देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हर महीने अंतिम रविवार को मन की बात का कार्यक्रम रेडियो पर प्रसारित किया जाता है. इस बार पीएम मोदी ने तेज रफ्तार से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच टीकाकरण अभियान का जिक्र किया.
इसके साथ ही पीएम मोदी ने तेजी से आगे बढ़ रहे मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) का जिक्र किया. उन्होंने हरियाणा के यमुनानगर के गांव हाफिजपुर निवासी 53 वर्षीय मधुमक्खी पालक किसान सुभाष कांबोज की बहुत सराहना की. आइए आपको बताते हैं कि मधुमक्खी पालक किसान सुभाष कांबोज ने किस तरह इस क्षेत्र में सफलता पाई है.
आगे बढ़ने का मिला प्रोत्साहन (encouraged to move forward)
किसान सुभाष कांबोज का कहना है कि पीएम मोदी द्वारा प्रशंसा करने के बाद उन्हें जीवन में और आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिला है. उन्होंने स्नातक पास किया है, साथ ही डीपीएड का डिप्लोमा भी किया हुआ है. उन्होंने साल 1996 से पहले निजी विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य किया है. इसके बाद साल 1996 में खादी ग्राम उद्योग से मधुमक्खी पालन (Bee Keeping) का प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
ऐसे की मधुमक्खी पालन की शुरुआत (This is how beekeeping startedThis is how beekeeping started)
किसान ने बताया कि वह 10 एकड़ में खेती करते हैं. उन्होंने मधुमक्खी पालन के 6 बॉक्स से इसकी शुरुआत की. साल 2006 से लेकर अब तक उनके पास करीब 2000 मधुमक्खी के बॉक्स हैं. यह सभी बॉक्स भी पारंपरिक 6 बक्सों से ही विकसित किए हैं.
देशभर में करते हैं शहद की बिक्री (sell honey across the country)
इन बॉक्स को मौसम और फूलों की उपलब्धता के आधार पर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर आदि में स्थानांतरित किया जाता है. किसान ने बताया है कि देशभर में शहद की बिक्री की जाती है. उनका शहद तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल आदि में बिकता है. इसके अलावा दूसरी ओर सरसों के फूलों का शहद अमेरिका समेत कई अन्य देशों में भेजा जाता है. बता दें कि बाहर के देशों में सरसों के फूलों से मधुमक्खियों द्वारा तैयार किए गए शहद की मांग अधिक होती है.
लाखों का है टर्न ओवर है (There is a turnover of lakhs)
मधुमक्खी पालक सुभाष कांबोज का कारोबार में 35 से 40 लाख रुपए का टर्न ओवर है. इसमें सालाना करीब 15 लाख रुपए की आमदनी होती है. उन्होंने बताया कि अब तक वह हजार से ज्यादा लोगों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दे चुके हैं. बता दें कि वह शहद के अतिरिक्त 6 उत्पाद जैसे, मोम, कोम्ब हनी, बी प्रोपोलिश, बी पोलन, वीवनम व रायल जैली भी तैयार करते हैं. उन्होंने अपने खेतों में पारंपरिक फसलों के अलावा एक बाग भी लगा रखा है. जहां पर मधुमक्खियों के बॉक्स रखे जाते हैं.