Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 21 September, 2019 11:58 AM IST

छ्त्तीसगढ़ के एक किसान ने अपने यहां चार एकड़ बंजर भूमि में खेती करके नया रिकॉर्ड बनाया गया है. किसान की मेहनत का ही हौसला है कि उसने खाली पड़ी हुई भूमि पर अपनी मेहनत से उसको हरा-भरा कर दिया है. साथ ही वह ना सिर्फ खुद बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बन रहे है. किसान जगतमहंत ने बंजर भूमि पर दलहन और तिलहन की खेती करके आज लाखों रूपए की आमदनी भी कर रहा है. इससे उसको काफी फायदा हो रहा है.

पहले खुद बोई फसल

किसान ने अपनी मेहनत और हौसलों के सहारे अपनी खाली जमीन को खेती के लायक बनाया है. अब किसान ने यहां पर बोर करवाकर जमीन को संवारने में इतनी ज्यादा मेहनत की है कि अब उक्त भूमि में दलहन और तिलहन की खेती के अलावा हरी सब्जी, खीरा, मक्का सहित कई तरह की अलग-अलग पज को ले रहे है. इससे न केवल उनको लाखों की आमदनी हो रही है ब्लकि किसानों के बीच वह प्रेरणास्त्रोत बने हुए है. यहां पर प्रदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने सबसे ज्यादा यहां पर अधिक तिलहन और तिलहन की खेती की है जिससे उनको अधिक आमदनी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि वह लगातार आठ घंटे फसलों की निगरानी उन्हें कीट के प्रकोप से बचाना, रासायनिक खाद के छिड़काव करके उन्हें बच्चों की तरह ही पालते है. इसके बाद फसल सही सलामत हो जाती है.

अवारा मवेशी बने दुश्मन

किसान का कहना है कि यदि गांव में किसी भी तरह से कांजी हाउस की सुविधा होती है तो निश्चित रूप से उसकी आमदनी में बढ़ोतरी हो जाती है क्योंकि गांव में अवारा पशुओं के आने से फसल नुकसान होता है.,उन्होंने बताया कि गांव में शासन की नरवा घुरवा बारी योजना के तहत गोठन का निर्माण किया गया है, लेकिन गोठान के मवेशियों को लोग बदमाशी करते हुए रात को छोड़ देते है.

English Summary: Millions are being earned by farming on barren land
Published on: 21 September 2019, 12:02 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now