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Updated on: 7 October, 2024 3:57 PM IST

Successful Farmer: मध्य प्रदेश के हरदा जिले के रखने वाले सफल किसान मधुसूदन धाकड़ (Progressive farmer Madhusudan Dhakad) ने अपनी मेहनत, समर्पण, और नवाचार के माध्यम से बागवानी की दुनिया में सफलता की एक नई मिसाल कायम की है. दसवीं तक की शिक्षा प्राप्त मधुसूदन ने पारंपरिक खेती के तरीकों को छोड़कर बागवानी फसलों की ओर रुख किया, जिससे उनकी कृषि यात्रा ने एक क्रांतिकारी मोड़ लिया. बागवानी को अपनाने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में भारी सुधार हुआ, बल्कि वे आधुनिक कृषि तकनीकों के उपयोग से अपनी उपज को भी कई गुना बढ़ाने में सक्षम हुए.

आज वे 200 एकड़ भूमि पर मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, लहसुन और अदरक जैसी सब्जियों समेत कई अन्य फसलों की खेती कर रहे हैं, जिससे करोड़ों रुपये की आमदनी हो रही है. उनकी इस सफलता ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध बनाया है, बल्कि वे अन्य किसानों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में उभरे हैं, जो खेती में आधुनिकता और नवाचार को अपनाकर अपनी ज़िन्दगी बदल सकते हैं. ऐसे में आइए आज सफल किसान मधुसूदन धाकड़ की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-

बचपन से ही खेती से जुड़ाव

सफल किसान मधुसूदन धाकड़ का जन्म एक किसान परिवार में हुआ, उनके पिता भी खेती-बाड़ी करते थे. बचपन से ही खेती से जुड़े रहने के कारण उन्होंने खेती की बारीकियों को गहराई से समझा. खेती की दुनिया में कदम रखने का फैसला आसान नहीं था, लेकिन पारिवारिक पृष्ठभूमि और खेती में रुचि के कारण उन्होंने इसे अपने करियर के रूप में चुना. हालांकि, शुरुआत में वे भी परंपरागत खेती करते थे, लेकिन जैसे-जैसे खेती के तरीकों में बदलाव आया, उन्होंने खुद को भी बदलने का निश्चय किया और बागवानी फसलों की ओर कदम बढ़ाया.

बागवानी फसलों में अपार सफलता

सफल किसान मधुसूदन धाकड़ आज करीब 200 एकड़ भूमि पर विभिन्न फसलों की खेती कर रहे हैं, जिसमें से 130 एकड़ पर वे विभिन्न बागवानी फसलों की खेती करते हैं. उनके पास बागवानी फसलों में तीखी मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, लहसुन और अदरक जैसी फसलें हैं, जिनसे वे करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे हैं-

हरी मिर्च

अगर बात करें तीखी मिर्च की, तो मधुसूदन इसे 40 एकड़ भूमि पर उगाते हैं. इस मिर्च की खेती में प्रति एकड़ लगभग 70,000 रुपये की लागत आती है. लेकिन इसके बदले में उन्हें प्रति एकड़ करीब 150 से 200 क्विंटल मिर्च का उत्पादन मिलता है, जिससे उनकी आमदनी प्रति एकड़ 3 लाख रुपये तक पहुंच जाती है.

शिमला मिर्च

इसके अलावा, वे शिमला मिर्च को 25 एकड़ भूमि पर उगाते हैं. शिमला मिर्च की खेती में प्रति एकड़ लागत करीब 1 लाख रुपये आती है. हालांकि, इसका मुनाफा भी उतना ही अच्छा है, क्योंकि प्रति एकड़ उन्हें लगभग 300 से 400 क्विंटल शिमला मिर्च का उत्पादन मिलता है, जिससे प्रति एकड़ 6 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है.

अपने टमाटर के खेत में मप्र के सफल किसान मधुसूदन धाकड़

टमाटर की खेती में भी सफल किसान मधुसूदन काफी सफल रहे हैं. वे 50 एकड़ भूमि पर टमाटर उगाते हैं. प्रति एकड़ टमाटर की खेती में लगभग 1 लाख रुपये खर्च होते हैं, लेकिन उत्पादन शानदार होता है. प्रति एकड़ उन्हें 1000 से 1200 कैरेट तक टमाटर का उत्पादन प्राप्त होता है, जिससे उनकी प्रति एकड़ आमदनी 3 लाख रुपये तक पहुंचती है.

