Today Weather Update: देश में जून का आधा महीना बीतते ही मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और इसके प्रभाव से देशभर के मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों में कई राज्यों में भारी से लेकर अति भारी बारिश, बिजली गिरने, और तेज हवाओं की संभावना है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी बन सकते हैं.
आइए कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, आज मौसम कैसे रहने वाला है?
सौराष्ट्र-कच्छ में अति भारी बारिश का अलर्ट
गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में आज अत्यधिक भारी वर्षा (>20 सेमी/24 घंटे) की संभावना है. इसके साथ ही गुजरात के अन्य हिस्सों, कोकण और गोवा, तथा मध्य महाराष्ट्र में 17 जून से 22 जून तक लगातार भारी बारिश जारी रहेगी.
पूर्वोत्तर भारत में अगले 7 दिन तक मूसलाधार बारिश
अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, असम और मेघालय जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में अगले 7 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा. इस दौरान वज्रपात और तेज हवाओं की घटनाएं भी होंगी.
दक्षिण भारत में आंधी-तूफान और तेज बारिश
तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप में 17 से 20 जून तक हल्की से मध्यम वर्षा के साथ गरज-चमक और तेज हवाएं (40-60 किमी/घंटा) चलने की संभावना है. 17 जून को कर्नाटक के तटीय और दक्षिणी भागों में अति भारी बारिश का अनुमान है.
उत्तर भारत में तेज हवाओं और धूल भरी आंधी का खतरा
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 17 से 22 जून तक गरज के साथ बारिश और 50-70 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. पश्चिम राजस्थान में आज धूल भरी आंधी आने की संभावना है.
पूर्वी और मध्य भारत में तूफानी बारिश और आंधी का अलर्ट
बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्र में 17 से 20 जून तक भारी बारिश के साथ आंधी-तूफान और वज्रपात की घटनाएं हो सकती हैं. 17 जून को मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में 60-70 किमी/घंटा की रफ्तार से तूफानी हवाएं चलने की संभावना है.
समुद्री क्षेत्र में तेज हवाएं, मछुआरों को चेतावनी
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से लगते तटीय क्षेत्रों — गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल — में समुद्र बहुत ही उथल-पुथल भरा रहेगा. 45 से 65 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. ऐसे में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है.