छ्त्तीसगढ़ के एक किसान ने अपने यहां चार एकड़ बंजर भूमि में खेती करके नया रिकॉर्ड बनाया गया है. किसान की मेहनत का ही हौसला है कि उसने खाली पड़ी हुई भूमि पर अपनी मेहनत से उसको हरा-भरा कर दिया है. साथ ही वह ना सिर्फ खुद बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बन रहे है. किसान जगतमहंत ने बंजर भूमि पर दलहन और तिलहन की खेती करके आज लाखों रूपए की आमदनी भी कर रहा है. इससे उसको काफी फायदा हो रहा है.
पहले खुद बोई फसल
किसान ने अपनी मेहनत और हौसलों के सहारे अपनी खाली जमीन को खेती के लायक बनाया है. अब किसान ने यहां पर बोर करवाकर जमीन को संवारने में इतनी ज्यादा मेहनत की है कि अब उक्त भूमि में दलहन और तिलहन की खेती के अलावा हरी सब्जी, खीरा, मक्का सहित कई तरह की अलग-अलग पज को ले रहे है. इससे न केवल उनको लाखों की आमदनी हो रही है ब्लकि किसानों के बीच वह प्रेरणास्त्रोत बने हुए है. यहां पर प्रदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने सबसे ज्यादा यहां पर अधिक तिलहन और तिलहन की खेती की है जिससे उनको अधिक आमदनी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि वह लगातार आठ घंटे फसलों की निगरानी उन्हें कीट के प्रकोप से बचाना, रासायनिक खाद के छिड़काव करके उन्हें बच्चों की तरह ही पालते है. इसके बाद फसल सही सलामत हो जाती है.
अवारा मवेशी बने दुश्मन
किसान का कहना है कि यदि गांव में किसी भी तरह से कांजी हाउस की सुविधा होती है तो निश्चित रूप से उसकी आमदनी में बढ़ोतरी हो जाती है क्योंकि गांव में अवारा पशुओं के आने से फसल नुकसान होता है.,उन्होंने बताया कि गांव में शासन की नरवा घुरवा बारी योजना के तहत गोठन का निर्माण किया गया है, लेकिन गोठान के मवेशियों को लोग बदमाशी करते हुए रात को छोड़ देते है.