भारत एक कृषि प्रधान देश है और आज भी यहां की कृषि को मानसून का जुआ कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. इस बार भीषण गर्मी ने अपना कहर बरपाया है. आम हो या खास सबको मानसून (monsoon) का बेसब्री से इंतजार है.
आपको बता दें कि दक्षिण पश्चिम मानसून (monsoon) ने बंगाल की खाड़ी के जरिए पूर्वोत्तर भारत में प्रवेश कर लिया है और आगामी 2 दिनों में असम में मेघालय में भारी बरसात की चेतावनी जारी कर दी गई है.
आईएमडी ने गुरुवार को बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून मिजोरम मणिपुर और नागालैंड के अधिकांश हिस्सों तक आ चुका है. भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप की ओर अरब सागर से आ रही मानसूनी हवाओं के कारण मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों तक कर्नाटक के तटीय और दक्षिणी इलाकों,लक्षदीप, केरल और माहे में बारिश होने की भविष्यवाणी की है.
मौसम विभाग (weather department) ने यह भी जानकारी दी है कि अगले 5 दिनों तक कराईकल, पुदुचेरी, तमिलनाडु, उत्तरी अंदरूनी कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कुछ इलाकों में बरसात हो सकती है.
पश्चिमोत्तर भारत की बात की जाए तो यहां बरसात के रूप में राहत बरसने की उम्मीद फिलहाल कम है क्योंकि यहां लगातार तापमान में वृद्धि हो रही है. तापमान में बढ़ोतरी का आलम यह है कि राजस्थान, दक्षिणी पंजाब और दक्षिण हरियाणा में एक बार फिर से लू चलने की चेतावनी जारी कर दी गई है.
मौसम से जुड़े पूर्वानुमान बता रहे हैं कि इस साल मानसून सामान्य रहेगा. पूर्वोत्तर भारत और दक्षिणी पश्चिमी प्रायद्वीप के निचले इलाके को छोड़ दिया जाए तो मानसूनी बारिश का वितरण पूरे देश में लगभग समान रहने की बात कही गई है.
इस बार केरल में मानसून की एंट्री (monsoon entry) अनुमानित समय से 2 दिन पहले ही हो गई थी. अब देशभर को बादलों के जरिये बरसने वाली राहत का इंतजार है ताकि गर्मी से राहत मिल सके और किसानों के चेहरे पर मुस्कान खिल सके.