Titar Farming: किसानों के लिए है बेहद फायदेमंद तीतर पालन, कम लागत में होगी मोटी कमाई ग्रीष्मकालीन फसलों का रकबा बढ़ा, 7.5% अधिक हुई बुवाई, बंपर उत्पादन होने का अनुमान Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 18 February, 2022 10:08 AM IST

यदि मौसम का अनुमान लगाया जाए, तो ऐसा लग रहा है कि उत्तरी मैदानी इलाकों में सर्दी का मौसम अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है. इससे पहले फरवरी के शुरुआती महीने में (February Month Weather Forecast) के दौरान पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान और दिल्ली के कुछ हिस्सों में दो बार बारिश हुई थी, क्योंकि पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश के साथ सर्दी फिर से शुरू हो गई थी लेकिन अब यह फिर से कम होना शुरू हो गयी है.

कहीं खिला मौसम तो कहीं पड़ी ठंड (Somewhere the weather is feeding and somewhere it is cold)

पिछले एक सप्ताह से भरपूर मात्रा में धूप (Plenty of Sunshine) के साथ मौसम की कोई गतिविधि नहीं होने से पारा का स्तर बढ़ गया है. कोहरे और बादलों की स्पष्ट अनुपस्थिति (Clear absence of fog and clouds) के कारण दिन का तापमान सामान्य से अधिक हो गया है. इसी तरह, रातें सर्द बनी हुई हैं और न्यूनतम तापमान सामान्य से 2-4 डिग्री सेल्सियस कम है.

किसानों पर भारी पड़ रहा फरवरी का मौसम (February Weather Effect on Farmers)

मौसम विभाग के अनुसार फरवरी के पहले सप्ताह में पश्चिमी विछोभ के प्रभाव से न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सीयस और अधिकतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सीयस रहा और 29.6 मिली मीटर बारिश भी रिकॉर्ड की गई थी. जिस कारण देश में रबी फसलों (Rabi Crops) को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. लाखों किसान के लाखों हेक्टेयर में लगी फसल गिर चुकी है या काफी हद तक बर्बाद हो चुकी है.

वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुछ इलाकों में पिछले दिनों हुई बारिश और अब लगातार उतरते-चढ़ते मौसम के चलते जमीन में अधिक नमी होने से गेहूं की फसल (Wheat Crop) पीली पड़ गई है. नतीजन इस मौसम से फसलों का बढ़ना रुक गया है.

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी मौसम की मार से गेंहू की फसलों पर गहरा प्रभाव पड़ा (Weather Effected Wheat Crop) है. आपको बता दें कि इस तरह के मौसम से लगभग हर जगह गेंहू की फसलें पिली पड़ रही है.

अगले एक हफ्ते कैसे रह सकता है मौसम (How will the weather be for the next one week)

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रात की हवाएं अगले 4-5 दिनों तक न्यूनतम तापमान में किसी भी बदलाव को लाने का काम कर सकती है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 19 फरवरी को आंशिक बादल छा सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दोपहर के समय रुक-रुक कर धूप निकल सकती है.

वहीं 21 फरवरी को पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बादल छाए रहने की संभावना है. इन सभी स्थानों पर छिटपुट बारिश हो सकती है.

बात अगर रात के तापमान की करें तो उसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है. अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, अंबाला, करनाल, नारनौल और मेरठ जैसे कुछ स्थानों पर न्यूनतम एकल अंक न्यूनतम 5-6 डिग्री सेल्सियस जारी है. वहीं बात अगर दिन के तापमान की करें तो यह सामान्य से ऊपर ही रह रहा है, लेकिन 22-25 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा नहीं हुआ है.

English Summary: Weather News, Weather forecast today, Weather conditions may change drastically (1)
Published on: 18 February 2022, 10:12 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now