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Updated on: 11 April, 2020 12:00 AM IST

वायरस मनुष्यों और जानवरो में बीमारी फ़ैलाने वाले विषाणुओ का एक बड़ा समूह है लेकिन कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है.  इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं, अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.

वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से बचाव के लिए एक तरफ जहां जरूरी कदम भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे हैं वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी कड़ी को तोड़ने के लिए जनभागीदारी की अपील की है. कोरोना को लेकर राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए संकल्प और संयम की जरूरत है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खिलाफ सफल लड़ाई के लिए कुछ वक्त की मांग करते हुए उन्होंने जनता कर्फ्यू को लगाने की तथा उसमें सभी के योगदान की अपील की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सभी देशवासियों से 22 मार्च की सुबह 7:00 से रात्रि 9:00 तक जनता कर्फ्यू में सहयोग देने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि हम सब लोग मिलकर इस कदम को उठाएंगे तो निश्चित रूप से संक्रमण से बच सकेंगे उन्होंने कहा कि हम स्वस्थ तो जगत स्वस्थ की परंपरा को अपनाते हुए उन्होंने कहा कि मानव जाति की विजय इसी में है कि हम भी बचे देश को बचाएं और  जग को बचाएं!

31 दिसंबर 2019 को चीन में नोबेल कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने की जानकारी मिली चीन के हुबेई प्रांत के बुहान शहर के समुद्री खाद्य पदार्थों के बाजार में पिछले साल दिसंबर के शुरू में इस बीमारी के फैलने का सबसे पहले पता चला और कुछ ही समय में इसने चीन के सभी प्रांतों को अपनी चपेट में ले लिया. वैज्ञानिकों ने इसे अस्थाई रूप से 2019- एनसीओवी (नया कोरोना वायरस) नाम दिया. वहां से फैली न्यूमोनिया जैसे लक्षणों वाली इस बीमारी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आधिकारिक रूप से कोविड-19 नाम दियाहै. संगठन ने 30 जनवरी 2020 को इसके प्रकोप को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए अंतरराष्ट्रीय सरोकार करने वाली आपात स्थिति (पीएचईआईसी) करार दिया है. ऐसा पहली बार हुआ है 1 दिन में इस वायरस से संक्रमित होने वाले इतने ज्यादा मामले सामने आए हैं इस महामारी का संक्रमण अब कहीं-कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहा है. अब तक दुनिया के 150 से अधिक देश इसकी जद में आ चुके हैं, जाहिर है विश्व की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं इसके साथ ही एक बुरी खबर यह भी है कि भारत में कोरोना वायरस के पहले मरीज को ठीक करने वाले डॉक्टर में कोरोना वायरस होने की पुष्टि हुई है. हालांकि, पता चला है कि उनका मामला कहीं से भी गंभीर नहीं है लेकिन इससे यह भी स्पष्ट है कि इस स्तर पर सतर्कता बरतनी कितनी जरूरी है खासकर उन लोगों को सावधान होने की जरूरत है जो सीधे उसी क्षेत्र या तंत्र का हिस्सा है जिस पर देश को कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त दिलाने की जिम्मेदारी है. इस मामले में सावधानी और सतर्कता इसलिए भी जरूरी है कि भारत में इस महामारी ने अब तक दो चरण पूरे कर लिए हैं.

विशेषज्ञों ने किया आगाह

विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो-तीन सप्ताह काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान कभी भी इसका तीसरा चरण आगे बढ़ सकता है तीसरे चरण का अर्थ है कि बड़े पैमाने पर सामुदायिक स्तर पर इस महामारी का फैलना सरकार यही चाहती है कि इसकी नौबत ही ना आए इसलिए स्कूल कालेजों सिनेमाघरों माल आदि को बंद किया गया है इतना ही नहीं विभिन्न जगहों पर भी होने वाली भीड़-भाड़ को रोकने के लिए इंतजाम किए गए हैं इसके लिए कई तरह के नियम बनाए गए हैं कोशिश यही है कि फिलहाल संक्रमण को रोकने के लायक सामाजिक दूरी बनाने के सिद्धांत को हर जगह लागू किया जाए यह उम्मीद भी अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है कि मौसम गर्म होने के साथ ही इसके संक्रमण का विस्तार काफी कुछ थम जाएगा लेकिन मौके की नजाकत को देखते हुए इस हम सिर्फ मौसम के भरोसे नहीं बैठ सकते.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है.  कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है. खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है.

कोरोना से बचने के लिए क्या करें

  • खांसी जुखाम और बुखार से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें. अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर साथ रखें और लगातार अपना हाथ साफ करते रहें.

