मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 21 October, 2023 4:51 PM IST
Farmers should earn double from pearl farming! (Photo source: Google)

किसानों के लिए मोती की खेती बेहद फायदेमंद साबित हो रही है. बाजार में मोती से बने उत्पादों की मांग भी बहुत अधिक है. एक असली मोती की कीमत लगभग 300 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक होती है. ऐसे में अगर आप मोती पालन करते हैं, तो आप इस बिजनेस से मोटी कमाई कर सकते हैं. मोती पालन के लिए आपको एक बड़े से टैंक को बांस में लटका कर उसमें सीपियों को पानी में रखना है. ताकि यह सही तरह से विकसित हो सके. इस तरह से सीपियों को पानी में करीब-करीब 14 महीने से लेकर 3 साल तक के लिए रखना होता है. बता दें कि पश्चिम चंपारण जिले के बगहा-2 के निवासी अजय प्रियदर्शनी ने मोती पालन से 14 महीने में ही लागत से कई गुना लाभ प्राप्त किया है. इन्होंने मोती की खेती में 2 लाख रुपये तक खर्च किए और वहीं मुनाफा लगभग 4.20 लाख रुपये हुआ है.

मोती पालन को लेकर माना जाता है कि इसमें काफी अधिक समय व मेहनत लगती है और लाभ बेहद कम मिलता है. लेकिन ऐसा नहीं है. आइए अजय प्रियदर्शनी की मोती पालन की विधि के बारे में जानते हैं. ताकि आप भी अपनी लागत से कहीं अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकें.

मोती पालन का तरीका

अजय प्रियदर्शनी के अनुसार, उन्होंने मोती पालन के लिए लगभग एक लाख रुपये में कम से कम दो हजार सीपियों को बाजार से खरीदा और उसे पानी के टैंक को बांस में लटका कर रख दिया. उन्होंने इसे 14 महीने के लिए एक ही स्थान पर अकेले छोड़ दिया. जब उन्होंने 14 महीने के बाद टैंक को देखा तो उसमें से लगभग 1400 सीपियां जीवित रही और बाकी बची मर गई. उन्होंने बताया कि जो सीपियां जीवित रही वह चपटे आकार वाली एकमुखी मोतियां बनी.

मोती पालन में लागत व मुनाफा

अजय प्रियदर्शनी के मुताबिक, मोती पालन की इस 14 महीने की प्रक्रिया में उन्होंने लगभग एक लाख रुपये तक खर्च किए और वहीं उन्होंने बाजार से एक लाख रुपये की दो हजार सीपियां खरीदी थीं. ऐसे में हिसाब लगाया जाए तो अजय की मोती पालन में कुल लागत दो हजार रुपये आई.

ये भी पढ़ें: मोती की खेती कर देगी मालामाल, कहां से लें ट्रेनिंग जानिए

वहीं, अगर हम मुनाफे की बात करें, तो इन्होंने 14 महीने के बाद जब मोतियों को बाजार में बेचा तो उसके इन्हें कुल 4.20 लाख रुपये मिलें. उन्होंने बताया की बाजार में एक मोती की कीमत करीब 300 रुपये के हिसाब से बिकी ऐसे में उसकी 1400 सीपियां थी, जिससे उसे कम लागत में दोगुना लाभ प्राप्त हुआ. 

English Summary: income from pearl farming will double west champaran farmer income how to cultivate pearls
Published on: 21 October 2023, 05:02 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now