किसानों की जीविका खेती पर ही निर्भर होती है. अगर उनके पास जमीन थोड़ी हो, तो वह अपने परिवार का पालन पोषण सही तरीके से नहीं कर पाते हैं. कई बार परंपरागत तरीके से खेती करना भी किसानों की आमदनी कम कर देता है. ऐसे में अगर सूखा या अकाल पड़ जाए, तो किसानों की आर्थिक स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाती है. मगर इस बीच कई किसान एक मिसाल बनकर भी उभरते हैं. इसी तरह हरियाणा जिले के गांव नाथूसरी कलां के किसान ईश्वर सिंह कड़वासरा की कहानी एक मिसाल कयाम कर रही है. बता दें कि किसान ने मात्र 2 एकड़ खेत में टमाटर, तोरी, तरबूज और मिर्च आदि मौसमी सब्जियों की खेती को अच्छी कमाई का जरिया बनाया है.
इस तरह की खेती की शुरुआत
किसान ने केलव 6 कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए 8 साल पहले मात्र 4 एकड़ भूमि में से 2 एकड़ में खेती करना शुरू किया. किसान ने 2 एकड़ खेत में स्ट्राबेरी, गेंदे और गुलाब के पौधे लगाए. इसके साथ ही मौसमी सब्जियां टमाटर, तोरी, घीया, ककड़ी, तरबूज और टिंडे की खेती करना शुरू किया. खास बात है किसान ने फूल, स्ट्राबेरी और सब्जियों की खेती से बेहतर आमदनी कमाना शुरू कर दिया. वैसे इस साल कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से स्ट्राबेरी की खेती से ज्यादा लाभ नहीं हुआ है, लेकिन टमाटर, तरबूज, तोरी, मिर्च की बिक्री से काफी अच्छा लाभ मिला है.
परंपरागत खेती से आमदनी हुई कम
किसान का कहना है कि 8 साल पहले परंपरागत खेती में आमदनी कम होती थी. इसके बाद किसान ने सोचा कि गांव में परंपरागत खेती के साथ-साथ अन्य तरीकों को भी खेती में अपनाया जा सकता है. किसान ने अपनी परिवार के साथ मिलकर 2 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की. इसके बाद उसी 2 एकड़ में सब्जियों की खेती की. इससे उसको अतिरिक्त आमदनी होने लगी. इतना ही नहीं, किसान ने बाद में गेंदा और गुलाब भी लगाया, जिससे हर साल अच्छी आमदनी मिलना शुरू हो गया. बता दें कि किसान बची हुई भूमि में खाने के लिए गेहूं, सरसों कपास आदि की खेती भी करता है.
सब्जियों की खेती से हुआ लाखों का फायदा
किसान ने अपने खेत के 1 एकड़ में तरबूज, आधा एकड़ में टमाटर, आधा एकड़ में तोरी, 2 कनाल में हरी मिर्च उगाई, जिससे अब तक लगभग 3 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी मिल चुकी है. किसान की मानें, तो इन सब्जियों की खेती में कभी रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया है. वह हमेंशा खेती में गोबर की खाद और जैविक खाद का ही उपयोग करता है. इसके साथ ही कीटनाशक भी ऑर्गेनिक उपयोग करता है. बता दें कि किसान की सफल खेती को देखकर आस-पास के किसान भी प्रेरित होने लगे हैं.
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