देशभर में इन दिनों मौसम का मिजाज कुछ मिला जुला है. कई राज्यों में जहां हल्की से मध्यम बारिश की वजह से भीषण गर्मी से राहत मिली है, तो वही दूसरी ओर प्री मानसून का कहर असम सहित कुछ राज्यों में देखने को मिल रहा है.
इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) कई राज्यों में लू का अलर्ट भी जारी कर दिया है. मौसम विभाग ने गुरुवार से उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में लू चलने की संभावना जताई है. ऐसे में चलिए जानते हैं आपके राज्य में मौसम का हाल क्या रहने वाला है.
दिल्ली में मौसम बना सुहावना
अगर सबसे पहले बात करें देश की राजधानी दिल्ली कि तो यहां रिकॉर्डतोड़ गर्मी से थोड़ी राहत मिली है. दिल्ली के अलावा नोएडा, गुरुग्राम और आस-पास के मौसम का मिजाज भी इन दिनों बदला हुआ है. मौसम विभाग ने आज दिल्ली-एनसीआर में आंधी चलने के साथ ही हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना जताई है. वही मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए दिल्ली में अधिकतम तापमान के 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना जताई है. इसके अलावा लू चलने की चेतावनी के साथ 'येलो' अलर्ट भी जारी किया है.
अगले 24 घंटे में कहां-कहां बारिश?
- स्काईमेट के मुताबिक, अगले 24 घंटे में मेघालय, असम के कुछ हिस्सों, अरुणाचल प्रदेश, दक्षिण कर्नाटक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है.
- अगले दो दिनों में लक्षद्वीप क्षेत्र में भारी बारिश के आसार हैं. मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार को तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में भी भारी बारिश की संभावना है.
- इसके साथ ही तमिलनाडु, रायलसीमा और सिक्किम में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही कुछ इलाकों में भारी से भी बहुत भारी बारिश की आशंका है.
- इसके अलावा झारखंड, बिहार, पश्चिमी हिमालय, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गोवा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और विदर्भ के कुछ स्थानों में हल्की बारिश के साथ ही कुछ हिस्सों में मध्यम बारिश की संभावना है.
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मानूसन को लेकर ताजा अपडेट
मौसम विभाग के मुताबिक, अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के एक हिस्से में मॉनसून पहुंच गया है. इसी के मद्देनजर केरल में मानसून के 27 मई तक पहुंचने की संभावना जताई गई है. फिलहाल मॉनसून अनुमान के अनुसार आगे बढ़ रहा है. इसको लेकर मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दो से तीन दिनों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, पूरे अंडमान सागर, अंडमान द्वीप समूह और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.