आजकल केवल पुरूष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी खेती के क्षेत्र में काफी तरक्की कर रही है. ऐसा ही एक गांव है राजस्थान के झूंझून में सीकर जिले की सीमा पर जहां पर एक बेरी नामक गांव है. वैसे तो यह गांव अन्य गांवों की तरह ही है लेकिन जब हम अंदर प्रवेश करके गांव में जाते है तो रास्ते में शेखावटी कृषि फार्म और उद्यान नर्सरी रिसर्च सेंटर का बोर्ड नजर आता है. यह पर एक महिला की मेहतन, लगन और जनून देखने लायक है. इसने गांव को देशभर में सिंदूरी अनार वाले गांव के रूप में अलग ही पहचान दिलवाई है.
गांव में होती है अनार की खेती
बेरी गांव में संतोष देवी खेदड़ सवा एकड़ जमीन पर सिंदूरी अनार की खेती करती है. प्रतिकूल भौगोलिक मौसम, सीमित पानी के बाद भी संतोष ने अनार की खेती में कमाल कर डाला है. सीकर जिले के प्रगतिशील किसानों में शामिल संतोष देवी की कामयाबी का अंदाजा इसी बात से लागया जा सकता है कि अनार की खेती से ये पूरे साल 25 लाख रूपए तक कमा लेती है. इसमें अनार के फल से पौधे से बेचने से होने वाली आय शामिल हुई है.
विरासत में खेती
संतोष देवी झुझुंन जिले के गांव कोलसिया में दिल्ली पुलिस के जवान रतिराम के यहां वह पैदा हुई थी. पिता की पोस्टिंग होने के कारण संतोष की पांचवी तक की पढ़ाई दिल्ली में हुई. संतोष को बचपन से खेती करने का शौक था और महज 15 साल की उम्र में वह शादी करने से पहले ही खेती के गुर सीख गई थी.
संतोष और उनकी छोटी बहन की एक ही घर में शादी हुई है, शादी होने के बाद कुछ साल तक सब ठीक चला लेकिन वह आर्थिक तंगी से परेशान रहने लगी. उनके पति रामकरण महल तीन हजार रूपये में होम गार्ड की नौकरी किया करते थे. पूरे परिवार में खेती बाड़ी का भी साधन था लेकिन खेती मे ज्यादा रसायन का उपयोग होने से धिक आमदनी नहीं हो पाती थी. उन्होंने सबसे पहले खेती करने की ठान ली और सके लिए उन्हंने अपनी भैंस को भी बेच दिया. उसके बाद उन्होंने भैस को बेचकर नलकूप लगवाया, बिजली न होने के चलते उन्होंने उसे जनरेटर से चलाया.
220 पौधों के साथ शुरू की खेती
संतोष देवी कहती है कि अनार की जैविक खेती की शुरूआत सिंदूरी अनार के कुल 220 पौधे से शुरू हुई है. उन्होंने इसके लिए ड्रिप सिंचाई को अपनाया है. 2008 में लगाए गए पौधों ने काफी ज्यादा अनार देना शुरू किया गया है. उनको पहली ही साल अनार की खेती से कुल 3 लाख रूपए का मुनाफा हुआ है. उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वह कृषि वैज्ञानिक की उपाधि से नवाजी जा चुकी है. संतोष के फार्म पर रोज 15 से 20 किसान खेती का गुर सीखने आते है. इससे किसानों को भी फायदा हो रहा है.
संतोष की खुद की वेबसाइट
संतोष देवी एक ऐसी महिला किसान है जो कि सभी किसानों के लिए एक मिसाल पेश कर रही है. वह खेती में पांरंपरिक तरीकों के साथ-साथ कई तरह की हाईटेक तकनीकों को अपना रही है या उस पर कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. शेखावटी कृषि फार्म के नाम बेवसाइट भी बनवा रखी है जिसमें उन्होंने अनार से जुड़ी हर तरह की जानकारी को शेयर करके रखा है. उन्होंने अपनी बेटी की शादी में भेंट के तौर पर कन्यादान में 500 रूपये और बारातियों को अनार के पौधे दिए थे.