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कृषि उत्पादकों की ऑनलाइन बिक्री एक नई राह

भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश के किसान फसलों के उत्पादन और उत्पदिकता में कहीं भी पीछे नहीं है. किसान नई तकनीकों को प्रयोग में लेन मेंनई किस्मों के उत्पादन में और नए तरीकों को जानने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है, किन्तु किसानों को कृषि उत्पादों की विपणता में समस्या होती है.

KJ Staff
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भारत एक कृषि प्रधान देश है, देश के किसान फसलों के उत्पादन और उत्पदिकता में कहीं भी पीछे नहीं है. किसान नई तकनीकों को प्रयोग में लेन मेंनई किस्मों के उत्पादन में और नए तरीकों को जानने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते है, किन्तु किसानों को कृषि उत्पादों की विपणता में समस्या होती है.

उत्पाद की बिक्री के लिए किसानो को बहुत-सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि बिचोलियो पर निर्भरता, अपने उत्पाद के लिए कम कीमत मिलना और मंडी की अधूरी जानकारी होना, आदि. इस समस्या से निपटने के लिए कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री किसानो को एक नई राह प्रदान करता है. इन्हीं समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए एवं किसानों की आय को दोगुना करने के लिए भारत सरकार द्वारा 14 अप्रैल 2016 में देश में एक ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफार्म लांच किया गया.

ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार)

एक ऑनलाइन मार्केटिंग पोर्टल है. यह पोर्टल देश में विभिन्न कृषि उपजों को बेचने के लिए एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म है. ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) पोर्टल का मुख्य लक्ष्य सम्पूर्ण भारत में सभी कृषि उत्पाद विपणन समितियों (एपीएमसी) को एक सिंगल नेटवर्क से जोड़ना है. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर कृषि उत्पादकों के लिए एक बाजार उपल्बध करना है. जैसे कोई हरियाणा का किसान अगर अपनी उपज बिहार में बेचना चाहता है, तो उसके लिए इ-नाम की मदद से अपनी कृषि उपज को ले जाना और उसकी बिक्री करना आसान हो गया है.

ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार)-पोर्टलसे किसानों को मिलने वाली सुविधाएँः-

  • किसानों, व्यापारियों और खरीदारों को ऑनलाइन बिक्री व्यापार की सुविधा देता है.

  • किसानों को विभिन्न मंडियों में कृषि उपज की कीमत की जानकारी देता है, जो किसान को बेहतर कीमत पाने में मदद करता है.

  • उपज की सही बिक्री के लिए सुविधा प्रदान करता है.

  • ई-नाम प्लेटफार्म पर, किसान मोबाइल एप्प के जरिये या पंजीकृत कमीशन प्रतिनिधि के माध्यम से सीधे व्यापार करने का विकल्प चुन सकते है.

  • उपज आगमन और व्यापर के सन्दर्भ में प्रत्येक जानकारी डैशबोर्ड पर मिलती है.

  • किसान और व्यापारियों के लिए 8 भाषाओं में लेन देन की सुविधा है.

  • ई-नाम मोबाइल ऐप पर किसानों को एडवांस एंट्री की सुविधा मिलती है.

  • ऑनलाइन भुगतान करने का विकल्प मिलता है.

  • किसानों को अपनी उपज की ऑनलाइन बिक्री के लिए इ-नाम मोबाइल ऐप या वेब पोर्टल पर पंजीकरण करना पड़ता है.

पंजीकरण प्रक्रिया इस प्रकार है

  • पहले आपको ऑनलाइन वेबसाइट पर जाना होगा.

  • वेबसाइट के होमपेज पर एक इ-मेल अड्रेस के साथ पंजीकरण पर क्लिक करना होगा.

  • एक टेम्पररी लॉगिन आईडी इ-मेल अड्रेस पर दे दी जाएगी.

  • इ-नाम वेबसाइट पर रजिस्टर करने के लिए केवाईसी विवरण और दूसरे जरुरी दस्तावेज देने होंगे.

  • फिर एपीएमसी आवेदक के केवाईसी को मंजूरी देता है.

  • इस पूरी प्रक्रिया के बाद आवेदक कृषि उपज के लिए व्यापार शुरू कर सकता है.

राष्ट्रीय स्तर पर इ-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) का प्रदर्शन (31 मार्च  2021 तक)

ऽ     इ-नाम पर हतधारकों का पंजीकरण

ई-नाम पर पंजीकृत कुल किसान  - 1.70 करोड़

पंजीकृत व्यापारियों की संख्या      - 1.64 लाख

पंजीकृत कमीशन प्रतिनिधि          - 90,980

ई-नाम पर लेख्यांकित व्यापार

कुल  लेख्यांकित व्यापार            -  4.31 करोड़ मीट्रिक टन

लेख्यांकित  कुल व्यापार  का मूल्य    - 1,30,753 करोड़

व्यापार योगय वस्तुए अधिसूचित        - 175 वस्तुए

ई-नाम से किसानों को मिलने वाले लाभ

  • किसान और खरीदार के बीच कोई बिचोलिया नहीं होगा।

  • किसानों के साथ साथ ग्राहकों को भी इसका पूरा लाभ मिलेगा।

  • किसानों को उत्पाद की बेहतर कीमत प्रदान करेगा ।

  • अग्रिम प्रवेश की सुविधा के माध्यम से बाजार में आने वाले किसानों के समय की बचत होगी.

  • किसान अपने व्यापार की प्रगति को पोर्टल पर देख सकता है।

  • कीमत की वास्तविक बोली की प्रगति किसानों को उनके फोन के एप्प पर दिखाई देती है।

  • किसानों को प्रत्येक मंडी की समय पर पूरी जानकारी मिलेगी।

एक किसान की सबसे बड़ी समस्या एक अच्छा बाजार और अपने उत्पाद की बेहतर कीमत प्राप्त करना है. ई-नाम यहाँ किसानों के उत्पादों की सही से बिक्री करवाने में सभी सुविधाएँ दे रहा है. राष्ट्रीय कृषि बाजार उत्पाद की बिक्री से सम्बंधित सभी कठिनाइयों को हल करता है, इसलिए कृषि उत्पादों की बिक्री सम्बंधित समस्याओं में इ-नाम एक रामबाण इलाज साबित हो सकता है.

लेखक

सोनिया, डी पी मलिक, संजय

कृषि अर्थशास्त्र विभाग

चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार

English Summary: A new way for online sales of agricultural producers Published on: 19 February 2022, 04:45 IST

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