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वीआईपी हो गया आम, कम उत्पादन की वजह से अब दशहरी की तोड़ाई शुरू

फलों का राजा आम इस बार बेहद ही खास हो गया है. पूरे देश में ही आम की पैदावार कम हुई है और इसका खासा असर भी पड़ा है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि अपने खास स्वाद के लिए मशहूर माने जाने वाले दशहरी आम की आवक बाजार में शुरू हो चुकी है. कीड़ों की प्रकोप के चलते इसमें काफी देरी हुई थी. अब बाजार में इसकी आवक बढ़ जाने से इसके दाम कम होने के आसार है. कारोबारियों की माने तो 50 से 60रूपये किलो में दशहरी आम आसानी से बाजार मे मिल सकेगा.

किशन

फलों का राजा आम इस बार बेहद ही खास हो गया है. पूरे देश में ही आम की पैदावार कम हुई है और इसका खासा असर भी पड़ा है. सबसे अच्छी बात तो यह है कि अपने खास स्वाद के लिए मशहूर माने जाने वाले दशहरी आम की आवक बाजार में शुरू हो चुकी है. कीड़ों की प्रकोप के चलते इसमें काफी देरी हुई थी. अब बाजार में इसकी आवक बढ़ जाने से इसके दाम कम होने के आसार है. कारोबारियों की माने तो 50 से 60रूपये किलो में दशहरी आम आसानी से बाजार मे मिल सकेगा.

आम का उत्पादन कम, रेट ज्यादा

इस मामले में उत्तर प्रदेश के फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद के बागवानों में कारोबारियों और विक्रेताओं का कहना है कि बीते सालों में एक सप्ताह की देरी से दशहरी देशी-बाजारों में आम ने 1 जून से दस्तक दे दी है. मई के आखिरी सप्ताह तक कच्ची दशहरी की तुड़ाई पूरी तरह से शुरू हो चुकी है. लेकिन इनको पक कर पकने में अभी छह से सात दिन का समय लग सकता है. इस बार खराब मौसम और कीड़ों के प्रकोप से दशहरी आम के उत्पादन पर व्यापक असर देखने को मिला है. जिसका असर है कि न केवल इसका उत्पादन खराब हुआ है. घरेलू ही नहीं बल्कि विदेशी बाजारों में भी दशहरी के आम के ऑर्डर पिछले साल

पर्याप्त मात्रा में दशहरी आया

आमतौर पर आम की दशहरी की तुड़ाई 19-20 मई के आसपास शुरू हो जाती है जब आम में जाली पड़ जाती है. डाल की पकी दशहरी तो जून के महीने में ही उपलब्ध हो जाती है. इस बार मौसम की मार आम पर पड़ी है जिसका असर हुआ है कि दशहरी आम में जाली पड़ने में देरी हुई है. लिहाजा की तुड़ाई भी दे रही से हो रही है. अब इन आमों को दिल्ली और मुबंई के बाजारों में उतारा जा रहा है. इस बार कमजोर फसल के चलते स्थानीय बाजारों में आम 40 से 50 रूपये पर ही खुलेंगे.

पूरे देश में आम की आवक कम

देश के सबसे बड़े आम उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में आम की फसल, पिछले साल से 45 से 50 प्रतिशत कम पर मिल रही है. इसके अलावा अन्य राज्यों जैसे महाराष्र्ट, गुजरात, आंध्र प्रदेश में भी उम्मीद के मुताबिक फसल नहीं है. इसलिए आम की फसलें भी पिछले साल 25 से 30 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल करीब 2 करोड़ टन आम बाजार में आया था इस साल उत्पादन केवल 1.31 करोड़ टन पर अटक सकता है. वे बताते है कि देशभर में उपज आधी रह सकती है. इस बार उत्तर प्रदेश में प्रमुख आम उत्पादक क्षेत्रों में रेतीले तूफान ने फसल के बर्बाद कर दिया है.

English Summary: Dusheshi will accelerate the taste of mango, the taste fades Published on: 06 June 2019, 03:11 PM IST

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