एक समय था जब हमारे देश में महिलाएं घर की चारदीवारी तक ही सीमित रहती थीं. उनका जीवन एक घरेलू कामकाजी महिला के तौर पर ही बीतता था. लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरा वैसे-वैसे महिलाओं के जीवन में भी बदलाव होते गए. देखा जाए तो पुराने समय के मुकाबले आज के समय में सब बदल गया है, अब महिलाएं न सिर्फ घर में ही बल्कि बाहर की अर्थव्यवस्था में भी अपना योगदान दे रही हैं. महिलाएं न केवल पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, बल्कि उनसे आगे निकलकर बड़ी उपलब्धियां भी हासिल कर रही हैं.
आज हम आपको एक ऐसी ही एक महिला की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर अपनी जिंदगी को तो बदला ही और साथ अन्य महिलाओं के लिए भी एक प्ररेणा की स्त्रोत बनी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कहानी हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली गृहिणी सुनीता आहूजा के बारे में है, जिन्होंने साल 2017 में अपने घर से ही इडली और ढोकले का छोटा सा बिजनेस शुरू किया था, जो आज मदरहुड नाम से एक बड़े ब्रांड में तब्दील हो चुका है.
सुनीता आहूजा बताती हैं कि शुरू से ही वह बच्चों के खाने-पीने के स्टाइल को लेकर चिंतित रहती थीं. बाज़ार में मिलने वाले पिज़्ज़ा, बर्गर, सैंडविच आदि से उनके बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता था. इन्हीं सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए इन्होंने मदरहुड नाम के एक ब्रांड का अच्छा बिजनेस स्थापित किया.
सुनीता कहती हैं कि हम परिवार वालों के सहयोग के बिना अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के बारे में सोच भी नहीं सकते, लेकिन उन्हें ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा. इस यात्रा में उनके पति ने बहुत योगदान दिया. वह पेशे से फार्मासिस्ट हैं और वह हमेशा उनको जीवनशैली के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों के बारे में परिचित कराते रहते थे.
उनका ढोकले और इडली बनाने का सफर घर से शुरू हुआ और धीरे-धीरे कॉलेज कैंटीन तक पहुंच गया. सुनीता ने फास्ट फूड की जगह घर पर बने स्नैक्स की शुरुआत की, फिर कोल्ड ड्रिंक को हटाकर मिंट सिरप, नींबू सिरप और चुकंदर सिरप को ड्रिंक के तौर पर लोगों के सामने पेश किया. सुनीता का सफर यहां तक भी नहीं रुका और इसके बाद सुनीता ने पारंपरिक तरीके से जैम, जेली और अचार आदि सब का भी व्यवसाय शुरू कर दिया.
कोविड महामारी के दौरान लोग तेजी से आयुर्वेद की ओर रुख कर रहे थे, यही वह समय था जब सुनीता का काम लोकप्रिय हो गया. सुनीता आहूजा बताती हैं कि एक दिन उनके बेटे को सपना आया कि उसकी मां ने मदरहुड नाम से एक ब्रांड लॉन्च किया है, जिसको उन्होंने बाद में साकार कर के दिखा दिया.
इस मातृत्व के माध्यम से सुनीता को आध्यात्मिक संतुष्टि और एक नई पहचान भी मिली. इसके बाद उन्होंने हेल्दी फूड बेचकर न सिर्फ कमाई की, बल्कि महिलाओं को रोजगार भी दिया. वह जरूरतमंद और समान विचारधारा वाली महिलाओं को अपने साथ जोड़ने का काम भी कर रही हैं.
सुनीता का यह मातृत्व व्यवसाय ऑनलाइन माध्यम से देशभर के लोगों तक पहुंच रहा है. यह मदरहुड अब देश में लघु उद्योग के रूप में स्थापित हो गया है. 25 हजार रुपये से शुरू होने वाला यह व्यवसाय आज लाखों का टर्नओवर कर रहा है. वो कहते हैं ना अगर आप किसी भी काम को मन से करो तो सफलता आपके द्वार खुद ब खुद आ जाती है. ऐसा ही सुनिता ने आज दुनिया को कर के दिखाया है.