आज के समय में एक तरफ युवा अपने नौकरी और भविष्य को लेकर परेशान रहते हैं, तो वहीं तरफ उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के तीन पढ़े-लिखे युवा नौकरी छोड़कर चर्चा में आ गए हैं. ये तीनों दोस्त नए जमाने की कृषि करके आत्मनिर्भर बनने में जुटे हैं.
यह तीनों दोस्त वाराणसी के चिरईगांव ब्लॉक के चौबेपुर क्षेत्र के गांव नारायनपुर के रहने वाले हैं. इन दिनों तीन दोस्तों की खूब चर्चा हो रही हैं, क्योंकि ये गांव के लोगों को नए युग की कृषि सिखा रहे हैं. तीनों दोस्तों ने गांव के ही अपने मकान के बाहर छोटे तालाब बनाएं. इन पढ़े-लिखे युवा किसान का नाम श्वेतांक, रोहित और अमित है, जो कि सीप से मोती निकालने की खेती कर रहे हैं. इतना हीं नहीं, खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन और बकरी पालन भी कर रहे हैं.
खेती से मिलता है 3 गुना ज्यादा मुनाफ़ा
युवा किसानों का कहना है कि मोती की खेती पारंपरिक खेती से थोड़ी अलग है. वह एक कृषि उद्यम की मदद से मोती की खेती कर रहे हैं. युवा किसान श्वेतांक ने एमए-बीएड कर रखा है. इसके बावजूद मोती की खेती में रूचि आ गई. उन्होंने इंटरनेट की मदद से मोती की खेती से जुड़ी जानकारी ली. एक जगह से ट्रेनिंग भी ली. आज के समय में रोजाना नए लोग उनसे जुड़ते जा रहें हैं. उन्होंने बताया कि सीप से मोती निकालने के काम में 3 गुना ज्यादा मुनाफा मिल रहा है.
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खेती के साथ मधुमक्खी और बकरी पालन
युवा किसान मोहित आनंद पाठक मधुमक्खी पालन की देखभाल करते हैं. उन्होंने बीएचयू से बीए कर रखा है. लेकिन वह पारंपरिक खेती की जगह कुछ नया करने की सोच रखते हैं. ऐसे में दिल्ली गांधी दर्शन से प्रशिक्षण लेने के बाद मधुमक्खी पालन करने लगे. इसके तहत वाराणसी में खुद काम शुरू कर दिया. अब वह खुद दूसरों किसानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. इतना ही नहीं, उनसे शहद बेचने वाली कंपनियां और औषधालय भी शहद ले जाते हैं. इसके अलावा वह बकरी पालन भी करते हैं.
नौकरी छोड़ की खेती
इन तीनों दोस्तों में से रोहित आनंद पाठक एक हैं, जो तकि एक समिति कृषि उद्यम से पहले खुद एक प्रतिनिधि के रूप में जुड़े थे. इसके बाद अपने दोस्तों के साथ मिलकर नई शुरूआत की है. उन्होंने कोरोना काल में एक बड़ी कंपनी के रीजनल हेड की नौकरी छोड़ दी और वाराणसी वापस आ गए. इसके बाद तीनों दोस्तों ने खेती की शुरुआत की.
उनका कहना है कि इस साल कोरोना महामारी ने कुछ नया सिखाया है. आने वाले दिनों में परिवेश काफी तेजी से बदल रहा है. ऐसे काम के जरिए हम खुद के लिए आमदनी का एक जरिया पैदा कर रहे हैं, साथ ही खुद को नए वातावरण में ढाल भी रहे हैं. बता दें कि तीनों दोस्तों की इस मुहिम से यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री और इलाके के विधायक काफी खुश हैं.
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