आज के समय में मात्र खेती-बाड़ी ही एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें लागत से ज्यादा मुनाफा प्राप्त किया जा सकता है. आजकल बढ़ती महंगाई के बीच खेती-बाड़ी का कार्य लोगों के लिए काफी मुनाफेदार साबित हो रहा है. इस व्यवसाय में दोगुनी कमाई होती हैं. ऐसे ही एक किसान है, जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर खेती-बाड़ी में अपनी रूचि दिखाई और आज के समय में बहुत अधिक मुनाफा हासिल कर रहे हैं. तो चलिए उनकी सफलता की कहानी के बारे में जानते हैं.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा के अतर्रा कस्बे में रहने वाले प्रगतिशील किसान जाहिद अली ने जैविक खेती के साथ-साथ सब्जी का उत्पादन कर सफलता हासिल की है. किसान ने सब्जी उत्पादन में कद्दू वर्गीय की खेती की, जिसमें लौकी, करेला, भिंडी, तरोई, खीरा, ककड़ी, बैंगन और टमाटर आदि की खेती शामिल है. अब वह लोगों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं.
जाहिद आली का परिचय (Introduction Of Zahid Ali)
जाहिद अली ने 1999 में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद खेती के कामों में अपनी रूचि बढ़ा ली. उनका कहना है कि साल 2006 में जब उनके पास खेत नहीं थे, तब वो दूसरे के खेतों में कार्य करते थे. इस बीच उन्होंने कुछ नया करने का मन बना लिया. इसके बाद उन्हें दो सरकारी नौकरी भी की, लेकिन खेती का जूनून इतना था कि उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर खेती करना शुरू किया.
बैंगन उत्पादन में हासिल किया सम्मान (Honor Achieved In Eggplant Production)
जाहिद अली का कहना है कि वह खेतों में कद्दू वर्गीय सब्जियों जैसे लौकी, करेला, भिंडी, तरोई, खीरा, ककड़ी, बैंगन और टमाटर आदि की खेती करते है. उन्हें बैंगन के उत्पादन के लिए किसान दिवस पर प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया गया है. इसकी खेती में एक बीघा में 20,000 रुपए का खर्च आया था, लेकिन उन्हें अपनी लागत के अनुसार करीब 4 लाख की आमदनी हुई.
जाहिद अली केवल सब्जी उत्पादन के लिए में ही नहीं, बल्कि गेहूं और धान के उत्पादन के लिए भी महारत हासिल कर चुके हैं. उन्हें सब्जियों, धान और गेहूं की खेती के लिए दर्जनों पुरस्कार मिल चुके हैं.
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क्यूकरबिट्स मैन ऑफ बुंदेलखंड अवार्ड से हुए सम्मानित (Conferred With Cucurbits Man Of Bundelkhand Award)
वर्तमान में सब्जी के उत्पादन में जाहिद अली बुंदेलखंड के किसानों के लिए प्रेरणा बनकर उभर रहे हैं. सब्जी का उत्पादन करके किसान कैसे अधिक आय अर्जित कर सकता है. इसके बारे में वह किसानों को ना सिर्फ प्रशिक्षित करते हैं, बल्कि प्रेरित भी करते हैं.
इस वजह से उन्हें फल एवं सब्जी सब्जियों के अंतर्राष्ट्रीय बाजार वर्ष 2021 के उपलक्ष्य में सम्मान मिला है. उन्हें कृषि विश्वविद्यालय बांदा में क्यूकरबिट्स सब्जियों के अधिक उत्पादन के लिए क्यूकरबिट्स मैन ऑफ बुंदेलखंड अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है.