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Updated on: 4 January, 2021 4:27 PM IST
Farmer Vinod Chauhan

काले गेहूं की खेती से देशभर में अपनी एक अलग पहचान बना चुके धार जिले के प्रोग्रेसिव फार्मर विनोद चौहान एक बार फिर चर्चा में है. इस बार उन्होंने चने की खेती को लेकर नया प्रयोग किया है. 

दरअसल, बाजार की डिमांड को देखते हुए विनोद इस बार काले चने की खेती कर रहे हैं. धार जिले के सिरसौदा गांव से ताल्लुक रखने वाले विनोद हर साल खेती को लेकर नए-नए प्रयोग करते हैं. वैसे, यह पहला मौका है जब धार जिले में काले चने की खेती की जा रही हो. तो आइये जानते हैं विनोद से काले चने की खेती के फायदें.   

काले चने की एमपीके-179 किस्म

विनोद चौहान का कहना है काले चने की यह एमपीके-179 ( MPK-179) किस्म है जिसे महाराष्ट्र के राहुरी स्थित महात्मा फुले कृषि विध्यापीठ ने विकसित की है. इस किस्म की खेती के लिए मध्य प्रदेश के अलावा पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा तथा छत्तीसगढ़ आदि राज्यों की जलवायु अनुकूल है. 

उन्होंने बताया कि उन्होंने इस बार लगभग 15 बीघा में काला चना उगाया है जिसमें लगभग ढाई क्विंटल बीज लगा है. यह बीज उन्होंने नीमच जिले से मंगाया है जो उन्हें 12 हजार रुपये क्विंटल के हिसाब से मिला है. वे काले चने की सफल खेती के लिए विनोद समय-समय पर कृषि विज्ञान के जीएस गाठिए से मार्गदर्शन लेते रहते हैं.   

 काले चने की विशेषताएं (Features of black gram)

सामान्य चने की तुलना में काले चने में उच्च मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जिसके कारण यह जिम में मेहनत करने वालों के लिए उत्तम आहार है ताकि वह परफेक्ट बॉडी शेप पा सकें. इसके अलावा इसमें फायबर,फोलेट्स, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, कॉपर और फास्फोरस जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही यह फायटो न्यूट्रिएंट्स, एंटी आक्सीडेंट, एएलए और एन्थोसायनीन का अच्छा स्त्रोत होता है.

इसके सेवन से विटामिन-ए, बी, सी, डी, फास्फोरस, पोटेशियम, मैग्नीशियम और क्लोरोफिल की आसानी से पूर्ति की जा सकती है. काला चना अपने विशिष्ठ पोषक तत्वों की वजह से हार्ट स्ट्रोक, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, कब्ज जैसी बीमारियों में फायदेमंद है. यह बाल, त्वचा के लिए उपयोगी होने के साथ ही डिप्रेशन को भी कम करता है. 

काले चने की खेती और पैदावार (Black gram cultivation and production)

काले चने की खेती भी सामान्य चने की खेती की तरह ही होती है. इसके लिए प्रति एकड़ 30 किलो बीज की आवश्यकता होती है.  मिट्टी और जलवायु के हिसाब से इसमें एक या दो सिंचाई की आवश्यकता होती है.

चने की यह किस्म 110 से 120 दिन में पक जाती है. एक एकड़ से 10-12 क्विंटल की पैदावार होती है. विनोद का कहना हैं कि वर्तमान में काले चने की ना के बराबर उपलब्धता है इसलिए इसकी अच्छी खासी मांग रहती है. 

बीज कहां से प्राप्त करें (Where to get seeds)

विनोद चौहान, सिरसौदा गांव, धार जिला, मध्य प्रदेश  
मोबाइल नंबर : 97555-45650

English Summary: farmer Vinod Chauhan is after black wheat now black gram farming in 15 bigha in dhar
Published on: 04 January 2021, 04:31 PM IST

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