  • त्रिस्तरीय मास्क के पहने और यह सुनिश्चित करें कि नाक और वह हमेशा ढका रहेखांसी और छीकते वक्त बेहद सावधानी बरतें सड़क चलते थूके नहीं.

  • खांसी के लिए अपने हाथ की बाजू का इस्तेमाल करें और घर जाकर उस कपड़े को धोने के लिए डाल दें.

  • अपने साथ ताजा खाना रखें और बाहर कहीं भी खाने से बचें.

  • यात्रा के दौरान बीमार महसूस करें तो चालक दल को सूचित करें व चिकित्सा सहायता मांगेइस दौरान चिकित्सक को अपनी यात्रा और पूर्व के इलाज के बारे में आवश्यक जानकारी दें किसी भी बात को छुपाए नहीं.

  • बीमार जानवरों को साथ लेकर कतई यात्रा न करें इससे बीमारी फैल सकती है.

  • जानवरों के लिए बनाए गए फार्म या बूचड़खाने के पास जाने से बचें.

  • सबसे अहम बात यदि जरूरी ना हो तो यात्रा करने से बचें.

  • बार-बार आंख नाक और मुंह न छुए, क्योंकि अगर कहीं से वायरस आपके हाथ पर पहुंच गया तो आप जिन चीजों को छुए उन की सतह पर चिपक जाएगा अगर वह नम्र होगी तो वह ज्यादा समय तक जिंदा रह सकता है ऐसे में खतरा ज्यादा बढ़ता है.

  • जिसे जुकाम और खांसी के लक्षण हो उससे बात करते समय करीब 1 से 3 मीटर का फासला रखें .

बच्चों में यह आदतें डालें

  • 20 सेकंड तक हाथ धोने की आदत डालें.

  • छीकते या खासते समय मुँह पर रुमाल का इस्तेमाल सिखाएं.

  • मुंह पर हाथ रखने की जगह बाहें का प्रयोग करें.

  • बच्चे हैंड सैनिटाइजर का सावधानी से प्रयोग करें.

  • बच्चों को खतरे के बारे में पूरी जानकारी दें उनके सवालों के जवाब भी दे.

  • डरना नहीं समझाना है.

  • घर में या फोन पर किसी वयस्क या बच्चे से कोरोना पर बात करते हुए खुद को शांत और सकारात्मक रखना है.

  • बच्चे आपकी बातों और कहने के ढंग पर गौर करते हैं अगर आप चिंता करेंगे या डरेंगे तो वह भी डर जाएंगे.

  • कोरोना को लेकर बच्चों की उत्सुकता को समझें और उनके सवालों को टालने की जगह ध्यान से सुने और जवाब दें.

  • वायरस के लिए किसी समुदाय या देश को दोष देने वाली भाषा का इस्तेमाल बच्चों के सामने ना करें.

  • इस बात पर ध्यान दें कि वायरस के संबंध में बच्चे टीवी रेडियो मोबाइल इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं.

  • वायरस से जुड़ी खबरें टीवी इंटरनेट पर देखने की सीमा तय करें इस विषय पर ज्यादा पढ़ने से फिक्र बढ़ती है.

  • ध्यान रखें कि यह वायरस किसी को भी हो सकता है इसलिए बच्चों के सामने किसी के बारे में पूर्वाग्रह ना बताएं.

  • बच्चों को वायरस से जुड़ी तथ्यपरक जानकारी ही दें उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें खबरें बताएं.

  • बच्चों को लगातार सतर्क करते रहे कि वह इंटरनेट पर जो पढ़ रहे हैं वह फर्जी भी हो सकता है.

  • बच्चों को यह जरूर बताएं कि इस कोरोनावायरस से उनको बहुत कम खतरा है.

  • पूरी दुनिया में 1% किशोर ही कोरोना वायरस से पीड़ित है 0.9% संक्रमित मरीजों की उम्र 9 साल या उससे कम पाई गई है 80% संक्रमित मरीज चीन में 30 से 69 साल की उम्र के हैं .

