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Updated on: 12 April, 2020 12:56 PM IST

मौसम का मिजाज बदल रहा है जिस कारण फसलों को लेकर किसानों के मन में चिंता बनी हुई है. मौसम विभाग के अनुसार, अगर बात करें, बिहार के सप्ताहिक मौसम कि तो में इस सप्ताह यानी 11 से 17 अप्रैल के बीच कई इलाकों में बारिश होने के आसार बन रहे हैं. इसके साथ ही बिहार के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी जिलों में कई दिनों तक बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. इस 12 अप्रैल को उत्तर-पूर्वी हिस्सों में हल्की वर्षा की संभावना बनी हुई है. उसके बाद 13 और 14 अप्रैल को समूचे बिहार में मौसम मुख्यतः शुष्क और साफ बने रहने की संभावना है और 15 अप्रैल से बिहार में आर्द्र काफी पहुंचनी शुरू होगी जिसके चलते 15 से 17 अप्रैल के बीच राज्य के कई इलाकों में बादल छाए रहने की उम्मीद है. इस दौरान अगर बात करें, गया, भागलपुर, दरभंगा, कटिहार, सहरसा, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पुर्णिया, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, चंपारण जैसे इलाके प्रभावित होने के आसार हैं. इसके अलावा पटना में धूलभरी आंधी के साथ गर्जना और हल्की वर्षा की गतिविधियां इस सप्ताह देखने को मिल सकती हैं.

गरमा मूंग के लिए सलाह

मौसम की वर्तमान परिस्थितियों में गरमा मूंग की बुवाई की जा सकती है. बीजों का राइजोबियम और पी.एस.बी. कल्चर अवश्य करें. ध्यान रखें कि बीज 4 से 5 सेमी गहराई में जाएं. पुष्पण एवं फलन के समय खेत में उचित नमी रहनी चाहिए लेकिन खेत या इसके थाले मे पानी जमा न होने दें अन्यथा फूल झड़ने लगता है और विकसित हो रहे फल पीले होकर गिर जाते हैं.

रबी फसलों के लिए सलाह

तैयार गेहूं, चना और अरहर इत्यादि फसलों की कटाई करें. रबी फसल के रूप में देर से बोई गई दलहनी फसल राजमा (किडनी बीन) की कटाई करें. थ्रेशिंग के बाद 3-4 दिनों तक धूप में सुखाकर ही भंडारण करें. खेती के काम निपटाते समय कोरोना वायरस से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का अवश्य पालन करें.

सिंचाई के लिए सुझाव

गरमा फसलों के लिए सिंचाई की अधिक ज़रूरत होती है. सामान्य सिंचाई पद्धति से सिंचाई करने से अधिक खर्च के साथ-साथ जल की बर्बादी भी होती है. इसलिए लोबिया सहित अन्य गरमा फसलों में ड्रिप सिंचाई तकनीक का अधिक से अधिक प्रयोग करें. इस उन्नत तकनीक द्वारा पौधों के जड़ों के पास जल व उर्वरक द्रव के रूप में बूंद-बूंद करके उतना ही मात्रा में पहुँचता है जिसे पौधे उसे ग्रहण कर सके और वाष्पोत्सर्जन कर सकें.

अरहर के लिए सुझाव

अरहर की फसल पकने के बाद इसमें ढोरा भृंग कीट का प्रकोप होने भी लगता है. प्रभावित दाने खाने एवं बीज योग्य नहीं रह जाते हैं. इसके प्रकोप को खत्म करने के लिए थ्रेशिंग के बाद अरहर के दानों को धूप में तब तक सुखाए जब तक कि 90 फीसद नमी खत्म ना हो जाए.

निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट के अनुसार जानते आने वाले 24 घंटों के दौरान मौसम का पूर्वानुमान-

देशभर में बने मौसमी सिस्टम

एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे भागों पर बना हुआ है. एक पश्चिमी उत्तर भारत की तरफ आ रहा है. यह सिस्टम 13 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के करीब जाएगा. मध्य पाकिस्तान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. दक्षिण भारत में कर्नाटक से लेकर मध्य भारत में विदर्भ तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है साथ ही कोमोरिन से आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र तक विपरीत दिशा की हवाएं टकरा रही हैं.

आने वाले 24 घंटों का मौसमी पूर्वानुमान

आने वाले 24 घंटों के दौरान असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की उम्मीद है. नागालैंड, मणिपुर, सिक्किम में भी कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ प्री-मॉनसून वर्षा हो सकती है. दक्षिणी केरल और तटीय कर्नाटक तथा आंतरिक तमिलनाडु के कुछ भागों में हल्की बारिश होने के आसार हैं. उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की बारिश जारी रहने की उम्मीद थी. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब समेत उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के लगभग सभी भागों में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं.

English Summary: Chance of pre-monsoon rains with thunderstorms in some areas of the country
Published on: 12 April 2020, 01:01 PM IST

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