अगले 2 दिन इन राज्यों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना, पढ़ें आईएमडी की लेटेस्ट रिपोर्ट! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! केले की पूरी फसल बर्बाद कर सकते हैं वायरल रोग, जानें इनके लक्षण और प्रबंधन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 12 October, 2019 7:56 PM IST

आज प्रकृति के असंतुलन के बीच खेती-किसानी का काम काफी अनिश्चिता भरा हो चला है लेकिन उसके बाद भी कभी बारिश तो कभी ज्यादा सर्दी के बीच उलझती फसलों के दौर में कई आधुनिक किसान ऐसे भी है जिन्होंने फसल के ट्रेंड को बदलकर एक नई मिसाल पेश की है. उन्होंने नई तकनीकी और कृषि किस्म के बलबूते पर आसमां को छुआ है. इसके लिए वह न तो यह सरकार पर आश्रित है न ही इसको प्रकृति से कोई भी शिकायत है. मालवा के किसान नींबू के बगीचे को लगाकर ही मालामाल हो गए है तो कुछ ने अमरूद, अलसी, मक्का जैसी फसलें को लेकर खुशहाली को हासिल किया है. मालवा क्षेत्र में यू तो पारंपरिक खेती का ही बोलबाला है. खरीफ में सोयाबीन, दाल दलहन तो रबी में गेहूं डालर चना की बहुतायत होती है. यहां पर 80 फीसदी रकबे में यही पर फसलें होती है. लेकिन जिले के ज्यादातर किसानों ने इंटीग्रेटेड फार्मिग को अपनाया है.

चार बीघा खेत में लगाए नींबू

स्मार्ट खेती से जुड़कर इन्होंने खेती की नई मिसाल को पेश किया है. उन्होंने चार बीघा भूमि पर नींबू के बगीचे को लगाने का कार्य किया है. यह माल जब बाजार में बिका तो इससे उनको 6.25 लाख की कमाई भी हुई. यहां पर उन्नत किस्म की खेती के राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार हासिल कर चुके अश्विनी कहते है कि अब किसानों का उद्यानिकी फसलों पर रूझान बढ़ा है. क्योंकि कम लागत में ज्यादा मुनाफा होता है.

एक फसल की प्रवृति को त्यागे किसान

यहां पर अलग प्रकार की खेती करके स्मार्ट किसान का कहना है कि किसानों को एक तरह व समूहिक फसल की प्रवृति तो त्यागना होगा. पारंपरिक फसलों के अलावा उड़द, मूंग, अरहर, अलसी, अमरूद, चना की फसलें कापी लाभकारी है क्योंकि जो उत्पादन बाजार में कम होगा उसका बढ़िया मूल्य मिलता है. यह बात किसानों को समझनी होगी. इसी भूमि को उपयोगी बनाकर गांवों में खुशहाली लाई जा सकती है. साथ ही किसानों को खेतों मेंढ़ एवं नाली की पद्धित को अपनाना होगा.

हो रही सीताफल और संतरा की खेती

यहां उद्यानिकी विभाग के मुताबिक यहां किसान उद्यानिकी क्षेत्र में आगे आ रहे है. यहां पर नागादा-खाचरौद सहित अन्य कुछ  गांवों में एक हजार हेक्टेयरमें बर्फ खान की वैरायटी का अमरूद लगा हुआ है. इसके साथ ही कई किसान सीताफल, अंगूर, संतरा, की उन्नत खेती पा रहे है. यहां पपीते की खेती के लिए जिले में मौसम भी अनुकूल नहीं रहता है.,

English Summary: Farmers are earning millions by growing lemons
Published on: 12 October 2019, 07:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now