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Updated on: 16 March, 2020 5:22 PM IST

जैविक खेती और नवाचार के लिए राजस्थान के सांभर उपखण्ड के ग्राम पंचायत कालख के रहने वाले घाटलोई के गंगाराम सेपट को राजस्थान सरकार ने दूसरे किसानों को प्रेरित करने हेतु एक लाख व प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित करने का निश्चय किया है.

कृषि जागरण से बात करते हुए गंगाराम ने बताया, "सर्वप्रथम मुझे स्ट्रॉबेरी की खेती करने की प्रेरणा मेरे मित्र रविंद्र स्वामी स्वामी कृषि फार्म गोलाना झालावाड़ से मिली. वह कुछ क्षेत्रफल में स्ट्रॉबेरी की खेती करता है. उसी ने मुझे कहा कि आपके यहां तो जयपुर जैसा मेट्रो शहर है जहां पर स्ट्रॉबेरी की अच्छी खपत होती है इसलिए आप स्ट्रॉबेरी की खेती का ट्रायल कर सकते हैं. इसी बात को मानते हुए मैंने स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी इंटरनेट के जरिए ली तथा स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगाने का निश्चय किया."      

उन्होंने बताया कि पुणे महाराष्ट्र से उत्तक संवर्धन तकनीकी द्वारा तैयार पौधे मंगवाए जो पास 2 अक्टूबर को आए और 3 अक्टूबर को मेरे खेत में 5000 पौधे स्ट्रॉबेरी के लगभग 1 बीघा जमीन में लगाए. 5000 पौधों में से 450 पौधे तेज 23 तापमान की वजह से मर गए. तेज धूप से बचाने के लिए मैंने लो टनल का उपयोग किया तथा पूरे खेत में तापमान कम करने के लिए फव्वारे चलाए. तेज धूप के साथ रोगों व कीटों के नियंत्रण के लिए बायो रोग नाशी व बायो कीटनाशक पदार्थ का उपयोग किया. धीरे-धीरे पौधे बढ़ने लगे तथा 5 नवंबर को कुछ स्ट्रॉबेरी के फल लगे. इसके बाद 8 नवंबर तक फल पककर तैयार हो गए. अब तैयार फसल को बाजार में बेचने के लिए उन्होंने दिल्ली से पैकिंग सामग्री मंगवाई. 10 नवंबर से उन्होंने स्ट्रॉबेरी बेचना प्रारंभ कर दिया. लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि यह स्ट्रॉबेरी जयपुर में ही कहीं पर हुई है.

इसी दौरान कृषि मंत्री एक कार्यक्रम में पड़ोस के गांव में आए हुए थे जहां गंगाराम ने मंत्री से फार्म विज़िट का निवेदन किया 14 नवंबर को उनकी विजिट हुई. इसके बाद ही लोगों को विश्वास होने लगा कि स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कालख जैसे छोटे गांव में ही हुआ है.

स्ट्रॉबेरी की सही आकृति व आकार नहीं बन पाने के कारण गंगाराम को सही मूल्य नहीं मिल रहा था इसलिए उन्होंने मधुमक्खी पालन चालू किया. मधुमक्खी पालन चालू करने से पहले 26 जनवरी को एसकेएन एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय के कुलपति जेएस संधू ने भी उनके फॉर्म का अवलोकन किया. नवंबर 17 को किसान सम्मेलन में किसान को स्ट्रॉबेरी की खेती की प्रदर्शनी लगाने का मौका मिला तथा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से स्ट्रॉबेरी की खेती की जानकारी देने का अवसर भी मिला. वे अब तक लगभग 800 किलो स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कर चुके हैं. इसके साथ ही अभी एक माह और उत्पादन होने की संभावना है जिसका लगभग मूल्य 160000 रुपये का उत्पादन मिल चुका है जिससे शुद्ध लाभ 80000 रुपये किसान को मिल चुका है. स्ट्रॉबेरी की खेती के साथ-साथ वे ब्रोकली, लेट्यूस, खीरा, मिर्ची, स्वीट कॉर्न, टिंडे की खेती भी कर रहे हैं.

English Summary: rajasthan government will reward gangaram for organic farming
Published on: 16 March 2020, 05:23 PM IST

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