1. Home
  2. ख़बरें

फिर बढ़ी किसानों की मुश्किल, उर्वरक के दामो में इज़ाफा

सरकार का अर्थशास्त्र भी अजब तरीके से चल रहा है, सरकार ने यूरिया छोड़ डीएपी के दाम बढ़ा दिए हैं. महंगाई कम करने के नाम पर वह एक हाथ से राहत देती है जिसका खूब प्रचार होता है. तो दूसरे आइटम महंगे करके राहत को वापस भी ले लेती है. पिछले दिनों खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाई गयी. तो डीएपी के दाम दो सौ रूपये बोरी तक उछाले गए हैं.

सुजीत पाल

सरकार का अर्थशास्त्र भी अजब तरीके से चल रहा है, सरकार ने यूरिया छोड़ डीएपी के दाम बढ़ा दिए हैं. महंगाई कम करने के नाम पर वह एक हाथ से राहत देती है जिसका खूब प्रचार होता है. तो दूसरे आइटम महंगे करके राहत को वापस भी ले लेती है. पिछले दिनों खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाई गयी. तो डीएपी के दाम दो सौ रूपये बोरी तक उछाले गए हैं. अब जबकि रबी फसलों के समर्थन मूल्य में इजाफा किया है तो यूरिया को छोड़ कर अन्य कई उर्वरकों को महंगा कर दिया गया है. अब यदि डीएपी के रेट पर ही नज़र डालें तो पिछले साल 2017 के जुलाई माह में एक बोरी ( 50 किलो ) डीएपी 1076 रूपये में बिक रही थी. इसके बाद चालू साल में मई के माह में इसके दाम 1200 तथा 1250 रूपये बोरी किये गए हैं.

इसके बाद मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन सघं 6 जून के लिए खरीफ सीजन के लिए जारी रेट सूची में डीएपी की बिक्री दर 1290 रुपये बोरी कर दी गयी है. इधर 10 अक्टूबर को ही मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन सघं ने रबी सीजन के लिए नई रेट सूची लॉन्च की है इसमें डीएपी की 50 किलो की बोरी अधिकतम 1400 सौ रुपये तय की गई है. सरकार कहती है की 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करने का लक्ष्य सामने रखकर चल रही है और केंद्र सरकार ने एक बार फिर किसानों को महंगाई का तोहफा दे दिया है. सरकार द्वारा फ़र्टिलाइज़र के दामों में वृद्धि की गयी है. जिसके साथ ही अच्छे दिन की राह देख रहे किसानों को फिर बुरे दिन जैसे शुरू हो गए हैं.

English Summary: Increased farmers' difficulty, increase in fertilizer prices Published on: 26 October 2018, 02:53 PM IST

Like this article?

Hey! I am सुजीत पाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News