वर्षा ऋतु में मवेशियों की वैज्ञानिक देखभाल एवं प्रबंधन आगरा में स्थापित होगा अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र, मोदी कैबिनेट ने 111.5 करोड़ की परियोजना को दी मंजूरी यूपी में डेयरी विकास को बढ़ावा, NDDB को मिली तीन संयंत्रों की जिम्मेदारी किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 16 February, 2019 4:59 PM IST

आज हम झारखंड के एक ऐसे किसान की कहानी लेकर आए हैं जो एक मामूली से मजदूर से लखपति बन गया. सीख देने वाली बहुत कहानियां आपने पढ़ी होंगी लेकिन इस किसान की कहानी काफी प्रेरणा दायक है. उसे पहले पचास रुपए दिहाड़ी मिलती थी और आज वे सालाना पचास लाख रुपए कमा रहे हैं. बंजर भूमि पर खेती की शुरुआत करने वाले गंसू महतो ने केवल दो साल के दौरान खेती में मिसाल पेश की है. आज उनका परिवार भी उनकी खेती में पूरा सहयोग दे रहा है.

पहले महतो अपने परिवार को दो समय का खाना भी नहीं दे पाते थे और साइकिल चलाकर मजदूरी करने के लिए काम ढूंढ़ते थे लेकिन उनकी दिलचस्पी खेती में थी इसलिए उन्होंने अपने शोक को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ में किसानी के कुछ गुर सीखे और इसके बाद उन्होंने दो साल के अंदर ही सब्जी एवं फूलों की खेती करना शुरू कर दिया जिसमें उनको बहुत मुनाफा हुआ. उन्होंने खेती में ही अपना पूरा जीवन व्यतीत करने का सोच लिया. इस खेती में उन्होंने लाखों रुपये कमाए और साथ ही उनके पास अपना आलीशान घर है और 10 एकड़ से भी ज्यादा उनके पास ज़मीन है.

महतो जरबेरा फूल की खेती करते हैं और शहर के लोग उनसे यह फूल खरीदते है. जिससे वह सालाना 35-40 लाख तक कमाई कर लेते है. इसके साथ वह सब्ज़ी की भी खेती करते है और उससे 15 -20 लाख तक सालाना कमाई करते है.

पूरे गांव में महतो एक चर्चित चेहरा बन गए है. लोग दूर- दूर से उनसे परिक्षण लेने आते है. वह स्प्रिंकलर विधि द्वारा सिंचाई करते है. जिसपर सरकार 90 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान करती है. वह  खेती में कोई भी रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं करते और वह सारी खेती जैविक तौर से करते है.

English Summary: SUCCESS STORY OF HORTICULTURE FARMER
Published on: 16 February 2019, 05:04 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now