कृषि जागरण ने #farmerthebrand अभियान की पहल शुरू की है, जिसके तहत देशभर के सफल किसानों को जोड़ा जाता है. आज कृषि जागरण Farmer The Brand अभियान के तहत एक सफल किसान प्रमिल चौबे से रूबरू करा रहा है, जो कि उत्तर प्रदेश के ललितपुर के रहने वाले हैं.
प्रमिल चौबे कृषि क्षेत्र में अच्छी जानकारी रखते हैं. वह गेहूं और टमाटर की खेती जैविक तरीके से करके अच्छा मुनाफ़ा कमाते हैं. आइए आपको प्रमिल चौबे से रूबरू कराते हैं, जिन्होंने कृषि जागरण के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
किसान रसायन का उपयोग न करके फसलों की खेती जैविक तरीके से करें, तो उन्हें ज्यादा अच्छी पैदावार प्राप्त हो सकती है. करीब 1 से 2 साल से जैविक खेती कर रहे हैं. इस दौरान गेहूं और टमाटर की खेती की है, जिसमें किसी भी प्रकार के रसायन का उपयोग नहीं किया गया है. खेती में उपयोग की जाने वाली सभी खाद जैविक थी. इसमें गाबर की खाद डीकम्पोजर शामिल है. डीकम्पोजर खाद से कई तरह से पोषक तत्व बनाए जा सकते हैं.
गेहूं की खेती (Wheat Cultivation)
गेहूं की बुवाई करने से पहले डीकम्पोजर खाद खेत में अच्छी तरह मिल दें. जब फसल 15 से 20 की हो जाए, तो सबसे पहले डीकम्पोजर खाद और 200 लीटर पानी का घोल तैयार कर लें. उसमें सभी तरह की दाल, गुड़ और पुराने मेड़ की मिट्टी लेकर मिलाएं और उसका छिड़काव करें. इससे फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है, साथ ही लागत की भी बचत होती है. इस तरह खेती करने से रसायन का उपयोग नहीं करना पड़ता है. हर किसान को इसी तरह खेती करना चाहिए.
टमाटर की खेती (Tomato Cultivation)
इसकी खेती भी जैविक तरीके से की है, साथ ही कीट या रोग का प्रकोप होने पर जैविक तरीके से उपचार कतरना उचित रहता है. इसके लिए नीम, धातुरा और अन्य औषधीय पत्तियों को पानी में उबाल लें और पौधों पर इसका छिड़काव करें. इससे फसल को किसी भी तरह का कीट या रोग नहीं लग पाएगा.
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