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Updated on: 12 April, 2024 4:29 PM IST
प्रगतिशील किसान अचल कुमार मिश्रा (लखीमपुर खीरी , उत्तर प्रदेश)

Success Story: देश के पढ़ें-लिखे लोग खेतीबाड़ी में अपना हाथ आजमा रहे हैं और कामयाबी हासिल कर रहे हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मड़ई पुरवा ब्लॉक के प्रगतिशील किसान अचल कुमार मिश्रा का नाम भी जुड़ गया है. लखीमपुर खीरी के हृदयस्थलों में, जहां कभी गहरे भूरे गन्ने का व्यापक दृश्य कृषि परिदृश्य पर हावी था, वहां अब एक जीवंत परिवर्तन का अनुभव देखने को मिल रहा है. स्थानीय किसानों के साथ-साथ वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (CSIR-NBRI) के सहयोगात्मक प्रयासों से ग्लेडियोलस और गेंदा के चमकीले रंग दिखाई देते हैं, जो खेतों को सुशोभित करते हैं.

किसानों द्वारा पारंपरिक रूप से इसे 'विदेशी फूल' के नाम से पहचाना जाता है, फूलों की खेती की शुरूआत से न केवल आर्थिक समृद्धि आई है, बल्कि क्षेत्र में कृषि पद्धतियों में विविधता लाने के लिए एक नया उत्साह भी पैदा हुआ है.

एक एकड़ में ग्लेडियोलस की खेती

प्रगतिशील किसान अचल कुमार मिश्रा, इस रंगीन क्रांति में अग्रणी बनकर उभरे हैं. CSIR-NBRI के फ्लोरीकल्चर मिशन के सहयोग से, मिश्रा को शरद श्रीवास्तव जैसे वैज्ञानिकों से विशेषज्ञ प्रशिक्षण के साथ ग्लेडियोलस के 60,000 कंद मुफ्त मिले हैं. इसके अलावा, उन्हें 40,000 गेंदे के पौधे भी दिए गए है, जिससे उन्हें एक एकड़ भूमि पर ग्लेडियोलस की खेती करने और अतिरिक्त दो एकड़ भूमि पर गन्ने के साथ गेंदे की अंतरफसल लगाने में मदद मिली है.

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नेपाल तक पहुंचा ग्लेडियोलस

आज, मिश्रा का फार्म एक दृश्यमान दृश्य बन गया है, जिसमें अनेक रंगों की ग्लेडिओलस नजर आती है. प्रति एकड़ में 80 से 90 हजार ग्लेडिओलस का उत्पादन करके, मिश्रा ने केवल महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ प्राप्त किया है बल्कि अपना बाजार भारत से बाहर बनाने में भी सफल रहे हैं. अजय कुमार मिश्रा ने अपने इस फुल को पड़ोसी देश नेपाल तक पहुंचाया है जहां इसकी अधिक मांग के कारण ज्यादा कीमत मिल जाती है.

400 लोगों का रोजगार

अचल मिश्रा एक एफपीओ, जगदेवपुर यू एस फार्मर ऑर्गनाइजेशन प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के भी मालिक हैं, जो महिलाओं सहित लगभग 400 व्यक्तियों को रोजगार देता है. जिससे गांव में रोजगार के अवसर सामने आए है.

फूलों की अत्यधिक मांग

आपको बता दें, इस पुष्प क्रांति का प्रभाव आर्थिक लाभ से कहीं ज्यादा है. इन किसानों द्वारा उगाए गए फूलों की अत्यधिक मांग है, जो आस-पास के क्षेत्रों में प्राचीन मंदिरों की शोभा बढ़ाते हैं और होली समारोह का अभिन्न अंग बन जाते हैं, जिससे इस क्षेत्र में फूलों की खेती का सांस्कृतिक महत्व और भी बढ़ गया है.

English Summary: success story of lakhimpur farmer grows videshi phool got economic success
Published on: 12 April 2024, 04:37 PM IST

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