किसी ने शायद सच ही कहा है कि किसी काम को करने के लिए किसी खास चीज़ की जरूरत नहीं बल्कि इंसान के अंदर जुनून की जरूरत होती है. कभी-कभी हमारे सामने कुछ ऐसे उदाहरण आते हैं जो यह साबित करते हैं की आगर इंसान के अंदर जज़बा हो तो वो कुछ भी कर सकता है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज हम आपको एक ऐसे ही शख़्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने यह सारे उदाहरणों को सही साबित करके दिखाया है. यह खेत न होने के बावजूद भी खेती करके लगभग एक साल में 4 करोड़ की कमाई कर रहे हैं.
चेन्नई के श्रीराम ने एक स्टार्टअप के जरिए हाइड्रोपोनिक्स की शुरुआत की यानि बिना मिट्टी की खेती या फीर यू कहें की हवा में खेती. और आज उनकी कंपनी का टर्नओवर सालाना 4 करोड़ पहुंच चुका है.
श्रीराम के अनुसार उनको बिना मिट्टी की खेती के बारे में उनके एक मित्र ने बताया था जिसके बाद उन्होंने इसकी शुरुआत करने की इच्छा जताई. आगे उन्होंने बिना मिट्टी वाली खेती की शुरुआत अपने पिताजी की फैक्ट्री से 5 लाख की लागत के साथ की. श्रीराम की कंपनी का नाम फ्यूचर फॉर्म (Future Farms ) है. और उन्होंने इसकी शुरुआत अपने 3 दोस्तों के साथ की. उन्होंने जगह का चयन अपने पिता की बंद पड़ी फैक्ट्री में की जहां काफी जगह खाली पड़ी हुई थी.
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक की जानकारी (Knowledge of hydroponics techniques)
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक एक ऐसा तकनीक है जिमसें हर्बस को बिना मिट्टी की मदद से उगाई जाती है. और इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है. पौधे एक मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगते हैं और इनकी जड़ें पाइप के अंदर पोषक तत्वों से भरे पानी में छोड़ दी जाती हैं. मिट्टी न होने की वजह से छतों पर भार नहीं पड़ता है. साथ ही बिल्कुल अलग सिस्टम होने की वजह से छत में कोई बदलाव भी नहीं करने पड़ते.
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक की लागत (Hydroponics technology cost)
आइये जानते हैं इसमें होने वाली लागत के बारे में. इस तकनीक को एक एकड़ में लगाने का खर्च लगभग 50 लाख रुपए होता है. और वहीं अगर आप इसे अपने घर में लगाते हैं तो 100 स्क्वॉयर फुट का खर्च लगभग 50 हजार से 60 हजार के बीच आएगा. वहीं 100 स्क्वॉयर फुट में लगभग 200 पौधे लगाए जा सकते हैं.
इस तकनीक से कौन कौन सी खेती कर सकते है? (Which farming can be done with this technique?)
हाईड्रोपोनिक तकनिक से लगभग सभी तरह की फल, सब्जियां, सलाद,अनाज,फूल औषधिय इत्यादि उगाई जा सकती है. वहीं अगर इसके द्वारा सफलता पूर्वक उगई गई फसल और फूल की बात करें तो वह है शलगमगाजर, ककड़ी, मुली, टमाटर, मटर, आलू, शिमला मिर्च, मिर्च, धनिया, पुदीना, तुलसी, अजवाईन के फूल और फलों में तरबूज, खरबूजा, पाइनेपल, स्टोबेरी, ब्लॉकबेरी, ब्लूबेरी, खीरा आदि और कही कही तो केले और नीबू.
Hydroponic Systems के प्रमुख अंग (Major parts of Hydroponic Systems)
1 Drip System (सिचाई प्रबंध का आधुनिक तरीका)
2 Ebb- Flow Flood & Drain (पोषक तत्वों का automatic देना)
3 N.F.T. Nutrient Film Technique (बिजली पानी जलगलन,बहाव,आदि कंट्रोल करना)
4 Water Culture (हवा पानी बुलबुले,पोधा सरक्षण,एयर कंट्रोल)
5 Aeroponics (कंप्यूटर से वातावरण,स्प्रेकाल,सेसिग,)
6 Wick System (बाती प्रणाली रास्सी ढोरी से पानी पहुचना)
इन 6 सिस्टम से पूरी प्रणाली को अच्छे से बड़े पैमाने पर चलाया जा सकता है. छोटे स्तर पर इस प्रणाली के लिए भी बाज़ार में काफी मशीनें उपलब्ध है.
तो इसी तरह से खेती कर कंपनी का टर्नओवर 4 करोड़ हो गया है और आगे यह अनुमान लगाया जा रहा है की आने वाले वर्षों में कंपनी का टर्नओवर लगभग 8 करोड़ रुपए सालाना हो सकता है. बता दें की कंपनी का टर्नओवर वर्ष 2015-16 में सिर्फ 38 लाख रुपए था, लेकिन मात्र एक साल में यह बढ़कर 2 करोड़ रुपए हो गया. कंपनी कारोबार 300 फीसदी सालाना दर से बढ़ रहा है.