Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 9 August, 2023 5:27 PM IST

सफलता की कहानी: पंजाब राज्य अपनी गेहूं की पैदावार के लिए जाना जाता है. इस राज्य की धरती पर मेहनती और उद्यमशील किसानों की कमी नहीं है. यहां के किसान अपनी खेती की पैदावार को लोहा पूरी दूनिया को दिखा चुके हैं. ऐसे में आज हम आपको राज्य के एक ऐसे किसान से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होने गेहूं के विभिन्न किस्मों के बीज को उपजा कर खेती के क्षेत्र में एक अलग ही क्रांति ला दी है और अपने राज्य के किसानों के दिल में एक अलग ही जगह बना ली है.

पंजाब के संगरूर जिले के कमालपुर गांव में रहने वाले किसान हरप्रीत सिंह का परिवार हमेशा से ही खेती के क्षेत्र में जुड़ा रहा है. वह अपने कुल 40 एकड़ के खेत मे खेती का कार्य किया करते थे, लेकिन खेती में कुछ हटकर कार्य करन का मन उनका करने लगा तो उन्होंने भूमि पर खेती के साथ-साथ सहायक व्यवसाय और बीज उत्पादन का भी कार्य करने लगे

हरप्रीत सिंह एक सफल बीज उत्पादक बन गए हैं, वह गेहूं की 826 किस्मों का उत्पादन करते हैं. वह पिछले कई वर्षों से अपने खेतों में मुख्य फसल चक्र गेहूं-धान के अलावा गोभी सरसों, मूंग और बासमती चावल भी उगा रहे हैं. हरप्रीत सिंह के मुताबिक, फलल चक्रण से खेती की उर्वरता भी बढ़ती है और नाइट्रोजन (यूरिया) की भी बचत होती है. इसके अलावा उनकी फसल पर लागत भी कम होती है.

ये भी पढ़ें: आर्टिफिशियल तालाब बनाने की विधि, जानें कितना और कैसे मिलेगा मुनाफा

किसान हरप्रीत सिंह अपने खेत की खाद का उपयोग न करके जमीन पर वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करते हैं और इसको खुद ही अपने खेतों में तैयार करते हैं. इसके अलावा वह खेतों मे बच रही पराली को जलाने के बजाय जैवित तरीको से उसका विघटन कर देते हैं. इससे पर्यावरण में प्रदूषण तो कम होता ही है और साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बढ़ती है. हरप्रीत सिंह अपनी खेती को बेहतर करने और वैज्ञानिक तौर तरीकों को अपनाने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों सलाह लेते रहते हैं.

English Summary: This farmer is producing 826 varieties of wheat seeds
Published on: 09 August 2023, 05:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now