मौजूदा वक्त में बहुत सारे ऐसे किसान है जो आधुनिक तरीके से खेती करके कृषि क्षेत्र में नजीर पेश कर रहें है. उन्हीं सफल किसानों में से एक सफल किसान राकेश दुबे भी है. जोकि यूपी के मऊनाथ भंजन जिला के खंडेरायपुर, विकासखंड के रहने वाले है. राकेश दुबे विगत कई वर्षों से मशरूम की लाभकारी खेती कर अच्छी आमदनी अर्जित कर रहें है. ऐसे में आइये जानते है उनसे मशरूम की सफल खेती का राज़-
आप अपने बारें में हमें बताइये?
मेरा नाम राकेश दुबे है. मैंने स्नातक के अलावा डी.एल.एड.किया भी है. और मैं अभी भी कंपटीशन की तैयारी करता हूँ. इसके अलावा मैं मशरूम और वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन करता हूँ. मुझें मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में अपने जिले में कार्य करने के लिए चौधरी चरण सिंह के जयंती पर मऊ किसान मेले में जिलाधिकारी के द्वारा प्रमाण भी मिला है. इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रशस्ति पत्र भी मिला है.
मशरूम उत्पादन का विचार आपके मन में कैसे आया?
मेरे जिले में मशरूम उत्पादन का काम बिलकुल भी नहीं होता है. हमारे यहाँ के स्थानीय बाजार में लोग बाहर से मशरूम मंगवाते थे और हर जगह की तरह ही हमारे गाँव के किसान भी खेतों में ही धान के पुवाल और भूसे को जला देते थे.
जिससे नुकसान के सिवाय और कुछ हासिल नहीं होता था. यदि किसान पुवाल और भूसे का इस्तेमाल मशरूम उत्पादन और वर्मी कम्पोस्ट बनाने में करते तो वे अपनी आमदनी बढ़ा सकते है. इसी के मद्देनजर मशरूम उत्पादन का विचार मेरे मन में आया.
आप मशरूम उत्पादन का कब से कर रहें है?
मैंने पढ़ाई के साथ-साथ साइड वर्क के तौर पर मशरूम उत्पादन और केंचुआ खाद बनाने का काम 4 साल पहले स्माल लेवल पर शुरू किया था. जिससे मैं इसे अपने आस-पास के क्षेत्रों में बेचकर अच्छी आमदनी कर सकूँ. मौजूदा वक्त में खाद को अपने खेतों में इस्तेमाल करके जैविक विधि से धान, गेहूं, सब्जी उगा रहा हूँ जिससे मुझें अब रसायनिक मुक्त फसल अधिक पैदावार के साथ प्राप्त हो रही है.
आप मशरूम का उत्पादन करने के अलावा और क्या करते है?
मैं साल में बटन मशरूम, आयस्टर मशरूम और मिल्की मशरूम उगाता हूँ. इसके अलावा अभी तक मैंने 1200 लोगों को मशरूम उत्पादन और केचुआ खाद का निशुल्क प्रशिक्षण भी दिया है. मैं स्वयं अपने खर्चे पर अपने जिले के गाँवों में जाकर 20-30 लोगों को इकठ्ठा करके प्रशिक्षण देता हूँ. ताकि हर गाँव में लोग इसे अपनाकर अपना आमदनी का स्त्रोत बढ़ाएं तथा धान, पुआल का सदुपयोग कर मशरूम व केंचुआ खाद का उत्पादन करें और अपने खेतों में जैविक खाद का इस्तेमाल करके खेत को रसयान मुक्त करने के अलावा जमीन की उर्वरता क्षमता भी बढ़ाएं.
मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण आपने कहाँ से लिया?
मैंने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि वि.वि, बिहार, उद्यान विभाग- मऊ और कृषि विज्ञान केंद्र- मऊ से मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
किसानों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
मैं किसानों भाइयों से यहीं कहना चाहूँगा कि कृषि क्षेत्र में काफी नवाचार हो गया है. ऐसे में किसान भाई कृषि के आधुनिक तरीका को अपनाकर सफल खेती करें.
साक्षात्कारता– विवेक कुमार राय, कृषि जागरण
मो.न.- 9891443388