Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 30 January, 2021 4:47 PM IST
Farmer Mukesh Jassu

हरियाणा के फतेहाबाद जिले के ढांड गांव के युवा किसान मुकेश जस्सु अंजीर की सफल बागवानी से अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं. उन्होंने करीब ढाई एकड़ में अंजीर लगा रखा है. वहीं वे एक कृषक उत्पादक संगठन (FPO) भी संचालित कर रहे हैं. जिसके अंतर्गत 50 एकड़ से अधिक जमीन में अंजीर की बागवानी की जा रही है. बता दें कि बी.ए. के पढ़ाई करने वाले मुकेश खेती से पहले एक प्राइवेट कंपनी में फील्ड ऑफिसर की नौकरी किया करते थे लेकिन पिता की मौत के बाद उन पर घर की जिम्मेदारी आ गई. नतीजतन उन्होंने प्राइवेट नौकरी छोड़ खेती शुरू कर दी. तो आइये जानते  हैं मुकेश से अंजीर की सफल बागवानी के बारे में…. 

कब लगाना चाहिए अंजीर के पौधे

मुकेश ने बताया कि अक्टूबर से नवंबर माह में अंजीर के पौधे लगाए जाते हैं. जिससे जून-जुलाई महीने में फल आने लगते हैं. इससे कमर्शियल फल 18 महीने बाद आते हैं. इसके चलते अंजीर के बाग़ में वे पपीता के पौधे लगा देते हैं. जिससे लगातार आमदानी होती रहती है. जैविक खेती करने पर अंजीर के पौधे से लगातार 50 साल तक फल लिए जा सकते हैं. अंजीर के पौधे 10X10 या 12X12 फीट की दूरी पर लगाए जाते हैं. एक एकड़ में करीब 400 से 410 पौधे लगते हैं.

 

कैसे लगाते हैं अंजीर के पौधे

उन्होंने बताया कि अंजीर के पौधे टिश्यू कल्चर से तैयार करवाए जाते हैं. एक पौधे की कॉस्ट 350 रुपये तक पड़ती है. यह पौधा 90 से 120 दिनों का होता है. जिसे 2X2 के गड्ढे में लगाया जाता है. गड्ढों को खोदने के बाद एक-दो सप्ताह के लिए खुला छोड़ दिया जाता है. जिससे पौधे में मिट्टी जनित रोग लगने की कम संभावना रहती है. इसके बाद पौधे की रोपाई की जाती है. इसके लिए प्रति पौधे में डेढ़ से दो किलो वर्मी कम्पोस्ट, गोबर खाद और जीवामृत समेत अन्य जैविक खाद मिश्रण बनाकर डाली जाती है.

प्रति एकड़ से दो से ढाई लाख की कमाई 

मुकेश ने बताया कि वह एफपीओ के तहत काम करते हैं. उनके संगठन में 50 से अधिक किसान है जिन्होंने 50 एकड़ जमीन में अंजीर के पौधे लगा रखे हैं. वहीं उन्होंने खुद ने भी ढाई एकड़ में अंजीर के पौधे लगा रखे हैं. अंजीर की खेती से कमाई के बारे में वे बताते हैं कि अंजीर बाजार में 70 से 120 रुपये किलो बिकता है. वहीं एक अंजीर के पौधे से परिपक्व अवस्था में 8 से 10 किलो अंजीर का उत्पादन हो जाता है. शुरुआत में एक एकड़ में अंजीर के पौधे लगाने में एक से डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है. बाद में इसके रखरखाव में ज्यादा खर्च नहीं आता है. अंजीर की खेती से एक एकड़ से 2 से 2.5 लाख रुपये की इनकम हो जाती है.

अन्य फलों की बागवानी

उन्होंने बताया कि जो किसान बागवानी करना चाहते हैं वे अंजीर के अलावा अमरुद, संतरा, पपीता, नींबू, किन्नू, अनार, माल्टा, आड़ू और कश्मीरी एप्पल जैसे फलों की खेती कर सकते हैं.

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें

नाम - मुकेश जस्सु            
मोबाइल नंबर -9992230645           
पता - ढांड, जिला फतेहाबाद, हरियाणा 

English Summary: Mukesh Jassu quit his field officer job and started fig farming, earning millions of rupees today
Published on: 30 January 2021, 04:51 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now