वर्तमान में भारत में सिंचाई के पानी की कमी व खुले खेत में सब्जियों की खेती में अधिक लागत के कारण पॉली हाउस में खेती करना लाभदायक सिद्ध हो रहा है. साथ ही लम्बी अवधि तक उच्च मूल्य वाली सब्जियों को बेमौसम में उगाकर अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है. पॉली हाउस में खास तौर पर अधिक उत्पादन देने वाली सब्जिया को उगाना अधिक फायदेमन्द है , जिनका बाजार भाव अधिक मिलता है जैसे रंगीन शिमला मिर्च, टमाटर, चेरी टमाटर, बीज-रहित खीरा, एगप्लांट, लेट्यूस, ब्रोकली, रेडकेबेज, इत्यादि.पॉली हाउस में सामान्य खेती से दो से तीन गुना अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि पॉली हाउस में जलवायु के प्रमुख कारक जैसे सिंचाई, आर्द्रता, तापमान व कार्बनडाई आक्साईड आदि पूर्णतः नियंत्रित दशा में होते है.
साथ ही कीटों के प्रवेश न करने के कारण कीटों अथवा वायरस से फसल को नुकसान नहीं हो पाता है. साथ ही पालीहाउस में कार्बन डाई आक्साईड का स्तर 0.02 से अधिक होने के कारण पौधे के अन्दर कार्बन एवं नाईड्रोजन का अनुपात बढ़ जाता है. जिससे पौधे में प्रजनन प्रक्रिया तेज होती है जो अधिक फसल उत्पादन सहायक होता है. साथ ही पॉली हाउस में ड्रिप सिंचाई के प्रयोग से जल व उर्वरक उपयोग क्षमता बढ़ जाती है जिससे कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त होता है.
पॉली हाउस के इन्हीं लाभदायक सूत्रों को ध्यान में रखकर युवा उद्यमी श्री हरीश तॅवर जी ने वर्ष 2014-15 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के अन्तर्गत आर्थिक सहायता प्राप्त कर ग्राम पहरापुर, पो0 केशरपुर, जनपद बरेली में 1.0 एकड़ क्षेत्र में पॉली हाउस बनाया तथा कृषि विज्ञान केन्द्र -भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर के परामर्श एवं तकनीकी सहयोग से पालीहाउस में सब्जी एवं फूल उत्पादन आरम्भ किया. आपके पास ग्राम पहरापुर में कुल 4.00 एकड़ भूमि है जिस पर खाद्यान्न फसलें जैसे गेहूॅ, धान, लाही, सरसों, पाॅपलर, आम, अमरूद की खेती करते है. वर्ष 2018 से पूर्व, आप पाली हाऊस में टमाटर, गेंदा, एगप्लांट, लेट्यूस, ब्रोकली की खेती कर चुके है जिससे आपको अत्यधिक लाभ मिला.
इस वर्ष 2018 में श्री हरीश तंवर जी ने, कृषि विज्ञान केन्द्र, बरेली की तकनीकी सलाह पर पाली हाऊस में इजरायल खीरे की अधिक उत्पादन देने वाली सीडलेस प्रजाति ल्.225 की खेती की है. श्री हरीश तॅवर , 90 दिन में एक एकड़ क्षेत्रफल से लगभग 500 कु0 से अधिक पैदावार ले रहे है. इस खीरे का बाजार भाव सामान्य खीरे से हमेशा दोगुना रहता है. वर्ष 2016 व 2017 में भी जनवरी से मई तक इसी प्रजाति के खीरे की फसल ली थी. विगत वर्ष में आपने जून से दिसम्बर तक गेंदा की फसल प्राप्त की. इस प्रकार पूरे वर्ष पालीहाउस से आप फसले लेते है. श्री हरीश तॅवर जी पॉली हाउस एद्यम में 4 व्यक्तियों को वर्षभर रोजगार देते है, जिनका मासिक वेतन 12,000 प्रति व्यक्ति है. इसके अतिरिक्त समय पर अन्य व्यक्तियों को भी अन्र्य कार्य हेतु जैसे जुताई करना, फसल बुवाई करना, फसल प्रबन्धन, फसल तोड़ना, पैंकिगं, मण्डी तक फसल पहुॅचाना आदि कार्यो में भी पहरापुर गांव के अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया कराते है. समय पर कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा आयोजित संगोष्ठियों , कार्यशाला आदि में सहभागिता दर्ज करते है. कृषि विज्ञान केन्द्र बरेली द्वारा संचालित व्हाटस् ग्रुप के आप सदस्य है जिसके माध्यम से आप वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त करते है तथा अपना ज्ञान साझा करते है. कृषि विज्ञान केन्द्र बरेली द्वारा श्री हरीश तॅवर जी को “अभिनव कृषक“ पुरूस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
पॉली हाउस में बीज रहित खीरे का उत्पादन
भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान के कृषि उद्यमिता पाठयक्रम के छात्रों का पालीहाउस में भ्रमण श्री हरीश तॅवर जी का पालीहाउस शून्य एनर्जी व शून्य प्रदूषण युक्त है. आपके पास 5.00 एच.पी. क्षमता के दो सोलर पैनल लगे हुये है जिससे प्राप्त उर्जा पाली हाउस व घर मंे बिजली, पानी के मोटर चलाने, ड्रिप सिंचाई आदि में प्रयोग करते है. फार्म का कूड़ा कचरा, फसल अवशेष को यथावत कम्पोस्ट गडड़े में डालकर कम्पोस्ट बनाते है तथा कम्पोस्ट से निकले पानी को खेती में सिंचाई करने में प्रयोग करते है. आप नियमित रूप से कृषि विज्ञान केन्द्र आकर फसलों की तकनीकी तथा विपणन प्रबंधन आदि की लगातार जानकारी प्राप्त करते रहते है.
हरीश तॅवर द्वारा वर्ष 2016-17 में पॉली हाउस से सब्जी उत्पादन तथा अर्जित आय का विवरण निम्न तालिका में दर्शाया गया है:
फसल का नाम उत्पादन अर्जित आय (रू. में)
बीज रहित खीरा 45मैट्रिक टन 3,59,000.00
गेंदा फूल / मेरीगोल्ड 1.5 मैट्रिक टन 1,50,000.00
टमाटर 30 मैट्रिक टन 2,50,000.00
वर्तमान में भी पालीहाउस में बीजरहित खीरा का उत्पादन किया जा रहा है. आप अपने इस व्यवसाय से बहुत खुश है तथा अन्य कृषकों एवं युवाओं के बीच लोकप्रिय एक युवा कृषक है. आपके फार्म पर नियमित रूप से प्रगतिशील कृषकों, अधिकारियों का भ्रमण होता रहता है.
बृजपाल सिंह, रंजीत सिंह, किशोर कुमार पोरदिहाए संतोष पठाडे. एवं प्रज्ञा जोशी
कृषि विज्ञान केन्द्र
भाकृअनुप- भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान
इज्जतनगर- 243 122