Tractor Diesel Saving Tips: ट्रैक्टर में डीजल बचाने के 5 आसान तरीके, जिनसे घटेगी लागत और बढ़ेगा मुनाफा आगरा में स्थापित होगा अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र, मोदी कैबिनेट ने 111.5 करोड़ की परियोजना को दी मंजूरी यूपी में डेयरी विकास को बढ़ावा, NDDB को मिली तीन संयंत्रों की जिम्मेदारी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 10 August, 2023 5:12 PM IST
Kulwinder Singh

Success Story: पंजाब के मानसा जिले के रहने वाले एस. कुलविंदर सिंह ने अपनी बीए की पढाई खत्म करने के बाद खेती करने का सोचा. वह घर की पारंपरिक खेती को छोड़ खरबूजे की खेती शुरु की और आज उनका खरबूजे का व्यवसाय एक बड़े स्तर पर पहुंच गया है.

कृषि की तकनीकी को समझा

आपको बता दें कि शुरुआती दौर में कुलविंदर सिंह पारंपरिक फसलों की ही खेती किया करते थे, लेकिन समय के साथ उन्होंने पिछले 6-7 वर्षों से सब्जी की खेती की ओर रुख किया. इसके बाद उन्होंने खरबूजे की खेती की शुरुआत की. तरबूज की खेती के संबंध में तमाम तकनीकी जानकारियां वह कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के विशेषज्ञों और प्रगतिशील किसानों के माध्यम से लिया करते थे.

पारंपरिक फसलों की तुलना में ज्यादा मिला लाभ

कुलविंदर ने सबसे पहले साल 2021 में अपने एक एकड़ के खेत में खरबूजे की खेती शुरू की. तरबूज की खेती की शुरुआत में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. इस फसल में कभी पीला धब्बा रोग तो कभी फल मक्खी का अचानक हमला हो जाता था. हालांकि इन चुनौतियों के बावजूद भी खरबूजे की खेती से उन्हें पारंपरिक फसलों की तुलना में ज्यादा लाभ मिला, जिस कारण वह खरबूजे की खेती को जारी रखने का सोचा. पहली बार के कड़वे अनुभव के बाद उनको दूसरी बाद काफी अच्छी सफलता प्राप्त हई.

वह आज तरबूज की खेती आधा एकड़ से शुरु कर अपने 17 एकड़ की कुल जमीन पर आधुनिक तकनीक अपनाकर खेती कर लोगों के सामने सफलता की एक कहानी रच दी.

ये भी पढ़ें: यह किसान गेंहू के 826 किस्म के बीजों का कर रहा उत्पादन, जाने इसकी सफलता की कहानी

विशेषज्ञों की ली सलाह

इस दौरान उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा निर्मित पीएयू फल मक्खी जाल का इस्तेमाल किया और पीले धब्बे की बीमारी को रोकने के लिए भारी सिंचाई से परहेज किया. वह समय-समय पर अपनी पैदावार को बेहतर करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों से सलाह भी लेते रहते हैं.

इस खेती से कर रहे खूब कमाई

कुलविंदर ने अपने गांव में खरबूजे की बेहतर मार्केटिंग के लिए आसपास के गांवों के किसानों को भी खरबूजे की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया. खरबूजे की खेती का क्षेत्रफल अच्छा होने के कारण व्यापारी सीधे उनके खेतों से फसल की खरीदारी किया करने लगे और सभी किसानों को कमाई भी अच्छी होने लगी. कुलविंदर के अनुसार, आज वह खरबूजे की खेती से प्रति एकड़ 80 से 90 हजार रुपये की कमाई कर रहे हैं.

English Summary: This farmer left the traditional farming and started cultivating melons
Published on: 10 August 2023, 05:20 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now