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Updated on: 26 June, 2019 5:15 PM IST

वाराणसी शहर से सटे गंगा किनारे रमना गांव के किसान रामधारी सिंह खेती के बल पर ही मालामाल है. वह न केवल अपने परिवार का खर्चा चला रहे है, बल्कि सब्जी की खेती से वह सलाना लाखों रूपये की बचत भी कर लेते है वह बताते है कि अगर सेम की खेती ही अच्छी निकल गई तो समझो शादी समारोह का खर्च भी निकल आया. इस गांव में छोटे-बड़े सभी किसान पूरी शान से अपना घर चला रहे है. जिसके पास पांच बिस्वा भी खेत है, वह सब्जी की खेती करके आराम से अपना घर चला लेता है. इस गांव में मात्र सब्जी की खेती से ही करीब 20 करोड़ की कमाई हो रही है.

लाखों का हो रहा मुनाफा 

बीते पांच वर्षों में सरकार की विभिन्न योजनाओं से गांव की खेती ने गति  पकड़ी है. रमना को बनपुरवां भी कहा जाता है. यहां की सब्जियां शहर के साथ ही कई इलाकों व मंडियों में भेजी जाती है. गांव के ओम प्रकाश सिंह बातते है कि शहर के करीब आधे हिस्से तक इस गांव की सब्जियां पहुंचती है. यही नहीं कोलकाता तक यहां की सब्जी भेजी जाती है. इस गांव की आबादी करीब 20 हजार है. यहां पर हर परिवार की मुख्य कमाई का जरिया सब्जी की खेती ही है. छोटे किसानों का भी मुनाफा करीब दो लाख रूपये सलाना हो जाता है. यहां गांव में खाद और अन्य दवाओं के विक्रेता विजय कुमार सिंह का कहना है कि सेम की फली पर सबसे ज्यादा कीट और फंग्स हमला करते है . इस जगह पर अमरूद व नींबू की भी बहुत ज्यादा पैदावार होती है. यहां के किसानों के अनुसार खेती में मेहनत और लागत तो लगती है. लेकिन आमदनी भी खूब है. सब्जी की खेती से ही घर के खर्च के साथ ही बच्चों की पढाई और शादी -विवाह आसानी से निपट जाता है.

गांव में बना वर्मी कंपोस्ट प्लांट 

गांव में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की मदद से करीब डेढ़ सौ वर्मी कंपोस्ट प्लांट बनाए गए है. इससे किसान केंचुआ खाद या वर्मी कम्पोस्ट बना रहे है. केचुओं के उपयोग से व्यापारिक स्तर पर खेत पर ही कंपोस्ट बनाया जाना संभव है. इस विधि द्वारा कंपोस्ट मात्र 45 से 75 दिनों में तैयार जाता है. किसान प्रतिदिन के कूड़ा करकट को एक अच्छी खाद वर्मीकंपोस्ट  में बदल रहे है. इस खाद में नाइट्रोजन ( 1.2 से 1.4 प्रतिशत) , फास्फ़ोरस के  अलावा सूक्ष्म पोषक तत्व भी उपलब्ध होते है. किसान चंद्रभान का कहना है कि यहां पर सबसे ज्यादा करेला, तोरी, लौकी, सेम, बोड़ा, खीरा और बैगन की खेती होती है. इसमें भले ही ज्यादा मेहनत लगती है लेकिन लाभ भी अच्छा होता है.

English Summary: Farmers earning millions of crores by distributing vegetables
Published on: 26 June 2019, 05:34 PM IST

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