Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 April, 2024 4:56 PM IST
फूलों की खेती से करोड़ों का कारोबार कर रहे हैं श्रीकांत बोलापल्ली

Success Story: भारत के पढ़ें-लिखे लोग नौकरी को छोड़कर खेतीबाड़ी में अपना हाथ आजमा रहे हैं और कामयाबी भी हासिल कर रहे हैं. इसी क्रम में फूलों की खेती करके श्रीकांत बोलापल्ली ने छोटी शुरुआत करके आज सालाना करोड़ों रुपये कमा रहे हैं. उन्होंने फूलों की खेती करने से पहले आधुनिक कृषि तकनीकों के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल की और इसे फॉलो करके खेती में लागू किया. आज के दौर में फूलों की खेती और इसके बिजनेस में इनका जाना-माना नाम हैं. आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में किसान बोलापल्ली श्रीकांत के बारे में जानते हैं.

अपनी युवावस्था में आज से लगभग 22 साल पहले, तेलंगाना के एक छोटे से शहर से ताल्लुक रखने वाले श्रीकांत बोलापल्ली का सपना था कि वह अपनी जमीन पर खेती करें. लेकिन गरीबी के चलते और घर-परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह जमीन खरीद पाए. इसके बाद हालात बिगड़ने पर श्रीकांत ने अपने शहर ‘निजामाबाद’ को छोड़ दिया और 1995 में बेंगलुरु करियर बनाने आ गये. उस दौरान डोड्डाबल्लापुरा क्षेत्र में श्रीकांत को फूलों की खेती से जुड़ी एक कंपनी में बतौर पर्यवेक्षक के रूप में काम मिला. इस समय श्रीकांत की सैलरी 1000 रुपये महीना हुआ करती थी.

ये भी पढ़ें: 5 से 7 हजार रुपये लीटर बिकता है गधी का दूध, इस बिजनेस से किसान बना करोड़पति

बैंगलुरु में शुरू किया फूलों का बिजनेस

2 सालों तक श्रीकांत ने इसी कंपनी में काम किया और फूलों की खेती करने के लिए वैज्ञानिक खेती के बारे में जानकारी हासिल की है. उन्होंने यहां नौकरी करके 24000 हजार रुपये इकट्ठा किया और बैंगलुरु में ही फूलों का छोटा बिजनेस शुरू किया. श्रीकांत ने विभिन्न कंपनियों और किसानों से संपर्क करके फूलों का व्यापार करना शुरू कर दिया. शुरूआत में वह अकेले ही फूलों को एकत्र किया करते थें और इनकी पैकिंग करके पार्सल किया करते थें. धीरे-धीरे मांग में बढ़ोतरी हुई और उन्होंने दो कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ लिया.

इस साल 12 करोड़ कमाने का अनुमान

काफी लंबे समय तक फूलों का बिजनेस करने के बाद 2012 में श्रीकांत ने डोड्डाबल्लापुरा में ही 10 एकड़ जमीन खरीदी. इस जमीन पर वह आधुनिक तकनीकों के साथ फूलों की खेती करना शुरू की है. श्रीकांत आज 30 एकड़ जमीन पर फूलों की खेती कर रहे हैं. फूलों की खेती करके उन्होंने पिछले सालों में 9 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. उन्होंने इस साल 12 करोड़ रुपये का लाभ कमाने का अनुमान लगाया है. 20 सालों में श्रीकांत ने अपने साथ काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 40 हो चुकी है.

आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया

पिछले चार सालों में उन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया और अपने खेतों में इन तकनीकों का इस्तेमाल करने लगें. श्रीकांत ने अपने फार्म में फूलों की खेती के लिए ग्रीन हाउस तैयार किया है. इस ग्रीन हाउस में उन्होंने उच्च कृषि तकनीकों को अपनाया और फूलों को अनुकूल वातावरण दिया. इस ग्रीन हाउस में श्रीकांत ने सिंचाई, उवर्रक का प्रयोग, घुलनशील उवर्रक, मिट्टी, कीटनाशक उपयोग और फूलों के विकास के नियामों का ख्याल रखा है. उन्होंने इस ग्रीन हाउस में फूलों के लिए सूर्य की रोशनी की भी व्यवस्था की हुई है. इसके अलावा, उन्होंने कीट जाल भी बना रखे हैं, ताकि कीटनाशक का कम से कम उपयोग हो सके. श्रीकांत ने आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए हवा की भी व्यवस्था की हुई है, जिससे फूलों को उपयुक्त नमी मिल सके.

English Summary: success story of Bengaluru farmer Srikanth bollapally flower farming with modern techniques
Published on: 26 April 2024, 04:59 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now