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Updated on: 25 November, 2022 1:48 PM IST
Success Story: सरकारी नौकरी छोड़ गाय के गोबर को अपनाया, अब हो रही लाखों की कमाई

गोबर का इस्तेमाल गांवों में घर की लिपाई व खाद के रूप में किया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि गाय के गोबर से कुछ ऐसे उत्पाद भी बन सकते हैं, जो घर की सजावट में उपयोग में लाए जा सकते हैं. आज हम इस लेख के माध्यम से एक ऐसे व्यक्ति की कहानी साझा करने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सरकारी नौकरी को छोड़ कर गाय के गोबर से कई ऐसी वस्तुएं बनाना शुरू कीं जिसे घर की सजावट के साथ अन्य कामों में भी इस्तेमाल किया जा सकता हैं.

गाय के गोबर से निर्मित भगवान गणेश जी की मूर्ती

गाय के गोबर से घर की सजावट समेत अन्य सामाग्री बनाने वाले नीरज चौधरी ने कृषि जागरण से खास बातचीत में बताया कि, वह गौ सेवा में इतने लीन हैं कि उन्होंने अपनी सरकारी अध्यापक की नौकरी छोड़ गौ माता की सेवा के कार्य को अपनाया. वह बताते हैं कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है, तब गाय को यूं ही बेसहारा छोड़ दिया जाता है. जिसे या तो जंगली जानवर मार देते हैं या फिर किसी सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाती है. लेकिन उनकी इस पहल से अब किसान व लोग गाय को केवल गोबर के लिए भी पाल रहे हैं. बता दें कि नीरज चौधरी उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले हैं. वह बताते हैं कि उनकी कोई गाय या कोई भी मवेशी नहीं हैं. वह किसानों व पशुपालकों से 2 हजार रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदते हैं.

नीरज बताते हैं कि, किसान गोबर को केवल खाद के रूप में देखते हैं लेकिन उन्होंने सोचा कि अपशिष्ट पदार्थ (Waste Material) गोबर को रूपांतरित करके उनकी कीमत बढ़ाई जा सकती है.

नीरज ने कहा कि “जब मैं पंचगव्य चिकित्सा कर रहा था, तब उसी दौरान मेरे मन में  विचार आया कि गोबर से कुछ ऐसे उत्पाद बनाए जाएं, जो प्रकृति के साथ आम जन के लिए भी लाभदायक हो”.

गाय के गोबर के Agri Startup Conclave 2022 का लोगो निर्मित किया
केदारनाथ मंदिर के 3D मॉडल के लिए नीरज चौधरी का नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज

गोबर से बनाते हैं सजावट का सामान

नीरज चौधरी ने सबसे पहले गोबर से साबुन बनाने का कार्य शुरू किया. उनके इस व्यवसाय की यूएसपी (USP) बनी गाय के गोबर से बने घर की सजावट के सामान. उनके द्वारा गोबर से निर्मित उत्पाद प्रकृति के अनुकूल हैं तथा किसी भी प्रकार से कार्बनडाई ऑक्साइड (CO2) उत्पन्न नहीं करते हैं.

गाय के गोबर से बनाई यह वस्तुएं

नीरज चौधरी बताते हैं कि वह गाय के गोबर का उपयोग कर रोजाना उपयोग में आने वाली वस्तुएं, गोबर के टाइल्स (Tiles), चप्पल, दीया, बच्चों के लिए खिलौने, फोटो फ्रेम, पायदान, राखियां आदि बना रहे हैं. वह बताते हैं कि लोग रोजाना रबड़ व चप्पल पर पैर रखने से नकारात्मक ऊर्जा अपने अंदर अवशोषित कर रहे हैं, लेकिन गोबर व मिट्टी के मिश्रण से बनी उनकी यह सामाग्री लोगों के बीच  सकारात्मका को बढ़ा रही है.

जब उनसे पूछा गया कि गाय के गोबर के उत्पादों में क्या गोबर की गंध / महक होती है?  उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से निर्मित वस्तुओं में किसी भी प्रकार की महक नहीं आती है, क्योंकि वह गाय के ताजा गोबर को जब खरीद कर लाते हैं तो उसे सुखाने के लिए धूप में रख देते हैं. जिसके बाद गोबर से सारे बैक्टीरिया भाग जाते हैं और महक भी नहीं आती. खास बात यह कि वह गंध को भगाने के लिए किसी भी प्रकार के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

लोगों को देते हैं ट्रेनिंग

नीरज बताते हैं कि वह इस पहल के माध्यम से कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं. साथ ही यदि कोई व्यक्ति उनके साथ जुड़ना चाहता है तो वह पहले उसे 3 दिनों की ट्रेनिंग देते हैं.

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केदारनाथ मंदिर के 3D मॉडल के लिए नीरज चौधरी का नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज

केदारनाथ मंदिर के 3D मॉडल के लिए इनाम

नीरज चौधरी ने गाय के गोबर से केदारनाथ धाम का एक 3D मॉडल तैयार किया है, जो दिखने में हुबहू असली केदारनाथ धाम की तरह दिखता है. इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ से नवाजा जा चुका है.

सालाना कमाई 25 लाख

नीरज बताते हैं कि उनकी सालाना कमाई 20 से 25 लाख तक हो जाती है.

English Summary: Neeraj Chaudhary left the government job and adopted cow dung, now earning millions
Published on: 25 November 2022, 02:00 PM IST

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