वर्षा ऋतु में मवेशियों की वैज्ञानिक देखभाल एवं प्रबंधन Vermicompost Subsidy: वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगाने पर किसानों को मिलेगा 50 हजार रुपये अनुदान, जानें कैसे उठाएं लाभ! खुशखबरी! 1 से 7 जुलाई तक मनाया जाएगा फसल बीमा सप्ताह, ऐसे कराएं किसान रजिस्ट्रेशन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 19 July, 2020 3:10 AM IST
Facebook Live

कृषि जागरण ने #farmerthebrand अभियान की पहल शुरू की है, जिसके तहत देशभर के सफल किसानों को जोड़ा जाता है. आज कृषि जागरण Farmer The Brand अभियान के तहत एक सफल किसान प्रमिल चौबे से रूबरू करा रहा है, जो कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर के रहने वाले हैं.

प्रमिल चौबे कृषि क्षेत्र में अच्छी जानकारी रखते हैं. वह गेहूं और टमाटर की खेती जैविक तरीके से करके अच्छा मुनाफ़ा कमाते हैं. आइए आपको प्रमिल चौबे से रूबरू कराते हैं, जिन्होंने कृषि जागरण के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए महत्वपूर्ण जानकारी दी है.

किसान रसायन का उपयोग न करके फसलों की खेती जैविक तरीके से करें, तो उन्हें ज्यादा अच्छी पैदावार प्राप्त हो सकती है. करीब 1 से 2 साल से जैविक खेती कर रहे हैं. इस दौरान गेहूं और टमाटर की खेती की है, जिसमें किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया गया है. खेती में उपयोग की जाने वाली सभी खाद जैविक थी. इसमें गाबर की खाद डीकम्पोजर शामिल है. डीकम्पोजर खाद से कई तरह से पोषक तत्व बनाए जा सकते हैं.

गेहूं की खेती (Wheat Cultivation)

गेहूं की बुवाई करने से पहले डीकम्पोजर खाद खेत में अच्छी तरह मिल दें. जब फसल 15 से 20 की हो जाए, तो सबसे पहले डीकम्पोजर खाद और 200 लीटर पानी का घोल तैयार कर लें. उसमें सभी तरह की दाल, गुड़ और पुराने मेड़ की मिट्टी लेकर मिलाएं और उसका छिड़काव करें. इससे फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है, साथ ही लागत की भी बचत होती है. इस तरह खेती करने से रसायन का उपयोग नहीं करना पड़ता है. हर किसान को इसी तरह खेती करना चाहिए.

टमाटर की खेती (Tomato Cultivation)

इसकी खेती भी जैविक तरीके से की है, साथ ही कीट या रोग का प्रकोप होने पर जैविक तरीके से उपचार कतरना उचित रहता है. इसके लिए नीम, धातुरा और अन्य औषधीय पत्तियों को पानी में उबाल लें और पौधों पर इसका छिड़काव करें. इससे फसल को किसी भी तरह का कीट या रोग नहीं लग पाएगा.

पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सकते हैं...

https://www.facebook.com/krishijagranUttarpradesh/videos/397628057883561/

English Summary: Make a good profit by cultivating wheat and tomatoes organically
Published on: 19 July 2020, 04:04 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now