खरीफ की 14 फसलों की MSP में बढ़ोतरी, सरकार ने मंजूर किए 2,07,000 करोड़ रुपये खुशखबरी! इन किसानों को राज्य सरकार देगी प्रति हेक्टेयर 18,375 रुपए अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन कीटों और पशुओं से फसल को मिलेगी डबल सुरक्षा, राज्य सरकार दे रही 75% अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 May, 2025 10:56 AM IST
मानसून की एंट्री! (सांकेतिक तस्वीर)

Monsoon 2025: देशभर में मौसम ने करवट ली है. मानसून ने इस साल तय समय से पहले ही केरल के बाद अब महाराष्ट्र में भी दस्तक दे दी है. इसके चलते राज्य के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है. महाराष्ट्र के भी कई जिलों में बारिश का असर साफ देखा जा सकता है. लगातार हो रही बरसात ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. दोनों राज्यों में प्रशासन ने कई इलाकों में अलर्ट जारी किया है.

इधर, दिल्ली-एनसीआर में भी बारिश के बाद मौसम सुहावना हो गया है. तेज हवाओं और बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक देश के कई राज्यों में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी. साथ ही, पहाड़ी राज्यों में भी बादल छाए रहने और बारिश के आसार हैं.

महाराष्ट्र में मानसून की दस्तक

इस बार मानसून की एंट्री ने महाराष्ट्र को चौंका दिया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) ने रविवार को महाराष्ट्र में दस्तक दे दी, जो कि बीते 35 वर्षों में सबसे जल्दी है. आमतौर पर मानसून की शुरुआत देश में 1 जून के आसपास होती है, लेकिन इस बार 23 मई को ही मानसून पहुंच गया. IMD का कहना है कि इस साल मानसून ने फिर से रिकॉर्ड तोड़ते हुए समय से पहले एंट्री मारी है. विभाग ने बताया कि अगले तीन दिनों में मानसून के मुंबई, कर्नाटक और उत्तर-पूर्व भारत के कई हिस्सों में पहुंचने की संभावना है.

इन इलाकों में पहुंचा मानसून?

IMD के मुताबिक, मानसून इस समय अरब सागर के मध्य हिस्सों, पूरे गोवा, कर्नाटक के कुछ हिस्सों, महाराष्ट्र, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और उत्तर बंगाल की खाड़ी तक पहुंच गया है. इसके अलावा, मुंबई सहित महाराष्ट्र के अन्य भागों, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं.

भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात

महाराष्ट्र के कई हिस्सों, खासतौर पर तटीय कोंकण और मुंबई में पिछले दो दिनों से भारी प्री-मॉनसून बारिश हो रही है. पुणे जिले के बारामती और इंदापुर तहसीलों में रविवार को भारी बारिश हुई, जिससे कई इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन गई.

केरल में मानसून की जल्दी दस्तक

केरल में इस साल मानसून ने जल्दी दस्तक दी है. यह पिछले 16 सालों में सबसे पहले आया हुआ मानसून है. आम तौर पर मानसून केरल में 1 जून को आता है, लेकिन इस बार यह 8 दिन पहले, यानी मई के महीने में ही पहुंच गया है. भारत मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इससे पहले 2009 और 2001 में भी मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था. इस बार मानसून का जल्दी आना पूरे देश के मौसम पर असर डाल सकता है.

अन्य राज्यों में भी बारिश का अलर्ट जारी

इस बार मानसून समय से पहले आने से राहत और चुनौती दोनों ही सामने हैं. जहां किसानों को अच्छी शुरुआत की उम्मीद है, वहीं प्रशासन के लिए बाढ़ और राहत कार्यों की चुनौती भी है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक सतर्क रहने की सलाह दी है. IMD के अनुसार, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट/ Red Alert जारी किया गया है. तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में भी तेज बारिश के साथ तूफानी हवाएं चल सकती हैं. वहीं, असम, मिजोरम और मणिपुर में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है. बिहार और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी तेज हवाएं और बिजली चमकने का सिलसिला बना रहेगा. मौसम विभाग ने पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी तेज हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी दी है.

समय से पहले मानसून आने के कारण क्या हैं?

  1. समुद्री सतह का तापमान (SST): अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में तापमान सामान्य से अधिक होने पर हवाओं में नमी बढ़ती है, जिससे मानसून जल्दी आता है.
  2. मौसमी हवाओं का रुख: जब दक्षिण-पश्चिम हवाएं जल्दी सक्रिय हो जाती हैं, तो मानसून समय से पहले शुरू हो सकता है.
  3. ला नीना प्रभाव: यह घटना मानसून को मजबूत बनाती है और पहले ला सकती है.
  4. मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन (MJO): जब हिंद महासागर में बादलों की सक्रियता जल्दी शुरू होती है, तो बारिश जल्दी हो सकती है.
  5. वायुमंडलीय दबाव में गिरावट: कम दबाव वाले क्षेत्र बनने से मानसून की एंट्री पहले हो जाती है.
  6. जलवायु परिवर्तन: ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण मौसम चक्र में बदलाव आ रहा है जिससे मानसून के समय में भी बदलाव देखा जा रहा है.
English Summary: IMD Monsoon update monsoon enters before time heavy rain alert Mumbai many states including Maharashtra Heavy Rain Alert
Published on: 26 May 2025, 11:03 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now