जबरदस्त है गहरी जुताई के फायदे, कम लागत के साथ बढ़ता है उत्पादन! 10 वर्ष पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़' के नवीनतम संस्करण का कृषि जागरण के केजे चौपाल में हुआ विमोचन Vegetables & Fruits Business: घर से शुरू करें ऑनलाइन सब्जी और फल बेचना का बिजनेस, होगी हर महीने बंपर कमाई Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 29 April, 2023 10:31 AM IST
सविता रानी

सफल किसान: सविता रानी पंजाब के संगरूर जिले के बखतरा गाँव की एक उद्यमी किसान महिला हैंजिन्होंने घर के कामों के साथ-साथ मशरूम की खेती शुरु की और आज वह अपने लोगों के लिए एक मिसाल कायम कर दी हैं. वह अपने पति के साथ एकड़ जमीन पर गेहूं और सब्जी की खेती कर अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर रही थीं. कम जमीन और सिंचाई के लिए पानी की कम सुविधा के कारणउनका परिवार कृषि आय पर मुश्किल से गुजर-बसर कर रहा था. लेकिन उनकी इच्छा कृषि से अपनी आय बढ़ाने की थीइसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपने परिवार की मदद से मशरूम की खेती करने का फैसला लिया.

सविता का पैतृक परिवार हरियाणा से ताल्लुक रखता थाजहां के किसान मशरूम की खेती करते थे. उन्होंने घर बैठे ही इंटरनेट से मशरूम की खेती के तरीकों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी. इस तरह की पृथक खेती शुरू करने से पहले उन्होंने तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त करना आवश्यक समझा. इसी उद्देश्य से 2018 में वह कृषि विज्ञान केंद्रसंगरूर के संपर्क में आईं. कृषि विज्ञान केंद्र के तकनीकी विशेषज्ञों ने उन्हें वैज्ञानिक तरीके से बटन मशरूम उगाने की सलाह दी.

ये भी पढ़ें: पारंपरिक खेती छोड़ शुरू की शिमला मिर्च की खेती, हो रही लाखों की कमाई

इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान उन्होंने मशरूम की खेतीकम्पोस्ट तैयार करने और पैकेजिंग की बारीकियों को अच्छी तरह से समझा. उसी साल ट्रेनिंग लेने के बाद उन्होंने अपने घर के दो खाली कमरों में मशरूम उगाने का काम किया. इन कमरों में थोड़ी सी जगह से ज्यादा कमाई के लिए मशरूम उगाने के लिए शेल्फ सिस्टम बनाया. जब उन्होंने अपने गांव में मशरूम उगाना शुरू किया. 

मशरूम

सविता के मशरूम उगाने के काम में उनके पति सुखविंदर सिंह और बेटे ने भरपूर सहयोग दिया. उसी साल उन्होंने 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 16 क्विंटल छोटी खाद खरीदी और खेती शुरू की. मशरूम की खेती के दौरान आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए वह समय-समय पर कृषि विज्ञान केंद्रसंगरूर के साथ समन्वय करती रहीं. उस सीजन में उन्हें लगभग 5-10 क्विंटल मशरूम की उपज प्राप्त हुईजिसे उन्होंने 90 रुपये प्रति किलोग्राम की औसत दर से बेचा और शुद्ध आय के रूप में 20,000 रुपये की कमाई की. इस मशरूम की सफल खेती से सविता ग्रामीणों के लिए एक रोल मॉडल बन गई.

पहले साल में ही काम में सफल होने पर उन्होंने अगले साल मशरूम की खेती के लिए बांस और पुआल की मदद से कच्चा शेड तैयार किया और साथ ही खाद खरीदने के खर्च से बचने के लिए खुद खाद तैयार करने का भी मन बनाया. इसके लिए उन्होंने अपने परिवार के सहयोग से करीब 20 क्विंटल पराली से करीब 37 क्विंटल खाद तैयार की. खेती के अलावासविता रानी के पास दो गायें भी हैंजिनसे वह रोजाना लीटर दूध बेचकर लगभग 7000 रुपये प्रति माह कमा रही हैं.

English Summary: Punjab’s Savita rani has started cultivatuion of Mashroom
Published on: 29 April 2023, 10:35 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now