7 सितंबर को कन्याकुमारी से कांग्रेस द्वारा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की गई. 3550 किमी लंबी यह यात्रा पांच महीनों (लगभग 150 दिनों) में 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस यात्रा में शामिल हो रहे हैं. यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शहीद स्मारक त्रिवेणी संगम पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित की.
त्रिवेणी संगम श्रीपेरुमबुदुर में राहुल गांधी ने कहा था कि नफरत और बंटवारे की राजनीति में मैंने अपने पिता को खो दिया. मैं अपने इस प्यारे देश को इसमें नहीं खोऊंगा. प्यार नफरत को जीत लेगा. आशा डर को हरा देगी. हम सब मिलकर इस नफरत की राजनीति को मात देंगे. पार्टी ने पदयात्रा में शामिल 119 नेताओं को भारत यात्री नाम दिया है.
भारत के दक्षिणी छोर पर बसे कन्याकुमारी में त्रिवेणी संगम ही वो जगह है जहां हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का मिलन होता है.
कांग्रेस पार्टी के अनुसार अभियान का उद्देश्य
पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के मुताबिक इस यात्रा का उद्देश्य भारत को एकजुट करना है. इसके साथ ही देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई और राजनीतिक व्यवस्था में केंद्र की बढ़ रही दखलंदाजी पर देश के लोगों को जागरुक करना है.
वरिष्ठ नेताओं को यात्रा से उम्मीद है कि इन 150 दिनों के दौरान वे कांग्रेस पार्टी की सोच को देश के आम लोगों तक पहुंचाने में सफल हो पाएंगे.
यात्रा का राज्यों में प्रवेश और जनसमर्थन की स्थिति
राहुल के संसदीय क्षेत्र वायनाड में यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
यात्रा तमिलनाडु से होकर केरल पहुंची. यहां सात जिलों से होते हुए 440 किलोमीटर का सफर तय किया गया. संसदीय क्षेत्र वायनाड में पहुंचने पर यात्रा का भव्य स्वागत किया गया. यहां बड़ी तादाद में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अपने दूसरे घर वायनाड में केरल के हिस्से की यात्रा का समापन करने पर वह खुश हैं.
कोच्चि में उनकी मुलाकात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्ड होल्डर जयशंकर से हुई. इस दौरान रणनीति बनाई गई कि सभी विपक्षी दल 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे.
तमिलनाडु, केरल के बाद राहुल गांधी पहुंचे कर्नाटक
30 सितंबर को राहुल गांधी केरल की सीमा पार कर कर्नाटक पहुंचे. कर्नाटक में यात्रा ने 500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया. इस दौरान यात्रा को अपार जनसमर्थन मिला. राहुल गांधी की लोकप्रियता उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिण भारत में अधिक देखने को मिलती है.
जननायक बनने जा रहे हैं राहुल गांधी: गहलोत
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भी चुनाव हुआ.शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच हुए मुकाबले में जीत खड़गे की हुई. राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा पर गहलोत ने कहा कि पार्टी उनकी अध्यक्षता में काम करेगी. लेकिन जो जन-नायक होता है, वो राष्ट्र नेता होता है. पार्टी में यही भूमिका राहुल गांधी की है. भारत जोड़ो यात्रा से वे जननायक बन चुके हैं.
बेटे का साथ देने पहुंची सोनिया गांधी
कांग्रेस की अंतरिम सोनिया गांधी ने कर्नाटक पहुंचकर राहुल गांधी और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा की. यात्रा के दौरान सोनिया गांधी के जूते का फीता खुलने पर इसे राहुल गांधी ने बांधा. यह फोटो सोशल मीडिया पर काफी देर तक ट्रेंड करता रहा. कर्नाटक से कांग्रेस पार्टी का गहरा संबंध रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी राज्य की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था.
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में यात्रा को मिला अपार जनसमर्थन
दोनों राज्यों में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को अपार समर्थन मिला. इस दौरान राहुल गांधी से मिलने के लिए बड़ी संख्या में लोगों का हुजूम भी नजर आया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता भी लोगों के उत्साह और इस प्रतिक्रिया से हैरान हैं.
तेलंगाना में राहुल गांधी को अपार जनसमर्थन मिला. इस दौरान उन्हें राज्य के किसानों, मजदूरों और गरीब लोगों ने अपनी समस्याएं बताईं. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि वे राज्य के इस वर्ग के लिए काम करेंगे. क्योंकि इसी वर्ग ने कांग्रेस को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई है.
यात्रा का महाराष्ट्र में प्रवेश और कांग्रेस कार्यकर्ता की दुर्घटना में मौत
दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना को कवर करते हुए 8 नवंबर को यात्रा महाराष्ट्र पहुंची. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यात्रा को सफल बनाने के लिए एकता मशाल यात्रा निकाली.
राज्य में शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा की सरकार रह चुकी है. तीनों ही पार्टियों के बड़े नेता राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान पार्टी के समर्थकों का सैलाब सड़कों पर देखा गया. नांदेड में यात्रा में शामिल तमिलनाडु के 62 वर्षीय व्यक्ति की ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई.
इस पर राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी का एक सच्चा सिपाही और यात्रा का एक प्रिय साथी खो गया. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा में शामिल पी. गणेशन जी के निधन से दुःखी हूं. उन्होंने पिछले तीन दशक में पार्टी के हर अभियान में भाग लिया था. कांग्रेस पार्टी सदैव ऋणी रहेगी.
मध्यप्रदेश में शक्तिप्रदर्शन की तैयारी
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के साथ राहुल गांधी 23 नवंबर को महाराष्ट्र की सीमा से मध्यप्रदेश में एंट्री करेंगे. इस दौरान मध्यप्रदेश में स्थित दो ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजा-अर्चना करेंगे. इनमें एक खांडवा का ओंकारेश्वर और दूसरा उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने यात्रा में शक्ति प्रदर्शन करने के लिए योजनाएं तैयार कर लीं हैं.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा केवल राजनीतिक यात्रा नहीं है. बल्कि ये अनेकता में एकता और भारतीय संस्कृति को बचाने की यात्रा है.
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यात्रा का देश की राजनीति पर पड़ेगा प्रभाव: पूर्व केंद्रीय मंत्री
राजनीतिक विश्लेषक और पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने कहा है कि यात्रा का भारतीय राजनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, इस यात्रा से राहुल गांधी देश के एक बड़े नेता के रूप में भी उभरेंगे. यह पीएम मोदी की तुलना में राहुल गांधी को गैर-गंभीर राजनीतिक नेता के रूप में चित्रित करने के आरएसएस/भाजपा के सुनियोजित अभियान को प्रभावी रूप से नुकसान पहुंचाएगी.
पूर्व ओलंपियन ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव निष्पक्ष कराकर उन्होंने साबित कर दिया है कि वे लंबी पारी खेलने वाले गंभीर राजनीतिज्ञ हैं.
भाजपा ने भारत जोड़ो यात्रा को कहा एक नौटंकी, बताया-गांधी परिवार बचाओ यात्रा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर तीखा प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और नेता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस कभी देश को एकजुट नहीं कर सकती.
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा कहते हैं कि कोई यात्रा अच्छी तब होती है जब यात्रा की पृष्ठभूमि पता चले. राहुल गांधी ने जेएनयू में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ का नारा देने वालों के समर्थन में खड़े रहे. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के दौरान भी गांधी उन ताकतों के साथ खड़े रहे जो ताकतें भारत को जोड़ना नहीं तोड़ना चाहती हैं.