Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? PM Kusum Yojana से मिलेगी सस्ती बिजली, राज्य सरकार करेंगे प्रति मेगावाट 45 लाख रुपए तक की मदद! जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 18 January, 2022 11:56 AM IST
सब्जियों की खेती

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य गरीबों तक पहुंच बनाना, उन्हें रोजी-रोटी के अवसर उपलब्ध कराना व गरीबी से उबरने तक उनके साथ बने रहना है. इस सिद्धांत पर आधारित है कि गरीबों में अपार क्षमताएं विद्यमान हैं

और वे उद्यमी हैं. यदि उन्हें उचित अवसर तथा सहारा मिल जाए, तो वे गरीबी से उबर सकते हैं. आजीविका मिशन के समूह की महिलाएं कम जमीन में वैज्ञानिक विधि से सब्जी उत्पादन करके, जीविकोपार्जन कर रही हैं.\

इस खबर को पढें -बेल वाली फसलों की खेती से मिलेगा बंपर उत्पादन, किसान शुरू कर दें तैयारी

इसी कड़ी में जनपद इटावा के  विकास खंड बसरेहर में ओम शति स्वयं सहायता समूह, नावली की मोना देवी ने बेमौसम सब्जियों की खेती अपनाकर नई पहल की है. वर्तमान समय में जहं लोग खेती को छोड़कर अन्य रोजगार धंधे अपना रहे है, वहीं जनपद इटावा में मोना देवी ने बेमौसम सब्जी उत्पादन कर खेती से होने वाली आमदनी में नया आयाम स्थापित करते हुए खेती को एक लाभप्रद व्यवसाय के रूप में स्थापित किया है.

प्लास्टिक मलचिंग तकनीकी का प्रयोग कर वर्तमान में खीरा एवं तरबूज का उत्पादन प्रारम्भ होने लगा है तथा नगद आमदनी मिलनी शुरू हो गयी है. इस कार्य में पति का भी पूर्ण सहयोग मिल रहा है। बेमौसमी सब्जी उत्पादन में पानी कम लगता है तथा कम जमीन पर ज्यादा पैदावार मिलती है. सब्जी का मूल्य अन्य मौसमी सब्जियों की अपेक्षा ज्यादा मिलता है. इस प्रकार बेमौसमी सब्जी की खेती प्रारम्भ करके समूह की दीदी ने एक प्रेरणादायी मिसाल कायम की है. बेमौसमी सब्जी की खेती को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं तथा उनके इस कार्य/प्रयास की सराहना कर रहे हैं.

बेमौसमी सब्जी के उत्पादन से दीदियों को सालभर रोजगार मिलने के साथ-साथ ताजा व पौष्टिक सब्जियां मिल रही हैं. फलस्वरूप आमदनी में नगद वृद्धि होने के साथ ही कुपोषण जैसी समस्या का भी सफलतापूर्वक सामना करने में ग्रामीण दीदीया सक्षम हो रही हैं. निश्चित ही बेमौसमी सब्जियों की खेती दीदियों के चेहरे पर विजयी मुस्कान देने में सफल रही है.

डॉ. नन्दकिशोर साह
ग्राम पोस्ट-बनकटवा,भाया- धोड़ासहन
जिला-पूर्वी चम्पारण
बिहार-845303
Email ID-  nandkishorsah59@gmail.com
Mob. No.09934797610, 8210409682

English Summary: Getting good income from off-season vegetable cultivation
Published on: 18 January 2022, 12:04 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now