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Updated on: 29 November, 2022 1:53 PM IST
ड्रैगन फ्रूट की खेती देगी बंपर मुनाफा

फ़सल विविधीकरण ने उन किसानों को भरपूर लाभ दिया है जिन्होंने खेती में नवीन तरीकों को अपना लिया है. तमाम बाधाओं के बावजूद उत्तराखंड में कुछ प्रगतिशील किसान धान और गेहूं के चक्र से परे देखने की कोशिश कर रहे हैं. इन प्रगतिशील किसानों की सफ़लता की कहानियां बताती हैं कि फ़सल विविधीकरण समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है.

इसके जीते-जागते उदहारण हैं उत्तराखंड के ज़िला उधम सिंह नगर ब्लॉक बाजपुर के पढ़े- लिखे 35 वर्षीय नौजवान किसान यतिन सिंघल, जो अपने 3.2 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट की वैज्ञानिक विधि द्वारा खेती कर रहे हैं तथा आज बहुत से युवाओं और कृषक भाइयों के लिए प्रेरणा के स्रोत भी हैं. यतिन ने अमेरिका में रहकर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. यतिन चाहते तो विदेश में अच्छी पगार वाली जॉब कर सकते थे लेकिन वो अपने देश में रहकर ही कुछ अलग करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उच्च वेतन वाली नौकरी के लिए नहीं गए क्योंकि वह अपने साथी ग्रामीणों के लिए कुछ करना चाहते थे और साथ ही अपने ज़िले की प्रतिष्ठा में इज़ाफा करना चाहते थे. इस बीच उन्हें ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का ख़्याल आया. यतिन ने उद्यान विभाग के अधिकारियों,  पंतनगर के वैज्ञानिकों तथा इंटरनेट पर ड्रैगन फ्रूट की खेती संबंधी जानकारी जुटाई और फिर साल 2018 में गुजरात से ड्रैगन फ्रूट के पौधे लाकर अपने खेतों में रोपित किये. ड्रैगन फ्रूट औषधीय एवं प्राकृतिक गुणों से भरपूर है, इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन के अलावा विटामिन सी और मैग्नीशियम पाया जाता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाते हैं.  ड्रैगन फ्रूट को इसकी अनेकों ख़ूबियों के कारण सुपरफूड भी कहा जाता है.

यतिन सिंघल द्वारा पहले वर्ष 2018 में केवल 40 पौधों से शुरुआत की गई थी. वर्ष 2020 में उन पौधों से अच्छी पैदावार से उत्साहित होकर यतिन वर्ष 2020 में 1.0 हेक्टर क्षेत्र में, 2021 में फिर 1.0 हेक्टेयर  और 2022 में 1.2 हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट का बगीचा लगा कर खेती कर रहे हैं . यतिन ने वर्ष 2022 में कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर से 15 दिन का नर्सरी प्रबंधन पर प्रशिक्षण लेकर अपनी नर्सरी की स्थापना भी की है जहाँ से यह वर्तमान में ड्रैगन फ्रूट के पौधे तैयार कर 50-60 रुपये प्रति पौधा अपने पास आने वाले किसानों को भी बेच रहे हैं.

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17-20 अक्टूबर 2022 को पंतनगर किसान मेले की उद्यान प्रदर्शनी में यतिन सिंघल द्वारा ड्रैगन फ्रूट के फलों को प्रदर्शनी में रखा गया था जहाँ ड्रैगन फ्रूट की गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सराहना की गयी थी और समारोह में ड्रैगन फ्रूट की एंट्री के प्रथम आने पर यतिन को सर्टिफ़िकेट प्रदान कर सम्मानित भी किया गया था.

केवीके, उधम सिंह नगर (काशीपुर)

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी  विश्विद्यालय, पंतगर

English Summary: Youth of Uttarakhand became a progressive farmer by cultivating dragon fruit, sells it at Rs.60 per plant
Published on: 29 November 2022, 02:00 PM IST

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