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कोरोना के प्रभाव से बचा जा सकता है

महामारी घोषित होने के बाद से इसकी वैश्विक रफ्तार में लगाम नहीं लग पा रही है इसे रोकने के लिए हर देश कड़े उपाय कर रहा है. टीका ही इसका इलाज है जिसे आने में अभी अरसा बाकी है ऐसे में एहतिहात ही एक मात्र बचाव बताया जा रहा है ऐसा नहीं है कि लोग इस वायरस से संक्रमित होने के बाद ठीक नहीं हो रहे हैं लेकिन संक्रमित होने के बाद उन्हीं के फिर से स्वस्थ होने की उम्मीद ज्यादा होती है. जिनकी प्रतिरक्षा तंत्र बहुत मजबूत होता है विशेषज्ञ तो यहां तक कह रहे हैं कि अगर शुरुआत से ही किसी का प्रतिरक्षी तंत्र मजबूत हो तो उसे इस रोग और वायरस से कोई खतरा नहीं है ऐसे में शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करना हर किसी की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लोग बादाम और अखरोट का सेवन करते रहें इनके सेवन से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता काफी मात्रा में विकसित होती है इसके अलावा हरे व लाल रंग की सब्जियों का ज्यादा प्रयोग करें इन सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं. फलों का सेवन भी बढ़ाए इस दौरान डाइटिंग करने की जरूरत नहीं है पौष्टिक आहार लेते रहें साथ ही ध्यान रखें कि खाने की अधिक पकाए नहीं इससे खाने में मौजूद कुछ जरूरी तत्व नष्ट हो जाते हैं जो शरीर के लिए काफी जरूरी है.

खुद के साथ घर की साफ सफाई कर वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है

कोरोना वायरस से बचने का एक मात्र उपाय सफाई है जिसमें कि खुद को साफ रखें, हाथों को साफ रखें, अपने कपड़ों को साफ रख के घर को साफ रखें जितनी सफाई से आप रहेंगे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा उतना ही कम होगा.

घर को करें सुरक्षित

घर को कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के लिए घरेलू फिनायल और सोडियम हाइपोक्लोराइट का उपयोग किया जा सकता है. ऑक्सिडाइजर के साथ बैक्टीरिया वायरस को खत्म करने के लिए यह बेहतरीन माध्यम है इसे घर में पोछा लगाया जा सकता है.

ऐसे तैयार करें घोल

5% सांद्रता वाला ब्लीच एक हिस्सा लेकर 98-99 हिस्सा पानी मिलाएं आंखों पर इसका असर नहीं हो इसलिए 2 से 3 मिनट रुक जाएं और फिर हाथ में ग्लोव्स पहन कर हर चीज को 2 बार ठीक से गीला कर दें करीब 15 मिनट बाद साफ कपड़े से उस सतह को पोछ दे इस से वह सतह वायरस रहित हो जाएगी.

यहां करें विशेष सफाई

घर में सब से पहले उन जगहों की सफाई पर ध्यान दें जहां अक्सर आपके हाथ जाते हैं जैसे खिड़की दरवाजों के हैं डल और फ्रिज का हैंडल मेज,कुर्सी, नल, टीवी के रिमोट मोबाइल लैपटॉप की बोर्ड बच्चों के खिलौने डस्टबिन आदि इनकी दिन में दो से तीन बार अवश्य सफाई करें.

यह उत्पाद है उपयोगी

घर की सफाई के लिए आप हाइड्रोजन पराऑक्साइड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. सामान्यतया लोग दांत व कान की समस्या में इसका इस्तेमाल करते हैं इसके साफ कपड़े में लगाकर बार-बार छूने वाली जगहों को नियमित सफाई की जानी चाहिए. हाइड्रोजन पराक्साइड की जगह डॉक्टर स्प्रिट का भी प्रयोग कर सकते हैं, इसके अलावा प्रतिदिन घर की सफाई में काम आने वाली फिनायल लाईजाल भी उपयोगी है. घर में चलने फिरने वाले कीटों को मारने के लिए फिनिट या हिट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

डिटॉल या सेवलॉन डाल गर्म पानी से धोए कपड़े

कोरोना वायरस आपके कपड़ो में भी छिपा हो सकता है खासकर तब जब आप बाहर से आए हो ऐसे में रोज कपड़े बदलने की आदत डालें. कपड़ों को गर्म पानी में डिटर्जेंट मिलाकर धोए पानी से खगालने के बाद अंत में डिटॉल या सेवलॉन से पानी में कपड़ों को डालकर धूप में सुखा दे कपड़ों को अच्छी तरह प्रेस करके ही पहने इस से वायरस का प्रकोप कपड़ों से खत्म हो जाएगा.

संक्रमण की स्थिति में क्या करें

यदि घर में कोई कोरोना वायरस का आशंकित संक्रमित आया हो तो एक चुटकी पोटेशियमपरमैंगनेट लाल दवा और दो चम्मच फॉर्मलीन या मेथेनॉल को 10ml पानी में डालकर पोछा लगा दें इसके बाद सभी खिड़की दरवाजे खोलकर बाहर निकल जाए ताकि इससे निकलने वाली गैस से आपको कोई नुकसान नहीं हो इससे पूरा कमरा सैनिटाइज हो जाएगा ध्यान रखें कि इसका छिड़काव खाने पीने की चीजों पर या उनके आसपास ना किया जाए.

