Successful Farmer: जलवायु परिवर्तन किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. देश में कभी ज्यादा गर्मी तो कभी बेमौसम बरसात के कारण किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में हमारे देश के किसानों को ऐसी खेती के मॉडल की जरूरत है, जिसे इस बदलते पर्यावरण के अनुसार अपनाया जा सके.
आज हम आपको पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक ऐसे ही किसान से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने खेती के इस नए मॉडल को अपना कर फसलों की खेती बदलते समय के अनुसार की हैं. किसान कुलजिंदर सिंह का यह खेती मॉडल किसानों को कर्ज मुक्त, पर्यावरण अनुकूल और लाभदायक खेती प्रदान करता है.
कृषि विभाग से भी लिया है प्रशिक्षण
कुलजिंदर सिंह अपने 5 एकड़ के खेत में आम किसानों की तरह गेहूं और धान की बुआई करते थे, लेकिन फसल चक्र के कारण उन्हें ज्यादा बचत नहीं हो पाती थी, जिसके बाद उन्होंने इस नए तरीके को अपनाना शुरु किया. कुलजिंदर सिंह ने जिले के कृषि विभाग से संपर्क किया और कृषि विशेषज्ञों की सलाह और प्रोत्साहन के बाद अपने रकबे को गेहूं-धान के फसल चक्र से निकालकर सब्जियां, कामद, बागवानी और हल्दी की खेती शुरु की. इसके लिए वह नियमित रूप से कृषि विभाग से प्रशिक्षण भी लेते रहते थे.
खेता का नया मॉडल रहा सफल
किसान कुलजिंदर सिंह की मेहनत रंग लाई और उनका खेती का नया मॉडल सफल रहा. उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर इस खेती में सफलता हासिल की. वर्तमान में वह कमद, बासमती चावल, किन्नू और नींबू की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा वह सब्जियों की बागवानी, मधुमक्खी पालन और पशुपालन भी कर रहे हैं.
ये भी पढें: आर्टिफिशियल तालाब बनाने की विधि, जानें कितना और कैसे मिलेगा मुनाफा
किसान कुलजिंदर सिंह ने अपने उत्पादों की बिक्री के लिए ''किसान हट'' नाम से अपना विक्रय केंद्र भी स्थापित किया है, जहां वह अपने उत्पादित फसल को बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. लोग भी इनके फसल की खरीदारी करते है क्योंकि उनके उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले और ताज़ा होते हैं. कुलजिंदर सिंह का कहना है कि जब से वह गेहूं और धान की खेती चक्र से बाहर निकल इस खेती मॉडल को अपनाया है, तब से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है.