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Updated on: 24 May, 2023 5:12 PM IST
Paddy stubble burning

Punjab: पंजाब-हरियाणा राज्य में पराली जलाने की समस्या काफी दिनों से चली आ रही है. किसानों को धान और गेहूं की पराली के अवशेषों को खेतों में जलाना ज्यादा आसान लगता है. पराली जलाने से प्रदूषण काफी हद तक बढ़ जाता हैजिससे लोगों को न सिर्फ सांस की परेशानी होती हैबल्कि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है. ऐसे में पराली प्रबंधन को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर योजनाओं को लागू करती रहती हैंलेकिन इसका जमीनी स्तर पर कोई हल नही दिखाई देता है.

राज्य में कई किसान ऐसे भी हैं जो पराली जलाने से बच रहे हैं और दूसरों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसी ही एक महिला किसान बीबी कंवरबीर कौर का नाम सामने आया है. जिन्होने अपनी इस काबिलियत से पूरे राज्य का नाम रोशन किया है. आइए आज हम आपको इनकी इस सफलता के बारे में बताते हैं.

गुरदासपुर जिले के अलेचक गांव की किसान बीबी कंवलबीर कौर पिछले कई सालों से बिना आग लगाए फसल की बुवाई कर रही हैं. बीबी कंवरबीर कौर की यह पहल अन्य किसानों के लिए भी मार्गदर्शक का काम कर रही है.

किसान बीबी कंवरबीर कौर का कहना है कि उनके पति सरदार नरिंदर सिंह छीना की 2002 में मौत हो गई थी और फिर घर की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई थी. उन्होंने पति की मौत के बाद सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ खेती का भी जिम्मा संभालना शुरू किया.

कंवरबीर कौर के अनुसार, अलेचक गांव में उनका 12 एकड़ का खेत है और वह पिछले कई सालों से फसल अवशेषों को बिना आग लगाए ही नष्ट कर रही हैं. वह राज्य के कृषि विभाग और पंजाब कृषि विश्वविद्यालयलुधियाना के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह को अपनाकर अपने खेतों की पराली को नष्ट कर रही हैंजिसके उन्हें काफी सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं

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उन्होंने कहा कि इस बार भी उन्होंने करीब 10 एकड़ में धान की पीआर लगाई है. किसान बीबी कंवरबीर कौर ने किसान भाइयों से अपील की है कि वह फसल के अवशेष को न जलाएं और अगली बोने वाली फसल की खेती के लिए इसे खाद की तरह से उपयोग करें.

English Summary: woman farmer of Punjab gave an example to the people, does farming without burning the stubble
Published on: 24 May 2023, 05:19 PM IST

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