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हाइब्रिड करेले की खेती कैसे करें, जानें पूरी विधि

कई लोगों को हाइब्रिड करेले की खेती के बारे में जानने का काफी शौक होता है, क्योंकि मार्किट में इसकी डिमांड अच्छी ख़ासी बानी रहती है. ऐसे में आज हम आपको हाइब्रिड करेले की खेती की पूरी विधि के बारे में बताने जा रहे हैं.

रुक्मणी चौरसिया
Hybrid Bitter Gourd Farming
Hybrid Bitter Gourd Farming

कई किसान अपने खेतों में हाइब्रिड खेती (Hybrid Farming) करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसकी सही विधि ना पता होने के कारण वो अपनी फसलों को ख़राब कर बैठते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हाइब्रिड करेले की खेती (Hybrid Bitter Gourd Farming) कैसे की जाती है.

हाइब्रिड करेला (Hybrid Bitter Gourd)

  • हाइब्रिड करेला (Hybrid Karela) का पौधा तेजी से बड़ा होता है.

  • हाइब्रिड करेले (Hybrid Karela) के पौधे पर बड़े आकार के फल आते हैं और उनके संख्या भी ज्यादा होती है.

  • ज़्यादातर खेती में किसान लोग हाइब्रिड करेले के बीजों का प्रयोग करते हैं.

  • हाइब्रिड करेला (Hybrid Karela) आकार में बड़ा होने के साथ-साथ हरे रंग का होता है.

  • लेकिन देसी करेले के मुकाबले स्वाद में कम अच्छा होता है.

  • अगर आप पहली बार करेला उगा रहे हैं तो हाइब्रिड वैरायटी के करेले का बीज जरूर लगाएं क्योंकि हाइब्रिड बीज से उगाये करेले के पौधे पर बहुत जल्दी करेले का फल आता है.

  • हाइब्रिड करेले (Hybrid Karela) के बीज थोड़े महंगे आते हैं.

हाइब्रिड करेले की खेती के लिए मिट्टी (Soil for Hybrid Bitter gourd Cultivation)

करेले की खेती (Karele Ki Kheti) के लिए अच्छी जल निकासी और 6.5-7.5 पीएच रेंज के साथ कार्बनिक पदार्थों से भरपूर बलुई दोमट मिट्टी करेला की खेती के लिए उपयुक्त है. इस फसल को मध्यम गर्म तापमान की आवश्यकता होती है.

हाइब्रिड करेले का बीज दर (Hybrid bitter Gourd Seed Rate)

1.8 किग्रा/हेक्टेयर

हाइब्रिड करेले के लिए खेत की तैयारी (Land Preparation for Hybrid Bitter Gourd)

खेत को बारीक जुताई के लिए जुताई करें और 2 x 1.5 मीटर की दूरी पर 30 सेमी x 30 सेमी x 30 सेमी आकार के गड्ढे खोदें.  रोपण या बुवाई 2 मीटर की दूरी पर बने गड्ढों पर की जाती है. 8-12 घंटे तक लगातार ड्रिप सिस्टम चलाकर क्यारियों में सिंचाई की जाती है.

करेला लगाने की विधि (Method of Planting Bitter Gourd)

हमारे देश में किसान अपनी सुविधानुसार फसलों का उत्पादन करते हैं. भारत में कई किसान करेले के बीज सीधे खेत में बोते हैं और कुछ किसान नर्सरी से पौधे लाते हैं और उनकी रोपाई करते हैं. हालांकि, नर्सरी विधि को पौधों के लिए अधिक लाभकारी और रोगमुक्त माना जाता है. अगर आप करेले की फसल अच्छी मात्रा में पैदा करना चाहते हैं तो आपको नर्सरी विधि अपनानी चाहिए.

अगर आप बीज को सीधे खेत में बोना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले बीजों को करीब 10 से 12 घंटे के लिए भिगो देना चाहिए. इसके बाद बीज बोने से करीब 1 घंटे पहले मैनकोजेब दवा मिलाकर बोना चाहिए. बीज बोते समय इस बात का ध्यान रखें कि बीज मिट्टी में करीब 2 से 2.5 सेंटीमीटर गहरा हो.

करेले की खेती के लिए उर्वरक (Fertilizer for Bitter Gourd Cultivation)

किसी भी खेत में उर्वरक का प्रयोग उस खेत की मिट्टी की उर्वरता पर निर्भर करता है. हालांकि करेले की फसल की बुवाई या पौधों की रोपाई से पहले गोबर की खाद या कम्पोस्ट लगाना जरूरी है.

चूंकि करेले की फसल बहुत जल्दी रोगग्रस्त हो जाती है, इसलिए कीट अक्सर इसकी जड़ों से बाकी हिस्सों तक पहुंचकर पौधे को नष्ट कर देते हैं. गाजर, लाल भृंग और महू रोग इस फसल को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं. इसलिए समय-समय पर किसी कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेकर कीटनाशक या रासायनिक खाद का प्रयोग करना चाहिए.

हाइब्रिड करेला उगाते वक़्त रखें सावधानी (Be Careful While Planting Hybrid Bitter Gourd)

दोस्तों ध्यान रखिये बाजार की सब्जियों के बीज द्वारा उगाए गए पौधों पर ना तो अच्छे फल आएंगे और ना ही उनका साइज बड़ा होगा. क्योंकि बाजार में जो सब्जियां आती हैं वह हाइब्रिड बीजों से उगाई जाती हैं और हाइब्रिड बीज से तैयार सब्जियों के बीजों को जब आप दोबारा उगाते तो उन बीजों से उगे पौधों पर अच्छी सब्जियां नहीं आती है. हाइब्रिड सब्जियों के बीज प्रयोगशाला में ही तैयार किए जाते हैं और सिर्फ एक बार ही उन्हें उगाया जा सकता हैं दोबारा बीज लगाने के लिए आपको नए बीजों को खरीदना पड़ेगा.

English Summary: How to Cultivate Hybrid Bitter gourd Published on: 08 March 2022, 09:24 AM IST

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