मधुसूदन धाकड़ लहसुन की खेती भी करते हैं. लहसुन की फसल को वे 15 एकड़ भूमि पर उगाते हैं, और प्रति एकड़ इसमें लगभग 2 लाख रुपये की लागत आती है. लेकिन लहसुन की फसल का मुनाफा बेहद आकर्षक होता है, क्योंकि प्रति एकड़ लहसुन से उन्हें 7 लाख रुपये की आमदनी होती है.

मप्र के सफल किसान मधुसूदन धाकड़

इसके अलावा, अदरक की खेती में भी वे महारत हासिल कर चुके हैं. अदरक की फसल की लागत प्रति एकड़ करीब 2 लाख रुपये होती है और इसका उत्पादन 100 से 110 क्विंटल प्रति एकड़ होता है.

अपनी नर्सरी खुद तैयार करते हैं

सफल किसान मधुसूदन धाकड़ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे अपनी खेती के लिए जरूरी पौधों की नर्सरी खुद तैयार करते हैं. उनकी नर्सरी में 20 लाख से अधिक पौधे तैयार किए जाते हैं, जो उनकी विभिन्न फसलों की खेती में इस्तेमाल होते हैं. यह उनके आत्मनिर्भरता के विचार को दर्शाता है. खेती या नर्सरी के लिए उन्होंने कभी भी कोई बाहरी वित्तीय सहायता नहीं ली, बल्कि अपनी मेहनत और संसाधनों का सही उपयोग करके इस काम को अंजाम दिया. यह उनके आत्मविश्वास और समर्पण का जीता-जागता उदाहरण है.

देशभर में करते हैं सब्जियों का मंडीकरण

मधुसूदन धाकड़ ने अपनी मेहनत और फसल के बेहतर गुणवत्ता के कारण देश के विभिन्न राज्यों में अपनी पहचान बनाई है. वे केवल स्थानीय मंडियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनकी सब्जियां देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजी जाती हैं. कई व्यापारी उनके खेतों तक आकर फसलें खरीदते हैं, जिससे उन्हें बेहतर कीमत मिलती है. इसके अलावा, उन्होंने मार्केटिंग और बिक्री के लिए नए तरीकों को अपनाया है, जिससे उन्हें मंडियों में उच्च मूल्य प्राप्त होता है.

कृषि में नवाचार की महत्वता

सफल किसान मधुसूदन धाकड़ की सफलता का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्होंने हमेशा नई तकनीक और नवाचार को प्राथमिकता दी. उन्होंने परंपरागत खेती से हटकर नए और उन्नत तरीकों को अपनाया, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई और मुनाफा भी कई गुना बढ़ गया. वे मानते हैं कि खेती में सफल होने के लिए लगातार सीखते रहना और नई तकनीकों को अपनाना जरूरी है. वे अन्य किसानों को भी सलाह देते हैं कि वे परंपरागत खेती के साथ-साथ नई तकनीकों और आधुनिक तरीकों को अपनाएं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता बढ़ सके और खेती से मुनाफा कमा सकें.

किसानों के लिए प्रेरणास्रोत

सफल किसान मधुसूदन धाकड़ की सफलता कहानी हर उस किसान के लिए प्रेरणा है, जो यह सोचते हैं कि शिक्षा की कमी उनके लिए बाधा बन सकती है. उन्होंने साबित कर दिया है कि अगर आपके पास खेती के प्रति जुनून और नवाचार की सोच है, तो आप किसी भी परिस्थिति में सफलता हासिल कर सकते हैं. अपनी सीमित शिक्षा के बावजूद, उन्होंने बागवानी में एक ऐसा मुकाम हासिल किया, जहां वे करोड़ों रुपये कमा रहे हैं और अपनी फसलों से देशभर में पहचान बना रहे हैं.

बदलाव की सोच

सफल किसान मधुसूदन धाकड़ का मानना है कि जिस तरह से हम अपनी जिंदगी में बदलाव लाते हैं, उसी तरह खेती में भी बदलाव जरूरी है. समय के साथ नई तकनीकों को अपनाना और खेती के नए तरीकों को सीखना जरूरी है. किसानों को खुद को अपडेट रखना चाहिए और बाजार की मांग के अनुसार खेती करनी चाहिए. इस तरह, किसान न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि खेती को एक लाभकारी व्यवसाय में बदल सकते हैं.

English Summary: MP's successful farmer Madhusudan Dhakad is earning 5 crore rupees from vegetable farming learn his success story
Published on: 07 October 2024, 04:24 PM IST

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