UP Weather Update: भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हीटवेव चलने की आशंका है और तापमान भी 42 डिग्री से ऊपर जा सकता है. ऐसे में किसानों को सही सलाहा की बेहद जरुरत है, इसलिए आज हम कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आपको उत्तर प्रदेश के मौसम विभाग द्वारा जारी एग्रोमेट एडवाइजरी आपसे साझा करने जा रहे हैं. मौसम विभाग ने अपनी इस एडवाजरी में किसानों को कुछ सामान्य सलाह दी है, ताकि किसान मौसम को देखते हुए पहले से ही सतर्क हो जाएं.
मौसम विभाग ने दी चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा और अधिकतम तापमान 43 से 46 डिग्री सेल्सियस रहेगा. इस दौरान पूर्वाह्न 7.21 को सापेक्षिक आर्द्रता 40 से 61 और दोपहर के बाद 2.21 को 15 से 20 प्रतिशत तक रह सकता है. हवा की गति 10 से 20 किमी/घंटे से चलने का अनुमान है. ERFS उत्पादों के अनुसार 17 से 23 मई 2024 में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा और न्यूनतम से अधिक और वर्षा सामान्य से कम हो सकती है.
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मौसम विभाग की किसानों को सामान्य सलाह
मौसम विभाग ने सलाह देते हुए कहा है कि, किसानों को भंडारण से पहले, अनाज को ठीक से साफ कर लेना चाहिए और इसे नमी की मात्रा के अनुशंसित स्तर 12% से अधिक नहीं होने तक सुखाया जाना चाहिए. किसानों को पिछली फसल को अनाज और अन्य भंडारण सामग्री को हटाकर गोदामों को ठीक से साफ कर देना चाहिए. विभाग ने कहा कि, दीवारों की दरारों की सफाई और मरम्मत की जानी चाहिए. सलाह देते हुए कहा है कि, बोरियों को 5% नीम के घोल से उपचारित करें. बोरियों को धूप में सुखाएं ताकि कीड़ों के अंडे और प्यूपा बनने की अवस्था के साथ-साथ बीमारियों के इनोकुलम भी नष्ट हो जाएं. किसान मिट्टी मे पोषक तत्वों की कमी जानने के लिए मृदा परीक्षण करवा ले और नमूने पर फील्ड का नंबर डालकर परीक्षण भी करवाएं. विभाग ने सलाह दी है, कि आने वाले दिनों में गर्म हवाएं चलेगी, ऐसे में आपको फसलों और सब्जियों में सुबह और शाम हल्की सिचाई करनी चाहिए.
फसलों के लिए जरूरी सलाह
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि गेहूं की कटाई के बाद खाली पड़े खेतों का पलेवा करके उन्नत किस्म की गन्ना प्रजातियों की बुवाई करें और बीजों की मात्रा भी बढ़ा दें. किसानों को इस माह में काटे गए गन्ने में पोगले छोड़ देना चाहिए और सूखी पत्तियों को समान रूप से फैलाकर सिंचाई करनी चाहिए. विभाग के मुताबिक, किसानों को एक लाइन छोड़कर पत्तीयां बिछा देंनी है और बिना पत्ती वाली खाली लाइन में सिंचाई करते रहना है. सलाह में विभाग ने कहा है कि, फरवरी माह में बोए गए गन्ना यूरिया की शेष मात्रा का आधा भाग 5 कुंटल गोबर की खाद में मिलाकर नाली में डालें और नाली में ही सिंचाई करें. किसानों को टॉप बोरर से प्रभावित पौधों से अंडे सहित पत्ती निकलवाकर नष्ट कर देनी है. विभाग ने कहा कि, किसानों को यह कार्य जून माह तक करते रहना है. इसके अलावा,गन्ना किसानों को फसल में 15 से 20 दिन के अंतराल पर लाइनों में हल्की सिंचाई करते रहना है.
बागवानी के लिए विशिष्ट सलाह
भिंडी
विभाग ने सलाह में कहा कि, भिंडी की फसल में तुड़ाई के बाद युरिया 5 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से डाले तथा माईट कीट की. किसानों को निरंतर भिण्डी की निगरानी करनी चाहिए. किसानों को फसल में अधिक कीट पाये जाने पर ईथियॉन 1.5 से 2.0 मि.ली./लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करना चाहिए.
लीची
मौसम विभाग ने लीची के बागों की अवशकतानुसार सिचाई करते रहने की सलाह दी है. लीची में फ्रूट बोरर की रोकथाम हेतु डिक्लोरोवास 0.5 मिली प्रति लिटर पानी में घोल कर छिड़काव करने की सलाह दी है.
पशुपालन के लिए सलाह
भैंस
मौसम विभाग ने पशुओं को गर्मी और लू से बचाने के लिए पर्याप्त हरा चारा देने की सलाह दी है.