गंभीर-स्थिति

बताया जाता है कि छह फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण बेहद गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं इस स्टेज में इंसान का शरीर वायरस के सामने हार जाता है और गंभीर रूप से बीमार पड़ जता है. इस स्टेज पर फेफड़े का फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम तक हो सकता है. इस स्तर पर रोग प्रतिरोधक शक्ति काबू से बाहर हो जाती है और शरीर को गंभीर क्षति पहुंचाती है. फेफड़ों में सूजन के कारण शरीर को ज़रूरत के मुताबिक़ ऑक्सिजन नहीं मिल पाता. इसका सीधा असर किडनी पर पड़ सकता है वो काम करना बंद कर सकते हैं. साथ ही आपकी अंतड़ियां भी प्रभावित हो सकती हैं. इस स्टेज पर इलाज के लिए ईसीएमओ (एक्स्ट्रा कॉर्पोरल मेम्ब्रेन ऑक्सिजनेशन) का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें एक तरह के कृत्रिम फेफड़ों का इस्तेमाल किया जाता है जो शरीर के भीतर का ख़ून बाहर निकाल कर उसे ऑक्सिजनेट कर के वापिस शरीर में डाल देते हैं. लेकिन पुख्ता तौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि ये इलाज कारगर ही होगा.

बचने के लिए जरूरी है जन सहयोग

कोरोना वायरस से फैली महामारी हर दिन गंभीर रूप लेती जा रही है. केंद्र और राज्य सरकारें इस महामारी से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसका प्रमाण केवल यही नहीं है कि वे लगातार आवश्यक आदेश निर्देश जारी कर रही है बल्कि यह भी है कि उन पर अमल के लिए तत्परता भी दिखाई  दे रही है इसके बावजूद यदि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है तो इसका मतलब यही है कि संकट बड़ा है यह तय है कि इस संकट से पार पाने के लिए आगे और भी कदम उठाने पड़ सकते हैं ऐसे कठिन समय यह आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है कि सरकारों और साथ ही स्थानीय प्रशासन की ओर से जो भी सुझाव दिए जा रहे हैं उनका पालन पूरी गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए, क्योंकि संकट बड़ा है. इसलिए आम जनता को यह समझना ही होगा कि किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतें यह सही समय है. कि हर कोई अपनी जिम्मेदारी समझे और खुद जागरूक होने के साथ ही औरों को भी जागरूक करें साफ सफाई और सेहत को लेकर अतिरिक्त सतर्कता दिखाने के साथ ही संयम एवं अनुशासन का भी परिचय देने की आवश्यकता है! क्योंकि हम एक बड़ी और साथ ही सघन आबादी वाले देश हैं इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है!

इस जिम्मेदारी का परिचय इसलिए देना होगा क्योंकि कितना भी सक्षम स्वास्थ्य हो यह महामारी का सामना करते समय समस्याओं से गिरता रहता है. जब स्वास्थ्य को समर्थ बनाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए जा रहे हो तब नागरिकों के तौर पर हम सबको अपनी जिम्मेदारी का परिचय देने के लिए तत्परता दिखानी चाहिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि किसी से कहीं कोई गलत ना होने पाए क्योंकि कोरोना संक्रमित एक अकेले शख्स की लापरवाही सैकड़ों लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल सकती है यह राष्ट्रीय संकल्प बनना चाहिए कि ऐसा नहीं होने देना है और देश को उस तीसरे दौर में नहीं जाने देना है जहां संक्रमण बेलगाम सा हो जाता है यदि संक्रमण का सिलसिला बेकाबू हुआ तो संकट कहीं अधिक गंभीर हो सकता है और तब लोगों को और अधिक बंदियों के साथ मुश्किलों का सामना करना होगा. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण का सामना शासन प्रशासन से सहयोग करके ही किया जा सकता है .संकट की इस घड़ी में हर किसी को इसके लिए सक्रिय होना चाहिए कि हम सब का सामाजिक व्यवहार बदले यदि सभी सतर्क रहें और साथ ही हौसला बनाए रखें तो इस संकट से पार पाया जा सकता है .इसके लिए जरूरी है कि एक सामाजिक क्रांति के साथ साथ वैचारिक क्रांति की ओर भी ध्यान देना होगा.

लेखक: आर.एस. सेंगर आलोक कुमार सिंह एवं अभिषेक सिंह
कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय  मेरठ-250110 (ऊ. प्र.)

English Summary: Corona virus: symptoms of corona virus, prevention and initiatives taken by central and state government
Published on: 11 April 2020, 08:39 IST

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