नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 26 June, 2019 4:40 PM IST

मध्य प्रदेश के खंडवा में किसान जयदेव पाटीदार ने खेती को लाभ का धंधा बनाने का काम किया है. उन्होंने अपने 12 एकड़ खेत में खेती को न करते हुए सब्जियों की पौध उगाने के लिए नर्सरी को स्थापित किया है. अब प्रदेश सहित गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान में सब्जियों की पौध सप्लाई करके लाभ को कमा रहे है. वह इसके अलावा अन्य 600 लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. जयदेव ने इससे पहले अपने खुद के लिए पौध को तैयार किया था. जब पौध ज्यादा हो गई तो उन्होंने आसपास के इलाके में अपनी पौध किसानों को बेची. वह चार राज्यों में आज सब्जियों की पौध को सप्लाई करने का कार्य कर रहे है. किसान जयदेव पाटीदार ने बताया कि 12 एकड़ की खेती में 2007 में बांस की पॉली हाउस को बनाकर खुद के लिए खेती को शुरू किया था. जब इस खेती से साकारात्मक परिणाम सामने आने के बाद 2011-12 में पॉली हाउस को स्थापित करके सब्जी की पौध को तैयार करने में लगे है.कृषक पाटीदार आज क्यारियां लगाकर पौध तैयार करने का काम कर रहे है. साथ ही वह किसानों को कम लागत पर उच्च गुणवत्ता के पौधे उपलब्ध करवा रहे हैं.

यह पौधे हो रहे है तैयार

इस नर्सरी में हरी मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर, पपीता, करेला, बैंगन, फूल गोभी, पत्ता गोभी सहित अन्य तरह की सब्जियों के बीजों को तैयार किया जा रहा है. यहां एक साल में एक डेढ़ करोड़ रूपए के पौधे तैयार करने का कार्य किया जा रहा है.  यहां पर करीब 15 लाख पौधों को तैयार किया जा रहा है.

आधुनिक है पूरी तरह से नर्सरी

जयदेव पाटीदार बताते है कि नर्सरी को पूरी तरह से आधुनिक बनाया गया है.साथ ही किसानों को ऑर्डर देने के लिए सॉफ्टवेयर भी बनवाया गया है. इसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से बुकिंग की जाती है. इससे जुड़े सभी किसानों को समय-समय पर मैसेज के जरिए जानकारी दी जाती है कि नर्सरी में कौन से पौधे उपलब्ध है. यहां पर डिलीवरी के तीन दिन पहले किसानों को मैसेज आता है. इसमें य़ह जानकारी रहती है कि कौन सी कंपनी के बीजों से पौध तैयार की गई. इसके अलावा 75 किमी के दायरे किसानों के घर तक स्वयं के वाहन से नर्सरी मालिक स्वंय पौध  पहुंचाता है.

पौधे बनाने के लिए व्यवस्था

किसान ने 12 एकड़ भूमि पर दो पॉली हाउस बनाए है. इनमें 12 से 15 लाख पौधों को तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा पांच नेट हाउस भी बनाए गए है. एक गोदाम भी बनाया गया है. जहां पौधों ऑटोमेटिक दवा का छिड़काव करके जीवित रखा जा रहा है. साथ ही मजदूरों को रहने के लिए 25 टीनशेड भी बनाए गए है.

English Summary: Farmers earn better profits by growing different varieties of vegetables
Published on: 26 June 2019, 04:50 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now