी,आयोध्या, पिन कोड – 224229)
3 (पोस्ट ग्रेजुएट रिसर्च स्कॉलर, वेटरनरी फिजियोलॉजी विभाग, वेटरनरी कॉलेज बीकानेर, पिन कोड -334001)